Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
यूपीआई यूजर्स ध्यान दें, 15 फरवरी से ये नया नियम होगा लागू, फटाफट कर लें चेक   - श्रीनारद मीडिया

यूपीआई यूजर्स ध्यान दें, 15 फरवरी से ये नया नियम होगा लागू, फटाफट कर लें चेक  

यूपीआई यूजर्स ध्यान दें, 15 फरवरी से ये नया नियम होगा लागू, फटाफट कर लें चेक

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

UPI Transactions : यूपीआई यूजर्स के लिए जरूरी खबर आ गई है। नेशनल पेमेंट्स कॉपोरेशन ऑफ इंडिया(NPCI) ने यूपीआई लेनदेन में चार्जबैक के ऑटो एक्सेप्टेंस और रिजेक्शन के लिए नियम जारी किए हैं। यह नियम 15 फरवरी 2025 से लागू होगा।

आपको बता दें कि ये नया नियम ट्रांजेक्शन क्रेडिट कन्फर्मेशन (TCC) और रिटर्न पर आधारित है। अपडेट किए गए प्रोसेस को यूनिफाइड रियल-टाइम क्लियरिंग एंड सेटलमेंट (URCS) सिस्टम पर लागू किया है।

क्या होता है चार्जबैक?

चार्जबैक आमतौर पर बेनिफिशियरी बैंक(Beneficiary Banks) के द्वारा शुरू किया जाता है, इससे पहले कि लाभार्थी बैंक(Remitting Banks) UPI द्वारा ट्रांसजैक्शन को शुरू कर सकें। फिलहाल बेनिफिशियरी बैंकों को(यूनिफाइड रियल टाइम क्लियरिंग एंड सेटलमेंट) URCS में T+0 से आगे चार्जबैक बढ़ाने की अनुमति होती है। इससे अक्सर लाभार्थी बैंकों के पास ट्रांसजैक्श प्रॉब्लम के चार्जबैक में बदलने से पहले रिटर्न को भेजने और एक्टिव रूप से प्रोसेस करने के लिए कम समय होता है।

चार्जबैक का होगा ऑटो रिजेक्शन या एक्सेप्टेंस

मौजूदा प्रसोसे बैंकों को उसी दिन चार्जबैक करने की अनुमति देती है। लेकिन लाभार्थी बैंकों के पास ट्रांसजैक्शन में परेशानी होने पर चार्जबैक से पहले रिटर्न करने का पर्याप्त समय नहीं हो सकता है। इस वजह से ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लाभार्थी बैंकों ने अपनी स्थिति के वेरिफिकेशन के बिना “रिटर्न” किया है, जिसके कारण रिजेक्शन हुई क्योंकि चार्जबैक पहले ही शुरू हो चुका था और आरबीआई द्वारा जुर्माना लगाए जाने के साथ ही इसे एक्सेप्टेंस के आधार पर बंद कर दिया गया।

इससे निपटने के लिए, एनपीसीआई ने चार्जबैक शुरू होने के बाद अगले सेटेलमेंट साइकल में लाभार्थी बैंक द्वारा उठाए गए टीसीसी और रिटर्न के आधार पर चार्जबैक की ऑटो रिजेक्शन या एक्सेप्टेंस के लिए एक प्रोसेस लागू की है।

1 फरवरी से लागू हुआ था ये नियम

इससे पहले NPCI ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि अब UPI ID में केवल अल्फाबेट (अक्षरों) और न्यूमेरिक अंकों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा कोई भी स्पेशल कैरेक्टर जैसे , #, $ आदि का इस्तेमाल UPI ID में नहीं किया जा सकता और अगर कोई भी यूजर ऐसा करता है तो यूपीआई आईडी को कैंसिल कर दिया जाएगा।

यह भी पढ़े

महाकुंभ में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आस्था की डुबकी लगाई

वसंत है रंग, रस, लय एवं ताल के भंगिमा का उत्सव

सीवान में  इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्र की संदेहास्‍पद स्थिति में मौत

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!