आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ रही ताकत, सावधानी भी जरूरी-पीएम मोदी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ रही ताकत, सावधानी भी जरूरी-पीएम मोदी

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
0
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
0
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस में एआई एक्शन समिट के दौरान अपने संबोधन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) (AI) के महत्व पर जोर दिया है. उन्होंने कहा है कि इसकी ताकत बढ़ रही है, लेकिन सावधानी भी जरूरी है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और बहुत सारी चीजों को बेहतर बना कर करोड़ों लोगों का जीवन बदल सकता है.

एआई आज के समय की जरूरत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एआई समिट को संबोधित करते हुए कहा कि एआई आज के समय की जरूरत बन गया है. भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा टैलेंट है. हमने डेटा को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की है और हम सरकार और प्राइवेट सेक्टर्स की मदद से आगे बढ़ रहे हैं. एआई का फ्यूचर बहुत अच्छा है और इससे सबकी भलाई जुड़ी हुई है. मशीनों की ताकत बढ़ने से कुछ लोग चिंता में हैं, लेकिन यह चिंतित होनेवाली कोई बात नहीं है.

ओपन-सोर्स सिस्टम विकसित करना होगा

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एआई एक ऐसी दुनिया बनाने में मदद कर सकता है जिसमें विकास को लेकर तय किये गए लक्ष्यों तक पहुंचने की यात्रा आसान और तेज हो जाएगी. इस चीज को संभव बनाने के लिए हमें संसाधनों और प्रतिभाओं को साथ लाना होगा. हमें ऐसा ओपन-सोर्स सिस्टम विकसित करना होगा, जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाता हो. हमें सभी पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर गुणवत्ता से भरा डेटा सेट बनाना होगा.

AI सृजित करेगा नयी नौकरियों के अवसर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एआई एक्शन समिट को संबोधित करते हुए कहा कि इस शताब्दी में एआई ‘कोड फॉर ह्यूमैनिटी’ लिख रहा है. एआई लाखों लोगों की जिंदगियां बदल रहा है. समय के साथ-साथ रोजगार के स्वरूप में भी बदलाव आ रहा है. इस बात का ध्यान देना होगा कि क्या एआई से वाकई रोजगार का संकट हो सकता है. इस बात का इतिहास गवाह रहा है कि तकनीक नौकरियां नहीं लेती. एआई से नयी नौकरियों का सृजन होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित ‘एआई एक्शन समिट’ की सह-अध्यक्षता करते हुए दुनियाभर के लोगों से न केवल कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के प्रति पूर्वाग्रहों से बचने की सलाह दी है बल्कि यह भी कहा कि इससे नौकरियों पर कोई खतरा नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास गवाह रहा है कि तकनीक ने नौकरियां खत्म नहीं की हैं बल्कि रोजगार का सृजन किया है। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेन्स पीएम मोदी की इस बात के मुरीद हो गए हैं। उन्होंने पीएम मोदी की बातों को आगे बढ़ाते हुए जोर देकर कहा कि AI तकनीक लोगों को और अधिक उत्पादक बनाएगी।

पेरिस एआई एक्शन समिट में पीएम मोदी के भाषण की सराहना करते हुए वेंस ने इस बात पर जोर दिया कि एआई कभी भी इंसानों की जगह नहीं ले सकता। उन्होंने कहा, “मैं पीएम मोदी की बात की सराहना करता हूं। एआई लोगों को सुविधा प्रदान करेगा और उन्हें अधिक उत्पादक बनाएगा। यह इंसानों की जगह नहीं लेगा, यह कभी भी इंसानों की जगह नहीं लेगा। एआई उद्योग में बहुत से नेता, जब श्रमिकों की जगह लेने के इस डर के बारे में बात करते हैं, तो वास्तव में इस बात को भूल जाते हैं कि एआई हमें अधिक उत्पादक, समृद्ध और अधिक स्वतंत्र बनाने जा रहा है।”

जेडी वेन्स ने पिछले महीने ही अमेरिकी उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला है। हालांकि पीएम मोदी की बातों की सराहना करने वाले जेडी वेन्स उसी मंच से चीन को चिढ़ाते नजर आए। उन्होंने चीन में विकसित AI को सस्ता और सरकारी करार दिया। अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने यूरोपीय संघ में शामिल अपने मित्र देशों को AI के मुद्दे पर चीन से सतर्क रहने की सलाह भी दे डाली। एक तरह से उन्होंने इस समितच में यह जताने की कोशिश की कि एआई के क्षेत्र में अमेरिका ही बॉस है।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने वैश्विक सम्मेलन में दुनियाभर के नेताओं और तकनीकी उद्योग के अधिकारियों को चेताया कि एआई के अत्यधिक रेग्यूलेशन से AI उद्योग पंगु बना सकता है। उन्होंने प्रौद्योगिकी के भविष्य को लेकर तीन-तरफा मतभेदों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में संयुक्त राज्य अमेरिका नवाचार को बढ़ावा देने के लिए दूर दृष्टि का समर्थन करता है, जबकि यूरोप सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियमों के साथ लगाम कस रहा है। इस बीच, चीन AI तकनीक के वैश्विक दौड़ में अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए राज्य समर्थित तकनीकी दिग्गजों के माध्यम से सस्ती एआई का तेजी से विस्तार कर रहा है।

चीन सहित 60 से अधिक देशों ने जब एआई पर एक अंतरराष्ट्रीय दस्तावेज पर दस्तखत करना शुरू किया तो अमेरिकी प्रकिनिधि वहां मौजूद नहीं थे। यानी ट्रम्प प्रशासन जिम्मेदार एआई विकास को बढ़ावा देने की वैश्विक प्रतिज्ञा में अलग हो गया है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!