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हथियार खरीद केस में 25 साल से फरार  लालू यादव के खिलाफ निकला गिरफ्तारी वारंट

हथियार खरीद केस में 25 साल से फरार  लालू यादव के खिलाफ निकला गिरफ्तारी वारंट

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श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

मध्य प्रदेश पुलिस को लालू प्रसाद यादव की तलाश है। हथियार खरीद केस में 25 साल से फरार लालू यादव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी निकल चुका है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि आरोपी बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ही हैं, या नहीं। लेकिन केस एमपी-एमएलए कोर्ट में आने की वजह से माना जा रहा है कि यह केस राजद अध्यक्ष के खिलाफ है। वहीं, इस केस में एक अन्य आरोपी के वकील का दावा है कि मिलते-जुलते नाम की वजह से यह गड़बड़ हुई है और केस एमपी-एमएलए कोर्ट में चलाया जा रहा है।

मामला उस दौर का है जब लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे। ग्वालियर में हथियार विक्रेता प्रवेश चतुर्वेदी ने 1997 में शहर के इंदर गंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक, उत्तर प्रदेश के महोबा निवासी हथियार विक्रेता राजकुमार शर्मा ने ग्वालियर की तीन फर्म से फर्जीवाड़ा करके हथियार और कारतूस खरीदे। फिर उन्हें बिहार में बेच दिया। जिन लोगों को हथियार बेचे गए थे, उनमें एक व्यक्ति का नाम लालू प्रसाद यादव था।

हालांकि, जिस लालू यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया उसके पिता का नाम कुंद्रिका सिंह यादव है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के पिता का नाम कुंदन राय है। पुलिस ने 1998 में चालान पेश किया था, जिसमें पिता का नाम कुंद्रिका सिंह लिखा है। इस मामले में दो दर्जन आरोपी बनाए गए थे। इनमें 6 के खिलाफ सुनवाई न्यायालय में चल रही है। 2 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि अभी तक 14 लोग फरार हैं। लालू यादव को भी 1998 में कोर्ट ने फरार घोषित किया था। जिन लोगों को आरोपी बनाया गया था उनमें सुनील शुक्ला, कमलकांत, विष्णु, रविकांत अनिल कुमार ,सुनील कुमार बृजमोहन, सुरेंद्र सिंह ,लालू प्रसाद यादव, शशिकांत, मुरारी लाल शर्मा जेपी यादव मूसा मियां मोहन सोनी उपेंद्र कुमार, रंजीत कुमार कन्हैयालाल कृष्णानंद श्रवण शर्मा जनार्दन शर्मा बादल और सुजीत नामक व्यक्ति शामिल हैं।

क्या है वकीलों का दावा

शासकीय अधिवक्ता अभी भी यह मानने को तैयार नहीं है कि यह मामला पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से नहीं जुड़ा है। वहीं,कानपुर निवासी एक आरोपी विष्णु कनोडिया के अधिवक्ता अभिषेक शर्मा ने दावा किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है। पुलिस ने जो आरोपपत्र दायर किया है, उसमें लालू प्रसाद यादव लिखा है और पता में सिर्फ बिहार लिखा है। बिहार में सिर्फ एक लालू प्रसाद यादव नहीं है। सभी लालू का पता जानते हैं। लालू प्रसाद यादव का चालान फरारी में पेश किया गया है, पुलिस को वह मिले ही नहीं। यदि यह लालू बिहार के पूर्व सीएम होते तो क्या पुलिस को मिलते नहीं।

खरीदे गए थे ये हथिया

315 बोर की 16 राइफल, 12 बोर की डबल बैरल की 20 राइफल, एनपी बोर राइफल के 20,000 से ज्यादा कारतूस, 12 बोर बंदूक के साढे़ सात हजार कारतूस, 32 बोर रिवाल्वर के 15 सौ कारतूस, 25 बोर पिस्टल के ढाई सौ कारतूस की खरीदी की गई थी।

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