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उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम रविवार शाम को माफिया एवं नेता अतीक अहमद को गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती केंद्रीय जेल से लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हुई। अतीक इस जेल में जून 2019 से बंद है। अतीक को एक अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा, जो 28 मार्च को एक अपहरण मामले में आदेश पारित करने वाली है, जिसमें वह आरोपी है। अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम सुबह साबरमती जेल पहुंची और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शाम करीब छह बजे एक पुलिस वैन में अहमद को लेकर निकल गई। अतीक अहमद को साबरमती जेल से ले जाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर विकास दुबे ट्रेंड होने लगा।
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लोग सवाल करने लगे कि क्या अतीक अहमद की भी गाड़ी पलटने वाली है या फिर उसका भी एनकाउंटर होगा। बता दें कि अतीक अहमद को भी एनकाउंटर का डर सता रहा है। जेल से निकलने के बाद उसने पहला बयान दिया कि कोर्ट के कंधे पर रखकर ये मुझे मारना चाहते हैं। अतीक ने कहा, ”मुझे इनका प्रोग्राम मालूम है… हत्या करना चाहते हैं।” अतीक को यूपी लाए जाने के बीच लोग ट्विटर पर तरह-तरह की आशंका व्यक्त करते हुए पोस्ट शेयर कर रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा कि क्या लगता है कि इस बार भी गाड़ी पलटेगी? उन्होंने अतीक अहमद को यूपी लाए जाने वाले काफिले की तस्वीर भी साझा की। वहीं, चेतन नामक एक यूजर ने एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ”यही रात अंतिम, यही रात भारी।” हालांकि, कई यूजर्स ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि अतीक अहमद को रास्ते में कुछ होगा। रविवार शाम छह बजे से लगभग रात दस बजे तक विकास दुबे ट्विटर पर ट्रेंड करता रहा और लोग तरह-तरह के पोस्ट शेयर करते रहे।
उल्लेखनीय है कि विकास दुबे को साल 2020 में गिरफ्तार करने के प्रयास के दौरान कई पुलिसकर्मियों की उससे मुठभेड़ हो गई थी। इसके बाद गोलीबारी में एक डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। बाद में विकास दुबे मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले से पकड़ा गया था। वहां से वापस लाए जाने के दौरान पुलिस की गाड़ी पलट गई थी और इसी दौरान एनकाउंटर में विकास की मौत हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, अतीक अहमद को उसके गृह राज्य (उत्तर प्रदेश) से साबरमती जेल स्थानांतरित कर दिया गया था। प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने कहा कि प्रयागराज पुलिस की एक टीम को अतीक अहमद को लाने के लिए भेजा गया है, जिसे दी गई तारीख पर अदालत में पेश करना है। शर्मा ने कहा, ”प्रक्रिया के तहत, सभी अभियुक्तों को फैसले की तारीख पर अदालत के समक्ष पेश किया जाना है और फिर उन्हें संबंधित जेलों में वापस भेज दिया जाना है।” अहमद 2005 में तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है। उसके खिलाफ उमेश पाल की हत्या के मामले में हाल ही में मामला दर्ज किया गया था। उमेश पाल, राजू पाल की हत्या का मुख्य गवाह था। 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
(एजेंसी से इनपुट सहित)