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क्या पायलट लाइसेंस प्राप्त करने में ट्रांसजेंडर लोगों पर कोई प्रतिबंध नहीं है? - श्रीनारद मीडिया

क्या पायलट लाइसेंस प्राप्त करने में ट्रांसजेंडर लोगों पर कोई प्रतिबंध नहीं है?

क्या पायलट लाइसेंस प्राप्त करने में ट्रांसजेंडर लोगों पर कोई प्रतिबंध नहीं है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

देश के पहले ट्रांसजेंडर पायलट एडम हैरी की मेडिकल रिपोर्ट को लेकर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पष्टीकरण जारी किया है। मीडिया रिपोर्टों में आरोप लगाया कि हैरी को हार्मोन थेरेपी के कारण अनफिट घोषित किया गया है। जिसके चलते उन्हें स्टूडेंट पायलट का लाइसेंस नहीं दिया गया।

डीजीसीए के ओर के जारी स्पष्टीकरण में बताया गया है कि हैरी को कभी भी लाइसेंस देने से इन्कार नहीं किया गया। एविएशन वाचडाग ने बताया कि लाइसेंस प्राप्त करने में ट्रांसजेंडर लोगों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। बशर्ते कि व्यक्ति ने विमान नियम, 1937 में निर्दिष्ट आयु, शैक्षिक योग्यता, चिकित्सा फिटनेस और अनुभव के प्रावधानों को सुनिश्चित करे। उन्होंने बताया कि लाइसेंस हासिल करने के लिए मेडिकल फिटनेस एक अनिवार्य आवश्यकता है। इसके लिए ट्रांसजेंडर कर्मियों को भी मेडिकल फिटनेस हासिल करनी होती है।

डीजीसीए ने साफ किया है कि अगर आवेदक में कोई प्रतिकूल लक्षण या प्रतिक्रिया नहीं है तो हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी कराने पर कोई आपत्ति नहीं है। हैरी के केस में मीडिया द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया गया है कि डीजीसीए में ट्रांसजेंडर के मूल्यांकन की प्रक्रिया वही है जो फेडरल उड्डयन प्रशासन द्वारा अपनाई जाती है। आगे उन्होंने बताया कि पायलट लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदक को पहले स्टूडेंट पायलट लाइसेंस हासिल करना होता है जिसे हैरी ने नहीं लिया है।

राजीव गांधी एकेडमी फार एविएशन टेक्नोलाजी ने बताया है कि हैरी ने ग्राउंड क्लास में अपर्याप्त उपस्थिति दर्ज कराई है। जिसके चलते उसे स्टूडेंट पायलट लाइसेंस जारी नहीं किया गया। अंत में बताया गया है कि हैरी को भारतीय वायु सेना के बोर्डिंग सेंटर से अपना मेडिकल फिटनेस फिर से कराना है। जिसको लेकर उन्हें सूचित कर दिया गया है।

देश के पहले ट्रांसजेंडर प्राइवेट पायलट एडम हैरी का विमान उड़ाने का सपना पूरा होने वाला है। केरल सरकार ने हैरी को कमर्शियल लाइसेंस की पढ़ाई के लिए 23 लाख रुपये की सहायता राशि देने का फैसला किया है। एडम हैरी 20 साल के हैं। हैरी की गलती सिर्फ इतनी है कि वो ट्रांसजेंडर हैं, इसीलिए घर वालों ने उन्हें बेदखल कर दिया।

एडम हैरी के पास प्राइवेट पायलट लाइसेंस है। यात्री विमान उड़ाने के लिए उन्हें कमर्शियल लाइसेंस की जरूरत है। परिवार द्वारा घर से बेदखल कर देने के बाद हैरी के पास फीस देने के लिए रुपये नहीं हैं। उनकी तीन साल की ट्रेनिंग में 23.34 लाख रुपये का खर्चा आएगा।

केरल सरकार ने एलान किया है कि वह हैरी की ट्रेनिंग रुकने नहीं देगी। सरकार ट्रेनिंग का पूरा खर्चा उठाएगी। हैरी अब तिरुवंतपुरम के राजीव गांधी एविएशन टेक्नोलोजी अकादमी में पढ़ाई करेंगे। हैरी को बचपन से अपने लिंग के बारे में भ्रम था लेकिन पायलट बनने के सपने को लेकर उन्हें कभी कोई भ्रम नहीं था।

एडम हैरी को रूढ़िवादी माता-पिता द्वारा पीटा गया, अपने घर की चार दीवारों तक ही सीमित कर दिया गया। इस पीड़ा से बचने के लिए हैरी को घर से भागना पड़ा। लेकिन, अपने सपने का पीछा करने के दृढ़ संकल्प ने इस केरलवासी, एडम हैरी को अपने लिंग को लेकर यातना और उत्पीड़न से लड़ने और दो साल पहले निजी पायलट का लाइसेंस प्राप्त करने वाला देश का पहला ट्रांसजेंडर पायलट बनने में मदद की।

एडम हैरी ने राज्य के सामाजिक न्याय विभाग और उसके सचिव बीजू प्रभाकर को उनके संघर्षों को समझने और उनके सपने को साकार करने में मदद करने के लिए आभार व्यक्त किया है। हैरी ने कहा कि मेरी मदद करने के लिए मैं सरकार का आभारी हूं। अगर सरकार मदद न करती तो मेरा सपना कभी सच नहीं हो पाता।

 

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