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क्या आतंकियों के निशाने पर हैं ट्रेनें?

क्या आतंकियों के निशाने पर हैं ट्रेनें?

पिछले 3 महीनो मेंं 9 रेल दुर्घटनाओं की खबर

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

तीन-चार महीने से रेल पटरियों पर भारी वस्तु और गैस सिलेंडर रखकर ट्रेन पलटाने की घटनाएं आतंकी षड्यंत्र की ओर साफ-साफ संकेत कर रही हैं। रेलवे को भी ऐसा ही संदेह है। इसीलिए कानपुर के पास सोमवार को कालिंदी एक्सप्रेस की घटना का संदर्भ लेते हुए जांच का जिम्मा एनआईए एवं एसटीएफ को सौंप दिया गया है।

आतंकियों का हाथ होने की संभावना

साजिशन ट्रेन पलटाने की लगातार कई घटनाओं के बाद आतंकी कनेक्शन के संदेह में रेलवे ने उत्तर प्रदेश जीआरपी को सूचित किया। प्रारंभिक जांच के बाद जीआरपी ने मामले को एनआईए और एसटीएफ के हवाले कर दिया। सूचना है कि एजेंसियां अलग-अलग बिंदुओं से इसकी जांच कर रही हैं। हालांकि, इस मामले में रेलवे द्वारा आधिकारिक रूप से अभी कुछ कहने से परहेज किया जा रहा है, लेकिन अधिकारी यह मानकर चल रहे हैं कि पटरियों पर जो भी घटनाएं हो रही हैं, उनके पीछे आतंकियों का हाथ होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।

बीते दिनों में आतंकी घटनाओं का स्‍वरूप थोड़ा बहुत बदला है लेकिन मकसद एक ही है मासूम लोगों को जान से मारना, अगर आप या आपके परिवार में से कोई व्‍यक्ति ट्रेन से सफर कर रहा है तो आपको भी थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है क्‍योंकि पिछले 3 महीनो मेंं 9 रेल दुर्घटनाओं की खबर सामने आ चुकी हैं।

हाल ही में राजस्थान में ट्रेन डिरेल करने की साजिश का खुलासा हुआ है। अजमेर में रेलवे ट्रैक पर अलग – अलग स्थान पर सीमेंट के ब्लॉक मिले थे। पुलिस के अनुसार यह ट्रेन को पलटने के लिए साजिश के तहत किया गया था।

इससे एक दिन पहले कानपुर में अनवरगंज-कासगंज रेलवे रूट पर आ रही कालिंदी एक्सप्रेस (Kalindi Express) के ट्रैक पर सिलेंडर, बोतल में पेट्रोल और माचिस जैसी संदिग्ध चीजें रखकर रेल हादसे की साजिश रची गई थी। रेलवे ट्रैक पर भरा हुआ सिलेंडर रखा था, जिससे अगर तेज रफ्तार गाड़ी टकराती तो डिरेल हो सकती थी साथ ही सिलेंडर फटने से कोई ट्रेन में आग भी लग सकती थी।

3 महीनें में सामने आयीं 9 रेल दुर्घटनाएं…

बीते 3 महीनें में 9 रेल दुर्घटनाओं के मामले सामने आए हैं जो इस बात का सबूत है कि इस बार आतंकियों के निशाने पर भारतीय रेलवे है।

19 जुलाई

यूपी के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की 21 बोगियां पटरी से उतर गईं। हादसे में 4 यात्रियों की मौत हो गई, 25 घायल हैं। लोको पायलट नें बताया कि धमाके की आवाज सुनने के बाद इमरजेंसी ब्रेक लगाने से हादसा हुआ।

30 जुलाई

झारखंड में जमशेदपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर बड़ाबांबू के पास के सरायकेला-खरसावां जिले में मुंबई- हावड़ा मेल के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए। लोको पायलट ने बताया ट्रैक पर रखी किसी चीज से ट्रेन के टकराने की आवाज सुनाई दी थी।

16 अगस्त

साबरमती एक्सप्रेस कानपुर के गोविंदपुरी में बोल्डर से टकरा गई। इसमें इंजन सहित 22 कोच डिरेल हुए। जांच में दावा किया कि ट्रैक पर पत्थर रखा गया था।

23 अगस्त

पाली में अहमदाबाद-जोधपुर वंदे भारत ट्रैक पर रखे सीमेंट ब्लॉक से टकरा गई थी। हालांकि, बड़ा हादसा होने से टल गया था।

24 अगस्त

फर्रुखाबाद से कासगंज जा रही पैसेंजर ट्रेन के आगे ट्रैक पर लकड़ी का बड़ा टुकड़ा रखा गया। ट्रेन की स्पीड कम होने से बड़ा हादसा टल गया था।

28 अगस्त

बारां के छबड़ा में मालगाड़ी के ट्रैक पर बाइक का स्क्रैप फेंका गया। इस घटना में इंजन बाइक के कबाड़ से टकरा गया।

8 सितंबर

अजमेर में लामाना और खरवा रेलवे स्टेशन के बीच 2 स्थानों पर ट्रैक पर रखे सीमेंट के ब्लॉक से मालगाड़ी टकरा गई थी। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ।

8 सितंबर

कासगंज रूट पर ट्रैक पर भरा सिलेंडर रखकर कालिदी एक्सप्रेस पलटाने की साजिश।

10. सितंबर

अजमेर में रेलवे ट्रैक पर अलग – अलग स्थान पर सीमेंट के ब्लॉक मिले।

वंदे भारत एक्‍सप्रेस से नफरत:

सोशल मीडिया पर लगातार ऐसे वीडियो और खबरें वायरल हो रहीं हैं जिनमें वंदे भारत एक्‍सप्रेस को निशाना बनाया जा रहा है। कहीं वंदे भारत पर पत्‍थर फेंके जा रहे हैं तो कहीं हथोड़े से खिड़की के कांच तोड़े जा रहे हैं।

पाकिस्तानी के वांटेड आतंकी फरहतुल्लाह गोरी का 28 अगस्त को सामने आया एक वीडियो इस बात का सबूत है कि उसके स्‍लीपर सेल्‍स दिल्ली-मुंबई समेत दूसरे शहरों में ट्रेनों को पटरियों से उतारने और सप्लाई चेन को डिस्टर्ब करने की कोशिश कर रहे हैं।

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