क्या बिहार के नवनिर्वाचित 40 सांसदों में 21 सांसद दागी है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुने गए बिहार के 40 सांसदों में  50 फीसदी से ज्यादा पर आपराधिक मामले हैं, जिनमें से पांच सांसदों पर हत्या के प्रयास से संबंधित मामले घोषित किए हैं और 19 पर गंभीर प्रकृति के अपराध के मामले हैं, जो गैर-जमानती हैं साथ ही अधिकतम पांच साल की सजा का प्रावधान है।  एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की तरफ से जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। विजयी उम्मीदवारों के हलफनामों में 21 प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

सूबे से जीतकर आए 40 सांसदों में 21 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। यानी 53 फीसदी सांसद ऐसे हैं, जिनके खिलाफ कोई न कोई आपराधिक मामला चल रहा है। इसके अलावा 19 सांसद, यानी 48 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। गंभीर आपराधिक मामलों का मतलब 5 साल या इससे अधिक की सजा वाले अपराध या गैर-जमानती अपराध, सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने से संबंधित अपराध, हमला, हत्या, अपहरण, बलात्कार समेत ऐसे अन्य मामले दर्ज होना होता है।

पांच सांसदों पर हत्या का प्रयास करने से संबंधित मामला दर्ज है। सिर्फ एक उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन पर महिला पर अत्याचार करने से संबंधित मामला भी दर्ज है। सबसे ज्यादा राजद से जीते सभी 4 सांसदों पर कोई न कोई आपराधिक मामला दर्ज है। कांग्रेस के कुल सांसदों में 33 फीसदी, लोजपा (रामविलास) के सांसदों के खिलाफ 40 फीसदी, जदयू के 17 फीसदी, भाजपा के 58 फीसदी और सीपीआई (माले) के 50 फीसदी सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। हम और निर्दलीय जीते एक-एक सांसद पर भी आपराधिक मामले है। पूर्णिया से एकमात्र निर्दलीय उम्मीदवार राजेश रंजन उर्फ ​​पप्पू यादव पर सर्वाधिक 41 घोषित आपराधिक मामले हैं

भाजपा के 12 सांसदों में से आठ (67%), जिनमें जनार्दन सिंह सिग्रीवाल (महाराजगंज), गिरिराज सिंह (बेगूसराय), अशोक कुमार यादव (मधुबनी), डॉ संजय जयसवाल (पश्चिम चंपारण), प्रदीप कुमार सिंह (अररिया) शामिल हैं। एडीआर रिपोर्ट में कहा गया है कि नित्यानंद राय (उजियारपुर), राधा मोहन सिंह (पूर्वी चंपारण) और गोपालजी ठाकुर (दरभंगा) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से ठाकुर को छोड़कर, शेष सात पर आईपीसी के तहत गंभीर प्रकृति के कुछ आरोप हैं।

जेडीयू के 12 सांसदों में केवल दो सीतामढ़ी से देवेश चंद्र ठाकुर और सुपौल से दिलेश्वर कामत पर आपराधिक मामले हैं। जबकि वैशाली से वीणा देवी और खगड़िया से राजेश वर्मा एलजेपी (आरवी) के पांच सांसदों में से दो हैं। जिन्होंने आपराधिक मामले घोषित किए हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हम (एस) के जीतन राम मांझी ने भी आपराधिक मामलों की घोषणा की है। जेडीयू, एलजेपी (आर) और हम (एस) बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी हैं.

सुरेंद्र प्रसाद यादव (जहानाबाद निर्वाचन क्षेत्र), मीसा भारती (पाटलिपुत्र), सुधाकर सिंह (बक्सर) और अभय कुमार सिन्हा (औरंगाबाद) सहित सभी चार राजद सांसदों ने अपने ऊपर आपराधिक मामलों की घोषणा की है। कांग्रेस के तीन सांसदों में सिर्फ एक मनोज कुमार (सासाराम निर्वाचन क्षेत्र) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज गैं। सीपीआई माले के दो सांसद राजा राम सिंह (काराकाट) और सुदामा प्रसाद (आरा) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। राजद, कांग्रेस और माले के सांसद महागठबंधन या ग्रैंड अलायंस के हैं। विकासशील इंसान पार्टी, सीपीआई और सीपीएम सहित इसके अन्य सहयोगियों को कोई सीट नहीं मिली।

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