क्या इजरायल और ईरान युद्ध की तैयारी कर रहे है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
दुनिया में दो मोर्चों पर बड़ी लड़ाई चल रही है। इजरायल और हमास पिछले छह महीने से जंग लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ यूक्रेन और रूस दो साल से ज्यादा समय से युद्ध लड़ रहे हैं। अब युद्ध का तीसरा मोर्चा खुलने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। शिया बहुल ईरान ने इजरायल से बदला लेने और उस पर हमला बोलने की खुली धमकी दी है और साथ में अमेरिका को भी ताकीद किया है कि वह बीच में ना आए, वरना उसे भी अंजाम भुगतने की चेतावनी दी गई है।
दरअसल, पिछले सोमवार को इजरायल ने सीरिया के दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर एयरस्ट्राइक कर दी थी, जिसमें सात ईरानी सैन्य अधिकारी मारे गए हैं। इससे ईरान बौखलाया हुआ है और इजरायल पर हमले को बेकरार है। वैसे तो पहले भी कई बार इजरायल ने सीरिया में हिजबुल्लाह और ईरानी ठिकानों पर मिसाइल दागे हैं लेकिन सोमवार का हमला ईरान की आंखों में खटक रहा है क्योंकि इजरायल ने उसके वाणिज्यिक दूतावास पर हमला बोलकर सीधे तौर पर ईरान की संप्रभुता को चुनौती दी है और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के वरिष्ठ अधिकारियों को मार डाला है। इजरायल का कहना है कि उसने मोसाद के ठिकानों पर हुए अटैक कै बदला लिया है।
इस हमले में जो सबसे बड़ा चेहरा मारा गया है, वह ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी था, जो IRGC का एक अनुभवी और टॉप कमांडर था। जाहेदी ने सीरिया और लेबनान में आईआरजीसी विदेशी ऑपरेशन विंग, कुद्स फोर्स का नेतृत्व किया था। उसकी हत्या से बौखलाए तेहरान ने इजरायल से इंतकाम लेने का खुला ऐलान कर दिया है।
जंग में कौन-किसके साथ होगा
ऐसे में अगर इजरायल और ईरान के बीच जंग का नया मोर्चा खुलता है तो इसके घातक परुणाम देखने को मिल सकते हैं क्योंकि इजरायल को जहां अमेरिका और ब्रटेन समेत अन्य पश्चिमी देशों का साथ मिल सकता है, वहीं ईरान को रूस, कतर, जॉर्डन, इराक, सीरिया और लेबनान का साथ मिल सकता है। ईरान और रूस सीरिया और इराक में संघर्षों में सैन्य सहयोगी रहे हैं और अफगानिस्तान और सोवियत संघ के बाद के मध्य एशिया में भी व्यापारिक भागीदार रहे हैं। रूसी संघ ईरान को हथियारों और हथियारों का मुख्य आपूर्तिकर्ता भी है।
इजरायल ने क्या-क्या तैयारी कर ली?
ईरान की तरफ से हमले की आहट को देखते हुए इजरायल ने अपना जीपीएस नेविगेशन सिस्टम बंद कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि गाइडेड मिसाइल के हमलों को रोकने के लिए GPS बंद किया गया है। इतना ही नहीं इजरायल ने सभी सैनिकों की छुट्टियां भी रद्द कर दी हैं और एयर डिफेंस कमांड को अलर्ट कर दिया है। इसके अलावा कई शहरों में एंटी बम शेल्टर्स को भी शुरू कर दिया गया है।
इजरायल vs ईरान में कौन कितना ताकतवर?
सैन्य तैयारियों की बात करें तो दोनों तरफ से आक्रामक बयानबाजी हो रही हैं। द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा बजट के मामले में ईरान इजरायल से पीछे है लेकिन सक्रिय सैनिकों की संख्या के मामले में ईरान इजरायल से बहुत आगे है। रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल का रक्षा बजट 24.2 अरब डॉलर का है,
जबकि ईरान का रक्षा बजट 9.9 अरब डॉलर का है। हवाई शक्ति की बात करें तो इजरायल के पास 612 प्लेन हैं तो ईरान के पास 551 प्लेन हैं। हालांकि, टैंक के मामले में ईरान इजरायल से करीब दोगुना ताकत रखता है। इजरायल के पास 2200 टैक्स हैं तो ईरान के पास 4071 टैंक्स हैं।
समंदर की सैन्य शक्ति में भी इजरायल से ईरान आगे है। इजरायल के पास 67 युद्धपोत हैं, जबकि ईरान के पास 101 युद्धपोत का लंबा-चौड़ा बेड़ा है। इसके अलावा इजरायल के पास 43 हजार बख्तरबंद गाड़ियां हैं, जबकि ईरान के पास 65 हजार बख्तरबंद गाड़ियां हैं। सैनिकों की संख्या के मामले में भी इजरायल पर ईरान भारी है। इजरायल के पास 1.73 लाख सैनिक हैं, जबकि ईरान के पास 5.75 लाख ऐक्टिव सैनिक हैं। इसके अलावा इजरायल के पास 4.65 लाख रिजर्व सैनिक हैं, जबकि ईरान के पास 3.50 लाख रिजर्व सैनिक हैं।
किसके पास कितने परमाणु बम
इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के पास इस वक्त 80 परमाणु बम हैं, जबकि ईरान के पास आधिकारिक तौर पर कोई परमाणु बम नहीं है। साफ है कि परमाणु बम के आधार पर ही इजरायल ईरान को युद्ध में हरा सकता है।
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