बाराबंकी की खबरें : कुर्मी समाज की बैठक में नरेंद्र वर्मा को चेयरमैन बनाने का लिया निर्णय
श्रीनारद मीडिया, लक्ष्मण सिंह, बाराबंकी (यूपी):
कुर्मी स्वाभिमान महासंघ की बाराबंकी इकाई की बैठक गोंडा तिराहा फत्ते मिल के निकट हुई जिसमें कुर्मी समाज बरबनकीं के अधिकान्स लोग उपस्थित होकर एक मत हुए ।
यह भी निर्णय लिया कि सर्व समाज के साथ साथ कुर्मी समाज का का विकास करने वाला अगर कोई है तो वो नरेंद्र वर्मा जी है इनके अलावा कई लोगों को जनता देख चुकी है इस बार नरेंद्र वर्मा को ही भारी मतों से जिताना है चाहे कोई अन्य कुर्मी समाज से क्यों न लड़ रहा हो ।
बैठक में इंजीनियर एस पी वर्मा ,जिला पंचायत सदस्य वासुदेव वर्मा, सहदेव वर्मा , भूकान्त वर्मा ,अरुण वर्मा ,वीरेंद्र वर्मा ,ललित वर्मा अर्जुन वर्मा ,कमलेश चंद्र शर्मा ,मो अब्बास , मो ख़ालिक़ ,शहफान अहमद ,तारिक खान, ,वैभव द्विवेदी, ज्ञान प्रकाश वर्मा, आशुतोष यादव ,राहुल कुमार ,रमेश कुमार ,इन्द्रशे वर्मा , राजकुमार वर्मा ,मोहन कुमार सिंह, शुभम मिश्रा आदि लोग मौजूद रहे।
इसके बाद नरेंद्र वर्मा ने पैसार ,महुआरी पुरवा , मकदूमपुर दशरावाग छेत्र में जनसंपर्क कर जनता है वोट सपोर्ट मांग कर जिताने के लिये निवेदन किया ।
सभी को गरिमा, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार: पंकज पटवा
श्रीनारद मीडिया, लक्ष्मण सिंह, बाराबंकी (यूपी):
मोहनलाल वर्मा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट बाराबंकी में राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रथम इकाई द्वारा मानवाधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी का प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर एच एन चौधरी के द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। विचार गोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी पंकज कुमार पटवा के कुशल नेतृत्व में किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रोफेसर डॉक्टर एच एन चौधरी ने कहा कि मानव अधिकार प्रायः ऐसे ‘आधारभूत अधिकार’ हैं जिन्हें प्रायः ‘न छीने जाने योग्य’ माना जाता है और यह भी माना जाता है कि ये अधिकार किसी व्यक्ति के जन्मजात अधिकार हैं। व्यक्ति के आयु, प्रजातीय मूल, निवास-स्थान, भाषा, धर्म, आदि का इन अधिकारों पर कोई प्रभाव नहीं होता। ये अधिकार सदा और सर्वत्र देय हैं तथा सबके लिए समान हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी पंकज कुमार पटवा ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवन, स्वाधीनता और वैयक्तिक सुरक्षा का अधिकार प्राप्त है।
कोई भी गुलामी या दासता की हालत में न रखा जाएगा, दास-प्रथा और दासों का व्यापार अपने सभी रूपों में निषिद्ध होगा। मानव अधिकार के नाम पर अमानवीय कृत्य करने वालो को इन अधिकारों के न दिए जाने पर विचार करने का समय आ गया है। गोष्ठी को संबोधित करते हुए महाविद्यालय की सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी एवं
हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मधुलिका राय ने कहा कि
किसी को भी शारीरिक यातना न दी जाएगी और न किसी के भी प्रति निर्दय, अमानुषिक या अपमानजनक व्यवहार नही किया जाना चाहिए।
विचार गोष्ठी में अपने विचार रखते हुए वरिष्ठ स्वयंसेविका सौम्या सिंह ने कहा कि हर किसी को हर जगह कानून की निगाह में व्यक्ति के रूप में स्वीकृति-प्राप्ति का अधिकार है।विचार गोष्ठी में अपने विचार रखते हुए वरिष्ठ स्वयंसेविका गुलशन आरा ने कहा कि कानून की निगाह में सभी समान हैं और सभी बिना भेदभाव के समान कानूनी सुरक्षा के अधिकारी हैं। यदि इस घोषणा का अतिक्रमण करके कोई भी भेदभाव किया जाए या उस प्रकार के भेदभाव को किसी प्रकार से उकसाया जाए, तो उसके विरुद्ध सुरक्षा का अधिकार सभी को प्राप्त है। इस अवसर पर वरिष्ठ स्वयंसेवक इंद्रजीत, रविंद्र, सोनू धनंजय प्रांसी बाजपेई नेहा सिंह सहित सभी स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
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