क्या एक्सप्रेस-वे को कुतर रहे चूहे,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

देश के सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की खराब गुणवत्ता फिर सामने आई है। राजस्थान में दौसा जिले के भांडारेज टोल के निकट पिछले दिनों अचानक जमीन धंस गई और 10 फीट गहरा गड्ढा हो गया। एनएचएआइ के कर्मचारियों ने गड्ढे की मरम्मत तो कर दी, लेकिन जब कारणों की जांच की गई तो सामने आया कि चूहों ने एक्सप्रेस वे के नीचे बड़े-बड़े बिल बना दिए थे, जिससे वर्षा का पानी एकत्रित हुआ और सड़क धंसी।

चूहों के बिल के कारण पानी का रिसाव

फिलहाल मरम्मत किए गए क्षेत्र से वाहनों को गुजरने नहीं दिया जा रहा है। वहां बैरिकेड लगाए गए हैं। पिछले सप्ताह तेज गति से दौड़ते वाहन उछलते नजर आए तो कैमरों से निगरानी करने वाले कर्मचारियों व पेट्रोलिंग टीम ने गड्ढे को गहनता से देखा और अधिकारियों को सूचना दी। दौसा क्षेत्र के परियोजना निदेशक बलवीर यादव का कहना है कि चूहों के बिल के कारण पानी का रिसाव हुआ, जिससे सड़क धंसी।

डिजाइन और गुणवत्ता पर उठे सवाल

दिल्ली से आए एनएचएआइ के इंजीनियरों ने गुरुवार को मौके व आसपास के क्षेत्र की जांच की है। उनके आकलन के बाद आवश्यक मरम्मत की जाएगी। उल्लेखनीय है कि इस एक्सप्रेस वे का पिछले वर्ष फरवरी में उद्घाटन हुआ था। उद्घाटन के बाद से ही इसकी डिजाइन और गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।

वर्षा में एक्सप्रेस वे की हालत खराब

एक्सप्रेस वे पर जगह-जगह उबड़ खाबड़ होने के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। पिछले एक वर्ष में अलवर से दौसा के बीच करीब 15 किलोमीटर क्षेत्र में ही एक सौ लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक प्रत्येक जांच में माना गया कि जहां घुमाव हैं, वहां दुर्घटनाएं हुई हैं। जहां अंडर पास है, वहां वाहनों का संतुलन बिगड़ रहा है। उद्घाटन के बाद पहली तेज वर्षा में एक्सप्रेस वे की हालत खराब हो गई है।

अब कॉन्स्ट्रक्शन कंपनी KCC Buildcon ने NHAI को पत्र लिखते हुए मामले पर बयान जारी किया है. कंपनी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस जूनियर कर्मचारी (बनवारी लाल) ने हादसे के पीछ चूहे के बिल का सिद्धांत बताया था, उसकी सेवाएं खत्म कर दी गई हैं. वो कर्मचारी मेनटेनेंस मैनेजर नहीं थी. उसके द्वारा दिया गया बयान तकनीकी समझ पर आधारित नहीं था.

KCC Buildcon ने बयान जारी करते हुए कहा, “हम अपने एक जूनियर कर्मचारी बनवारी लाल द्वारा Ch. 182.300 पर एक कथित गड्ढे और प्रोजेक्ट हाईवे पर संबंधित घटना के संबंध में हाल ही में दिए गए बयान को स्पष्ट करने के लिए लिख रहे हैं. यह ध्यान देना जरूरी है कि यह कर्मचारी मेनटेनेंस मैनेजर नहीं है, बल्कि एक जूनियर स्टाफ है. हमने स्थिति की समीक्षा की है और निर्धारित किया है कि दिया गया बयान मामले की तकनीकी समझ पर आधारित नहीं था. हम सटीक और विश्वसनीय जानकारी की अहमियत को पहचानते हैं, खास तौर से पब्लिक सेफ्टी के संबंध में.”

कंपनी ने कहा कि इस मुद्दे को हल करने के लिए, हमने कर्मचारी की सेवाओं को तुरंत प्रभाव से खत्म करके उचित कार्रवाई की है. हमारी प्राथमिकता कम्युनिकेशन और प्रोफेशनलिज्म के मानकों को बनाए रखना है. हम इस मामले को सुलझाने के दौरान आपकी समझ और समर्थन की सराहना करते हैं.

गड्ढे की वजह से होते हैं हादसे

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं. ऐसे में कई बार गाड़ियां हवा में उछलती हुई नजर आती हैं, तो कभी गड्ढे के कारण एक्सीडेंट होते हैं.

बीते दिनों आजतक ने एक्सप्रेस-वे पर गड्ढों समेत सड़क की खराब क्वालिटी का मुद्दा उठाया और इस खबर को प्रमुखता से दिखाया गया. इसके बाद सड़क परिवहन मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लेते हुए ठेकेदार पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया. साथ ही एक इंजीनियर को भी बर्खास्त किया गया. इसके अलावा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. लेकिन उसके बाद भी हालत सुधारते हुए नजर नहीं आ रहे हैं.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर चेंबर नंबर 182.3 भांडारेज टोल के समीप 10 फुट गहरा गड्ढा हो गया और सड़क उस गड्ढे के अंदर धंस गई. एक्सप्रेस-वे जब गड्ढे में गाड़ियां उछालती हुई दिखाई दीं, तो कैमरा पर मॉनिटरिंग कर रहे कर्मचारियों ने मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी.

मामले की जानकारी मिलते ही एक्सप्रेस-वे की मेंटेनेंस टीम मौके पर पहुंची और उसे गड्ढे के आसपास बैरिकेडिंग की गई. मामला मीडिया में पहुंचा तो एक्सप्रेस-वे प्रशासन ने तुरंत गड्ढे की मरम्मत करवाई.

एक्सप्रेस-वे की दौसा क्षेत्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बलवीर यादव ने बताया कि चूहे के बिल के कारण सड़क पर पानी का रिसाव हुआ, जिसके कारण चेंबर नंबर 182.3 पर सड़क धंस गई और गहरा गड्ढा हो गया. मामले की जानकारी मिलते ही तुरंत ठेकेदार ने उसे क्षेत्र में बैरिकेडिंग की और उस गड्ढे को ठीक किया गया. गड्ढे को ठीक कर दिया गया है. बारिश के चलते लगातार सड़क क्षतिग्रस्त हो रही है, तो रिपेयरिंग करने का काम भी चल रहा है.

इंजीनियर दिल्ली से पहुंचे दौसा
एनएचएआई के डिजाइन विभाग के इंजीनियर गड्ढे की जानकारी मिलने के बाद बुधवार सुबह दिल्ली से दौसा पहुंच चुके हैं. इंजीनियर उस पूरे क्षेत्र की जांच पड़ताल कर रहे हैं. अभी उस पूरे एरिया को बैरिकेडिंग करके बंद किया गया है. इंजीनियरों के निर्देश के बाद उसे क्षेत्र में मरम्मत की जाएगी और उसके बाद उसे क्षेत्र को यातायात के लिए खोला जाएगा.

सचिन पायलट ने उठाए सवाल 
सचिन पायलट ने कहा कि देश में हादसे हो रहे हैं. ट्रेन एक्सीडेंट हो रहे हैं. एयरपोर्ट की छत गिर रही है. अयोध्या मंदिर में पानी टपक रहा है. शिवाजी महाराज की मूर्ति क्षतिग्रस्त हो गई. प्रधानमंत्री उसके लिए माफी मांग रहे हैं. 10 साल में जो इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करते थे. अब सबको नजर आने लगा है कि गुणवत्ता कैसी है. कितनी लापरवाही से कामों को किया गया है. इस पर सरकार को जांच कमेटी बनानी चाहिए और दोषियों को सजा देनी चाहिए. लेकिन अगर ठेकेदार उनके नजदीकी है. तो उन पर कदम कैसे उठाएंगे. लेकिन जनता सब देख रही है और सच्चाई सबके सामने आएगी.

 

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