बैंक के सर्वर को हैक कर खातों से 86 लाख रुपये उड़ाये, SOG ने विदेशी नागरिक सहित 3 को दबोचा

बैंक के सर्वर को हैक कर खातों से 86 लाख रुपये उड़ाये, SOG ने विदेशी नागरिक सहित 3 को

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श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

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स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) राजस्थान ने साइबर ठगी (Cyber fraud) के मामले में बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. एसओजी ने बैंकों के नेटवर्क को हैक कर बैंक खातों से पैसा निकालने वाले गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों ने अब तक एक हजार से ज्यादा बैंक खातों से करोड़ों रुपये (Crores of rupees) की साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. आरोपियों में विदेशी नागिरक भी शामिल है. वही गिरोह का मास्टर माइंड है. यह आरोपी नाइजीरिया (Nigeria) का है और दिल्ली में रहता है.

एसओजी को जालोर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड की ओर से खाताधारकों के खातों से साइबर ठगी की शिकायत मिली थी. जालोर नागरिक सहकारी बैंक के खातों से इस गिरोह के करीब 86 लाख रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. गिरोह ने बैंक के सर्वर को हैक कर खाताधारकों की संपूर्ण जानकारी ले ली. फिर खाताधारकों के मोबाइल नंबर व अन्य गोपनीय जानकारी हासिल कर खातों के भारी-भरकम राशि को ऑनलाइन दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया.

गिरोह के लोगों ने मात्र दो घंटे में 28 खाताधारकों के 86 लाख रुपये को अपने बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिया. एसओजी की जांच में खुलासा हुआ है कि गिरोह के लोगों ने साइबर ठगी के जरिए जिन खातों में पैसा ट्रांसफर किया था वो खाते भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए थे. एसओजी ने गिरोह के ऐसे चार फर्जी दस्तावेजों से बनाए गए बैंक खातों को पकड़ा है. एसओजी ने इस मामले में दिल्ली निवासी राशिद , जालोर निवासी मुकेश विश्नोई के साथ साथ एक विदेशी नागरिक ओमारेडिन ब्राइट को भी गिरफ्तार किया है.
 

गिरोह का मास्टर माइंड नाइजीरिया का रहने वाला ओमारेडिन ब्राइट नामक व्यक्ति है. वह दिल्ली के मालवीय नगर थाना इलाके में रह रहा था. एसओजी ने ओमारेडियन ब्राइट को गिरफ्तार कर जयपुर स्थित एसओजी मुख्यालय ले आई है. एसओजी की जांच में खुलासा हुआ है कि गिरोह गुजरात की एक सहकारी बैंक से भी पचास लाख रुपए की साइबर ठगी की वारदात को अंजाम दे चुका है.

 

ये गिरोह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मोबाइल फोन और मोबाइल सिम कार्ड हासिल करता था. दस्तावेजों में कांट-छांट कर बैंक खातों को खुलवाया जाता था. देशभर में बैंकों के सर्वर को हैक कर गोपनीय जानकारियां हासिल कर लेता. बैंक जिन खाताधारकों के खातों में ज्यादा राशि होती थी उसे अपनी फर्जी खातों में ट्रांसफर करता था. फर्जी खातों की राशि को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करने के बाद फर्जी बैंक खाते को बंद कर देता था. एसओजी की गहन जांच के बाद इस गिरोह द्वारा एक हजार से ज्यादा बैंक खातों को हैक कर साइबर ठगी की वारदातें करने का खुलासा हुआ है. एसओजी ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया है.

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