कोसी डीआईजी के निरीक्षण में शराब के नशे में झूमते मिले एएसआई,एफआईआर दर्ज.

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बिहार पंचायत चुनाव में होगी एक महीने की देरी,क्यों?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार के सहरसा जिले में शराब के नशे में झूमते एएसआई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। कोसी डीआईजी ने औचक निरीक्षण के दौरान सौरबाजार थाने में तैनात एएसआई ओमप्रकाश राम को शराब के नशे में पाया। ब्रेथ इनेलाइजर से जांच में पुष्टि होने के बाद एएसआई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

बता दें कि कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया था कि विशेष अभियान चलाकर शराब की आपूर्ति और वितरण चेन को ध्वस्त करें। शराब के धंधे में लिप्त बड़े लोगों की गिरफ्तारी करें। असली धंधेबाज को पकड़ने में सख्ती दिखाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के पूर्व जो शराब के व्यवसाय से जुड़े थे, अब वे किस कार्य में लगे हैं, उन पर विशेष नजर रखें। कहा कि राज्य की अधिकतर जनता शराबबंदी के पक्ष में है। कोरोना काल में भी चिकित्सकों ने शराब न पीने की सलाह दी है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि शराब पीने वालों पर कोरोना वैक्सीन का असर कम हो जाता है।

जिस घर में मिलेगी शराब, वहां खुलेगा थाना
बिहार में शराब का कारोबार करने वाले माफियाओं पर सरकार का शिकंजा और कसेगा। बिहार में अब जिस मकान से शराब की खेप बरामद होगी, सरकार उसमें जरूरत के अनुसार पुलिस थाना खोलेगी। राजधानी पटना के एक गोदाम में बड़ी मात्रा में शराब बरामद की गई थी। वहां बाईपास थाना खोलकर राज्य सरकार ने इसकी शुरुआत कर दी है। यही नहीं, शराब माफियाओं की संपत्ति को जब्त कर उसे नीलाम भी किया जाएगा। बिहार में पूर्ण शराबबंदी को और प्रभावी बनाने के लिए शराब माफियाओं पर मुकदमा दर्ज कर स्पीडी ट्रायल चलाया जाएगा।

बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर जहां पार्टियां पूरी तरह से तैयारियों में जुटी हुई हैं। वहीं अब खबर है कि चुनाव के कार्यक्रम में एक महीने की देरी होगी। तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग अब मार्च के अंतिम सप्ताह से पहले चुनावी तारीखों का ऐलान नहीं कर सकता। ऐसा आयोग की तरफ से राज्य निर्वाचन आयोग को एम3 जेनरेशन की ईवीएम खरीद को लेकर एनओसी नहीं दिए जाने के कारण हो रहा है।

दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग एम3 जेनेरेशन की ईवीएम खरीद के लिए भारत निर्वाचन आयोग से एनओसी मांग रहा है। इसके लिए पत्र भी लिखा जा चुका है। समय पर ईवीएम नही मिलने के कारण चुनाव की प्रक्रिया अबतक शुरु नहीं हुई है। आयोग ने इस संबंध में हाईकोर्ट में मामला दाखिल कर रखा है और आयोग से सीधे संपर्क में भी है। हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य निर्वाचन आयोग ने भारत निर्वाचन आयोग से ईवीएम की फिर मांग की है।

जून में खत्म हो रहा है कार्यकाल
बिहार के त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल जून में खत्म हो रहा है। इसके मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने अप्रैल से मई तक चुनाव संपन्न करवा लेने की योजना बनाई थी। इसी कड़ी में फरवरी के अंत तक तारीखों का ऐलान किया जाना था लेकिन अब तक ईवीएम की खरीद नहीं हो सकी है। लिहाजा न तो तारीखों की घोषणा हो पाई है और न ही अधिसूचना जारी हुई है। आयोग की मानें तो एनओसी न मिलने की वजह से पंचायत चुनाव में एक महीने की देरी हो सकती है।

गुंडों व बवालियों पर पुलिस कसेगी शिकंजा
शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव संपन्न कराने के लिए पुलिस हर स्तर पर कार्रवाई करने के लिए जुट गई है। इस कड़ी में एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने गुंडों व बवालियों पर अभी से ही शिकंजा कसने के लिए थानेदारों को कड़े निर्देश दिए हैं। साथ ही अवैध हथियारों की बरामदगी तथा विभिन्न मामलों में फरार चल रहे अपराधियों की हर हाल में गिरफ्तार करने को कहा है।

 

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