आटो रिक्शा चालक व किसान की बेटी ने किया कमाल!
बिटिया हिमांशी ने माता-पिता की मेहनत को किया हृदय से आत्मसात
पिता श्रीकांत तिवारी व मां ललिता देवी का लक्ष्य है कि बच्चे देश का नाम करें रोशन
श्रीनारद मीडिया, कृष्ण कुमार द्विवेदी (राजू भैया) बाराबंकी (यूपी):
उतर प्रदेश के बाराबंकी जनपद के हैदरगढ़ तहसील की पोखरा ग्राम पंचायत के छोटे से गांव राजापुर की रहने वाली हिमांशी तिवारी ने अपनी मेहनत से अपनी शिक्षा उड़ान को जापान तक जा पहुंचाया।
यह बेटी एक साधारण परिवार की दुलारी बिटिया है। हिमांशी के पिता श्रीकांत तिवारी आटो चलाकर अपने परिवार का जीवन यापन करते है। जबकि उनकी मां श्रीमती ललिता देवी शिक्षामित्र है। हिमांशी तीन बहनों में से एक है एवं उसका एक भाई भी हैं।
आज जब बेटी का सम्मान राजकीय इण्टर कालेज पोखरा में हो रहा था तो श्रीकांत तिवारी एवं ललिता तिवारी की आंखों में बार-बार आंसू झिलमिला उठते थे। स्पष्ट था कि हिमांशी तिवारी ने अपने मां-बाप की तस्पया को सुखद स्थिति के शिखर पर ले जाने के लिए अपने सफल इरादों की बानगी का संदेश दे दिया है।
हिमांशी बिटिया ने अपने माता-पिता की मेहनत की कमाई का मूल्य बड़ी संजीदगी से समझा है ।शायद यही वजह है कि आज हिमांशी जापान यात्रा से लौटकर अपने जीवन के किसी अन्य बड़े लक्ष्य की ओर अग्रसर नजर आ रही है। जबकि दूसरी तरफ पिता श्रीकांत तिवारी एवं मां ललिता देवी ने बातचीत में कहा कि उनकी मेहनत केवल इसीलिए है कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर कुछ बन जाए और अपने देश के काम आए।
हिमांशी ने शिक्षा व पर्यावरण पर साझा किये विचार
श्रीनारद मीडिया, बाराबंकी (यूपी):
हैदरगढ़ बाराबंकी। हिन्दुस्तान की शिक्षा का जापान में डंका बजाने वाली छात्रा हिमांशी तिवारी ने जापान में विदेशी विद्यार्थियों के बीच हिन्दुस्तानी शिक्षा एवं संस्कृति तथा पर्यावरण पर अपने विचार साझा किये। हिमांशी ने बताया कि जापान में हर नागरिक, प्रत्येक छात्र पर्यावरण के प्रति सजग है और वह निरन्तर प्रसन्न रहते हुए अपने कामों को निपटाते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें बड़े सपने देखने चाहिए और उन्हें साकार करने के लिए माता-पिता एवं गुरूजनों के आर्शीवाद से कड़ी मेहनत करनी चाहिए। हिमांशी ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता – पिता एवं शिक्षकों को दिया। इस दौरान छात्रा ने अन्य तमाम छात्र-छात्राओं के साथ अपनी जापान यात्रा के अनगिनत संस्मरण साझा किये।
राजकीय इण्टर काॅलेज में नहीं है विज्ञान प्रवक्ता
श्रीनारद मीडिया, बाराबंकी (यूपी):
विज्ञान की छात्रा हिमांशी तिवारी ने जिस राजकीय इण्टर कालेज के नाम को हिन्दुस्तान से लेकर जापान तक रोशन किया है। उसी राजकीय इण्टर कालेज पोखरा में विज्ञान के शिक्षक की तैनाती ही नहीं है। स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है कि हिमांशी कितनी प्रतिभावान छात्रा है।
आज सम्मान समारोह में यह बात छनकर सामने आयी कि कई बार पत्र भेजने के बावजूद भी शिक्षा विभाग के कर्णधार राजकीय इण्टर कालेज पोखरा में एक विज्ञान शिक्षक की व्यवस्था नहीं कर पाये। जबकि वर्ष 2011में कॉलेज में विज्ञान वर्ग की शिक्षा की व्यवस्था की गई थी। जाहिर है कि यदि शिक्षा विभाग के जिम्मेदार लोग जागरूक होते तो इस कालेज के छात्र-छात्राओं का जलवा शायद आज कुछ और ही होता।
मालूम यह भी हुआ कि यहां पर शौचालय सहित अन्य तमाम अव्यवस्थायें विद्यमान है। फिल्हाल कुछ भी हो। लेकिन हिमांशी ने शिक्षा के क्षेत्र में अपने कदमों को हिन्दुस्तान से जापान तक पहुंचाकर जोरदार डंका बजाया है। शायद इस डंके की आवाज प्रदेश की योगी सरकार व शिक्षा विभाग के जिम्मेदार सुन सके? तो हो सकता है कि राजकीय इण्टर कालेज पोखरा में व्याप्त समस्याओं का निस्तारण हो जाये।
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