क्या दिल्ली में ही है वक्फ की एक हजार से ज्यादा प्रॉपर्टी?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

वक्फ एक्ट में संशोधन की तैयारियां जारी हैं। खबर है कि केंद्र सरकार संशोधन को लेकर जल्द ही बिल ला सकती है। हालांकि, अब तक साफ नहीं हो सका है कि सदन में प्रस्तावित विधेयक कब पेश होगा। आंकड़े बताते हैं कि देश में वक्फ के पास 8 लाख एकड़ से ज्यादा की संपत्ति है। इनमें सबसे पहला नाम उत्तर प्रदेश का है। दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल और तीसरे स्थान पर पंजाब है।

खास बात है कि प्रस्तावित बिल में संपत्तियों को मूल्यांकन के लिए कलेक्टर के पास रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य करने की बात कही गई है। WAMSI यानी वक्फ एसेट मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के आंकड़े बताते हैं कि देश में वक्फ के पास 8 लाख 72 हजार 321 अचल, 16 हजार 713 चल, संपत्तियां हैं। फिलहाल, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि वक्फ बोर्ड की कानूनी स्थिति और शक्तियों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

किस राज्य में कितनी प्रॉपर्टी
अंडमान एंड निकोबार वक्फ बोर्ड-
 151
आंध्र प्रदेश स्टेट वक्फ बोर्ड- 14685
असम बोर्ड ऑफ वक्फ- 2654
बिहार स्टेट (शिया) वक्फ बोर्ड- 1750
बिहार स्टेट (सुन्नी) वक्फ बोर्ड- 6866
चंडीगढ़ वक्फ बोर्ड- 34
छत्तीसगढ़ स्टेट वक्फ बोर्ड- 4230
दादरा एंड नगर हवेली वक्फ बोर्ड- 30
दिल्ली वक्फ बोर्ड- 1047
गुजरात स्टेट वक्फ बोर्ड- 39940
हरियाणा वक्फ बोर्ड- 23267
हिमाचल वक्फ बोर्ड- 5343
जम्मू एंड कश्मीर औकफ बोर्ड- 32533
झारखंड स्टेट (सुन्नी) वक्फ बोर्ड- 698
कर्नाटक स्टेट बोर्ड ऑफ औकफ- 62830
केरल स्टेट वक्फ बोर्ड- 53279
लक्षद्वीप स्टेट वक्फ बोर्ड- 896
मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड- 33472
महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ वक्फ- 36701
मणिपुर स्टेट वक्फ बोर्ड- 987
मेघालय स्टेट बोर्ड ऑफ वक्फ- 58
ओडिशा बोर्ड ऑफ वक्फ्स- 10314
पुडुचेरी स्टेट वक्फ बोर्ड- 693
पंजाब वक्फ बोर्ड- 75965
राजस्थान बोर्ड ऑफ मुस्लिम वक्फ्स- 30895
तमिलनाडु वक्फ बोर्ड- 66092
तेलंगाना स्टेट वक्फ बोर्ड- 45682
त्रिपुरा बोर्ड ऑफ वक्फ्स- 2814
यूपी शिया सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ- 15386
यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ- 217161
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड- 5388
पश्चिम बंगाल वक्फ बोर्ड- 80480
कुल- 8 लाख 72 हजार 321

देश के आजाद होने के सात साल बाद 1954 में वक्फ अधिनियम पहली बार पारित हुआ था। तब देश के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू थे और उनकी सरकार वक्फ अधिनियम लेकर आई। हालांकि, बाद में इसे निरस्त कर दिया गया। एक साल बाद 1955 में फिर से नया वक्फ अधिनियम लाया गया। इसमें वक्फ बोर्डों को अधिकार दिए गए। नौ साल बाद 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन किया गया, जो अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन था। इसका काम वक्फ बोर्ड से संबंधित कामकाज के बारे में केंद्र को सलाह देना होता है।

नरसिम्हा सरकार ने एक्ट में बदलाव किया
वक्फ परिषद के गठन के लगभग 30 साल बाद साल 1995 में पीवी नरसिम्हा राव सरकार ने वक्फ एक्ट में पहली बार बदलाव किया। उस संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड के पास जमीन अधिग्रहण के असीमित अधिकार आ गए।

प्रस्तावित बिल का विरोध
AIMPLB का कहना है कि के प्रवक्ता एस क्यू आर इलियास ने एक बयान में कहा कि बोर्ड इस कदम को विफल करने के लिए सभी प्रकार के कानूनी और लोकतांत्रिक उपाय अपनाएगा। इधर, अल्पसंख्यक मामलों के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को ‘एक्स’ पर कहा, ‘वक्फ की कार्यशैली को ‘टच मी नॉट’ (अछूत) की सनक-सियासत से बाहर आना होगा।’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘समावेशी सुधारों पर सांप्रदायिक वार ठीक नहीं है।’

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