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अतीक को छुड़ाने की साजिश रच रहा था असद - श्रीनारद मीडिया

अतीक को छुड़ाने की साजिश रच रहा था असद

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इंटेलिजेंस ने की प्लानिंग फेल, एसटीएफ ने खत्म किया खेल

श्रीनारद मीडिया, लक्ष्‍मण सिंह, यूपी डेस्‍क:


झांसी में अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। उमेश पाल हत्याकांड में साबरमती जेल से प्रयागराज भेजे जा रहे माफिया अतीक अहमद के काफिले पर हमला कर उसे छुड़ाने की साजिश रची गई थी। इंटेलिजेंस को इसकी खबर मिल गई थी। इससे अतीक के काफिले की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। इसी बीच एसटीएफ को सूचना मिली की साबरतमी से प्रयागराज के रास्ते झांसी में हमला हो सकता है।

इंटेलिजेंसी की सूचना के बाद एसटीएफ के तेजतर्रार अफसरों की टीम ने झांसी में मोर्चा संभाला। बदमाशों की घेरेबंदी की तो दोनों ओर से गोलियां चलीं। इसमें दो बदमाश घायल हो गए और बाद में मारे गए। दोनों की पहचान अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम के रूप में हुई। असद के ढेर होने से कंफर्म हो गया कि इंटेलिजेंस को मिली सूचना पुख्ता थी। अगर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था नहीं बढ़ाई होती तो कुछ भी बड़ा हो सकता था।

इस बात का खुलासा यूपी के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने भी गुरुवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में किया। एडीजी ने कहा कि इस गैंग के हमलों को लोगों ने पिछले दिनों उमेश हत्याकांड में प्रयागराज में देखा था। इसी को ध्यान में रखते हुए साबरमती से अतीक को लाने के दौरान विशेष टीमें और अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

अतीक को झांसी के रास्ते प्रयागराज लाना था और वहीं से वापस साबरमती लेकर जाना था। इसलिए हमलावरों ने झांसी में ठिकाना बनाया था। इंटेलिजेंस से हमले की सूचना मिलने पर एसटीएफ की टीमों ने झांसी में घेरेबंदी की तो गोलीबारी शुरू हो गई। जवाबी गोलीबारी में ही अतीक का बेटा असद और गुलाम मारे गए हैं।


झांसी ही क्यों
यूपी और एमपी बार्डर पर झांसी होने के कारण बदमाश आसानी से अपराध करके एक राज्य से दूसरे राज्य में फरार हो जाते हैं। यहां पर कार्रवाई करने के लिए एक राज्य की पुलिस को दूसरे राज्य में घुसने से पहले बकायदा इजाजत लेनी पड़ती है। इसमें काफी समय लग जाता है। इससे अपराधियों को काफी सहूलियत होती है।

अपराधी आसानी से एक राज्य में अपराध करते हैं और थोड़ी दूरी पर स्थित राज्य की सीमा पार कर दूसरे राज्य में छिप जाते हैं। पुलिस नाकेबंदी भी करना चाहती है तो केवल अपने राज्य में ही कर पाती है। दूसरे राज्य में अपराधियों को खुला रास्ता मिल जाता है।

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