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अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा'- पीएम मोदी - श्रीनारद मीडिया

अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा’- पीएम मोदी

अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा’- पीएम मोदी

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश को लेकर विवाद बढ़ चुका है। कुछ दिनों पहले चीनी सरकार ने राज्य के विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की। ड्रैगन के इस नापाक हरकत पर मोदी सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। इसी बीच पीएम मोदी ने भी चीन के इस फैसले की घोर निंदा करते हुए प्रतिक्रिया दी है।अखबार असम ट्रिब्यून को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा,” ‘अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है, था और हमेशा रहेगा।”

पीएम मोदी ने सेला टनल का किया जिक्र

वहीं, पीएम मोदी ने अरुणाचल प्रदेश में बने ‘सेला टनल’ के महत्व का भी जिक्र किया। बता दें कि ये दुनिया की सबसे लंबी डबल-लेन टनल है। उन्होंने कहा कि यह एक वास्तविक रणनीतिक गेम-चेंजर है, जो तवांग को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करता है।’

उन्होंने पूर्वी-उत्तर भारत के विकास का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये क्षेत्र नए भारत की सबसे बड़ी सफलता की कहानी के रूप में उभरा है।

जानकारी के मुताबिक इस सुरंग की वजह से चीन सीमा तक की दूरी लगभग 10 किमी तक कम हो गई है। ये एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) के नजदीक बनी है, जिससे चीन सीमा तक जल्दी पहुंचा जा सकेगा।

काल्पनिक नाम रख देने से इस वास्तविकता नहीं बदल जाएगा

चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के स्थानों का नाम बदलने की कवायद को भारत खारिज करता रहा है। भारत का कहना है कि यह राज्य देश का अभिन्न अंग है और काल्पनिक नाम रख देने से इस वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा।

अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा: एस जयशंकर

कुछ दिनों पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन की आलोचना करते हुए कहा था,” चीन के जरिए अरुणाचल के क्षेत्रों के नाम बदलने के प्रयास से इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और रहेगा। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारतीय राज्य था, है और भविष्य में भी रहेगा। जयशंकर ने कहा कि नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा। अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा?

अरुणाचल प्रदेश में 30 स्थानों का नाम बदलने के चीन के प्रयास को भारत सरकार सिरे से खारिज कर चुकी है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि नाम बदलने के प्रयास से इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और रहेगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने इस मुद्दे पर बार-बार बात की है। हमने पिछले कुछ हफ्तों में कुछ बयान दिए हैं। हमने अपना बयान दोहराया है… कुछ नाम लेकर आप वास्तविकता को मत बदलो। वास्तविकता यही है, अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न, अविभाज्य हिस्सा है और यह वैसा ही रहेगा।”

बता दें कि अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा पेश करने के साथ चीन ने भारतीय राज्य में विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की थी। जिसके बाद भारत ने कहा कि यह राज्य देश का अभिन्न अंग है और काल्पनिक नाम रख देने से इस वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा।

23 मार्च को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के बार-बार के दावों को हास्यास्पद बताते हुए खारिज कर दिया था। विदेश मंत्री ने कहा था कि यह सीमावर्ती राज्य भारत का स्वाभाविक हिस्सा है। इसके अलावा चीन इस मुद्दे पर अमेरिका से भी उलझ चुका है।

इसके बाद 2 अप्रैल को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश के 30 स्थानों को चीन द्वारा नया नाम देने पर करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारतीय राज्य था, है और भविष्य में भी रहेगा। जयशंकर ने कहा कि नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा। अगर मैं आपके घर का नाम बदल दूं, तो क्या वह मेरा हो जाएगा?

उन्होंने आगे कहा था,”अगर आज मैं आपके घर का नाम बदल दूं तब क्या वह मेरा हो जाएगा क्या? अरुणाचल प्रदेश भारत का राज्य था, है और रहेगा। नाम बदल देने से कुछ नहीं होता है और न ही इससे कोई प्रभाव पड़ता है। आप सब जानते हैं कि हमारी सेना वहां (एलएसी पर) तैनात है। सेना के लोग जानते हैं कि उन्हें वहां क्या करना है।”

भारत-बांग्लादेश के संबंधों पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भारत-बांग्लादेश के संबंध बहुत मजबूत और गहरे हैं। हमारी बहुत व्यापक साझेदारी है जो अर्थव्यवस्था से लेकर व्यापार, निवेश, विकास सहयोग और कनेक्टिविटी तक सभी क्षेत्रों में फैली हुई है।

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