फिल्म बैड बॉय
निर्देशक – राजकुमार संतोषी
निर्माता – साजिद कुरैशी
कलाकार – नमोशी चक्रवर्ती, अमरीन कुरैशी, शाशवत चटर्जी, दर्शन जरीवाला, जॉनी लीवर, राजपाल यादव, मिथुन चक्रवर्ती और अन्य
प्लेटफार्म – सिनेमाघर
रेटिंग – डेढ़
निर्देशक राजकुमार संतोषी ने 28 साल पहले फिल्म बरसात से स्टार किड्स बॉबी देओल और ट्विंकल खन्ना को लॉन्च किया था. 28 साल बाद फिल्म बैड बॉय से उन्होने एक बार फिर दो युवा चेहरों को लॉन्च किया है, मिथुन चक्रवर्ती के बेटे नमोशी और निर्माता साजिद कुरैशी की बेटी अमरीन कुरैशी को, लेकिन तीन दशक बाद स्टार किडस को लॉन्च करने वाली उनकी इस फिल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले तीन दशक पुराना वाला ही है और उसपर युवा कलाकारों का कमज़ोर अभिनय इस फिल्म को अपने नाम के अनुरूप बैड एक्सपीरियंस ही बनाकर रह गया है.
अमीर गरीब वाली वही पुरानी है कहानी
निर्देशक राजकुमार संतोषी ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि उनकी यह फिल्म साउथ की एक फिल्म से प्रेरित है. प्रेरणा वाली यह कहानी बहुत घिसी पिटी है. लड़का यानि रघु (नमोशी ) गरीब, पढ़ाई में बेहद कमज़ोर है और लड़की रितु ( अमरीन ) कॉलेज टॉपर है और अमीर परिवार से है. उसके पिता (शाश्वत चटर्जी ) बहुत सख्त और वसूलों वाले हैं. वह अपनी बेटी की लाइफ को पूरी तरह से कंट्रोल में रखते हैं. रघु उसकी ज़िन्दगी में आजादी लेकर आता है और मौजूदा दौर की इस लव स्टोरी में भी हीरो, हीरोइन को गुंडों से बचाता और हीरोइन को हीरो से प्यार हो जाता है. पिता इस प्यार के खिलाफ हैं, तो फिर वही 90 वाला फार्मूला पैसे कमा कर लाओ शुरू हो जाता है. फिल्म है, तो हीरो भले ही कॉलेज में फेल होता हैं, लेकिन वह पैसे कमा लेगा और लड़की के पिता को भी मना ही लेगा. यही कहानी है. जिसे कॉमेडी के साथ ट्रीट किया गया है. कॉमेडी में सबसे बड़ी जरूरत संवाद की होती है और इस फिल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले के साथ संवाद भी कमज़ोर रह गए हैं. जो इस फिल्म को पूरी तरह से बोझिल बना गए हैं. निर्देशक राजकुमार संतोषी एक बार फिर से चूक गए हैं. अजब प्रेम की गजब प्रेम कहानी की तरह ग्राफ़िक अंदाज में इस बार भी कहानी को उन्होने कहा है, लेकिन वह एंटरटेनमेंट फिल्म से पूरी तरह से गायब है.
अभिनय भी है बेअसर
अभिनय की बात करें तो इस फिल्म से लॉन्च हुए मिथुन के बेटे नमोशी को अभी खुद पर बहुत काम करने की जरूरत है. एक्टिंग से लेकर अपने लुक्स सभी पर. फिल्म के गानों में उनका वजन कई बार जरूरत से ज्यादा लग रहा था. नमोशी के मुकाबले अमरीन ने अच्छा काम किया है. परदे पर वह अच्छी भी दिखी हैं, लेकिन उन्हें अपनी एक्टिंग को पॉलिश करने की जरूरत है खासकर संवाद अदाएगी पर काम करने की जरूरत है. फिल्म में अभिनय के कई दिग्गज नाम है शाशवत चटर्जी, दर्शन जरीवाला, जॉनी लीवर, राजपाल यादव इन्होने अपने हिस्से की भूमिका को सही ढंग से निभायी है. जॉनी लीवर की मौजूदगी से जरूर फिल्म में थोड़ा एंटरटेनमेंट जुड़ा है. फिल्म के एक गाने में मिथुन भी नजर आएं है.
इन पहलुओं में भी खायी है मात
इस फिल्म के गीत – संगीत की बात करें, हिमेश रेशमिया ने संगीत की जिम्मेदारी उठायी है. जो पूरी तरह से कमज़ोर रह गया है. गाने सुने – सुनाये से लगते है. सिनेमाटोग्राफी और फिल्म के दूसरे पहलुओं में भी यह फिल्म आज के दौर की नजर नहीं आती है.