टीबी के लक्षण व रोकथाम के लिए चला जागरूकता अभियान
लोगों ने टीबी के लिए सतर्क रहने तथा अन्य सभी को जागरूक करने की ली शपथ:
2025 तक भारत को बनाया जाएगा टीबी मुक्त देश:
स्वास्थ्य केंद्रों में हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज की है सुविधा:
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):
“हम अपने पूरे जीवन काल में अपने परिवार, अपने सहकर्मी और पड़ोसी को क्षय रोग के लिए जागरूक करेंगे, लोगों को खांसने के सही तरीके का पालन करने के लिए प्रेरित करेंगे, अपने गांव, अपने जिले, अपने राज्य और अपने देश को टीबी मुक्त बनाने की शपथ लेते हैं।” टीबी रोग की रोकथाम संबंधी जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुक्रवार को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया। लोगों को टीबी रोग के लिए जागरूक करने के साथ-साथ इस बीमारी के प्रति सतर्क रहने की लोगों द्वारा शपथ भी ली गई। इस सामाजिक जागरूकता अभियान में कर्नाटक हेल्थ प्रोमोशन ट्रस्ट (के.एच.पी.टी.) संस्था की तरफ से अचींत, विवेक विजय और अमृत के साथ विभिन्न क्षेत्रों की आशा फैसिलिटेटर, एवं आशा कार्यकर्ता, केयर इंडिया के सदस्य आदि उपस्थित रहे।
टीबी मुक्त समाज बनाने का लिया संकल्प:
जिले के के.नगर प्रखंड के जगनी पंचायत के लोगों ने वहां के मुखिया, उपमुखिया एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ अपने जीवन काल में समाज से टीबी रोग समाप्त करने की शपथ ली। इस दौरान संस्था के सदस्यों ने लोगों को टीबी रोग के लक्षणों की जानकारी देते हुए उससे बचाव के लिए ध्यान रखने योग्य बातों की जानकारी दी। जगनी प्रखंड के मुखिया अघोरी पासवान ने के.एच.पी.टी. व केयर इंडिया संस्था का धन्यवाद व्यापन करते हुए कहा कि जिस प्रकार से हमारा स्वास्थ्य विभाग और अन्य सहयोगी संस्था सामाजिक स्तर पर काम कर रहे हैं, ऐसे में यह रोग अवश्य ही हमारे समाज से जल्द ही दूर हो जाएगा और हमारा समाज क्षय रोग मुक्त हो जाएगा। वहीं जिले के दूसरे क्षेत्र स्थित अमौर प्रखंड के हरीपुर गांव के सदस्यों ने भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों व धर्मगुरुओं के साथ टीबी मुक्त समाज बनाने का संकल्प लिया। हरिपुर गांव के अल्पसंख्यक धर्मगुरु मौलाना इस्माइल ने लोगों से यह अपील किया कि हमें टीबी बीमारी के प्रति जागरूक रहने के साथ साथ औरों को भी जागरूक करना होगा तभी टीबी जैसी गंभीर बीमारी हारेगा और हमारा देश जीतेगा।
2025 तक भारत को बनाया जाएगा टीबी मुक्त देश:
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। टीबी उन्मूलन के लिए निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्य की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण स्वाभाविक रूप से आघात पहुंचा है। अब स्वास्थ्य विभाग ने टीबी उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग के द्वारा टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों तक लोगों को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है और उन्हें बीमारी से बचाव की जानकारी दी जा रही है।
स्वास्थ्य केंद्रों में हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज की है सुविधा:
जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। जहां पर वह अपना इलाज करा सकते हैं। इसके साथ लोगों को नजदीक स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क दवा भी दी जाती है जो टीबी के मरीजों को सुलभ सहायता मिल सके। सरकार द्वारा देश को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प है। सरकार द्वारा इसीलिए टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। टीबी रोगी सघन खोज अभियान में टीबी के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है। साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को सावधानियां बताते हुए जागरूक करने का प्रयास भी किया गया है।
टीबी (क्षयरोग) के लक्षण:
• लगातार 3 हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना
• खांसी के साथ खून का आना
• छाती में दर्द और सांस का फूलना
• वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
• शाम को बुखार का आना और ठंड लगना
• रात में पसीना आना
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