कहीं आप भी तो नहीं कर रहे राष्‍ट्र ध्‍वज का अपमान, क्या है तिरंगा फहराने के नियम?

कहीं आप भी तो नहीं कर रहे राष्‍ट्र ध्‍वज का अपमान, क्या है तिरंगा फहराने के नियम?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

देश 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर तिरंगा फहराते हैं। इसके अलावा सभी सरकारी संस्थानों, स्कूलों व कालेजों में गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंगा फहराया जाएगा। नागरिकों को कानून के आधार पर राष्ट्रीय ध्वज को कैसे फहराना है, इसके बारे में नियम तय किए गए हैं, जिसका पालन करना बेहद जरूरी है। अगर कोई शख्स भारत के राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है।

इंडियन फ्लैग कोड को 26 जनवरी, 2002 को संशोधित किया गया था, जिसके बाद अब कोई भी नागरिक किसी भी दिन अपने घरों, कार्यालयों और कारखानों पर तिरंगा फहरा सकता है। नियमों के अनुसार तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही बना होना चाहिए। इसका आकार हमेशा आयताकार ही होना चाहिए, जबकि इसकी इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए। आईए जानते हैं तिरंगा फहराने के नियम क्या हैं:

1. तिरंगे को हमेशा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही फहराया जा सकता है।

2. तिरंगे को कभी जमान पर नहीं रखा जा सकता है।

3. झंडे को कभी झुकाया नहीं जाता। सरकारीआदेश के बाद ही सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराया जा सकता है।

4. झंडे को कभी पानी में नहीं डुबोया जा सकता।

5. झंडे को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुचाया जाता है।

6. झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने या इसका अपमान करने पर जेल हो सकती है।

7. भारत के झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए।

8. शहीद आर्म्ड फोर्सेज के जवानों के अलावा के अलावा किसी मृत व्यक्ति के शव पर तिरंगे को डालना अपमान माना जाएगा।

9. तिरंगा फहराते समय केसरिया रंग को सबसे उपर होना चाहिए, नीचे की तरफ करके तिरंगा फहराना गलत है।

10. कभी भी फटा या मैला-कुचैला तिरंगा नहीं फहराया जाता है। झंडा फट जाए, मैला हो जाए तो उसे एकांत में नष्ट करना चाहिए।

 

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