जीविका आश्रम में बसन्तोत्सव एवं आश्रम मित्र-मिलन समारोह मनाया गया
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी बसन्त पञ्चमी (दिनांक 26 जनवरी, 2023) के शुभ अवसर पर जीविका आश्रम में बसन्तोत्सव एवं आश्रम मित्र-मिलन समारोह धूमधाम से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में ग्राम इन्दाना व आसपास के गाँवों से स्थानीय लोगों के साथ-साथ बड़ी संख्या में जबलपुर शहर के नागरिकों ने भाग लिया। इसके साथ ही उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, छतीसगढ़, आदि राज्यों से आये लोग भी बसन्तोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित हुये।
इस बार बसंत पञ्चमी, 26 जनवरी यानि गणतन्त्र दिवस के दिन पड़ने के कारण, बंसतोत्सव का आरम्भ ध्वज वंदन कार्यक्रम से हुआ। उसके पश्चात बसंत पञ्चमी पूजन-हवन, मतवारी बुन्देली लोकगीतों के साथ लोहारी, कुम्हारी, वंशकारी, लाइव-स्केचिंग, पत्थर नक्काशी, पट-चित्रकारी, गोदनकारी आदि ग्रामीण विद्याओं के कारीगरी उत्पादों की प्रदर्शनी, बिक्री और उनकी कार्यशालाओं का आयोजन भी किया गया।
स्थानीय लोकगीत कलाकारों राजू दाहिया, राम मण्डल, सीताराम झारिया, राजा पटेल, जीतेन्द्र, चंदू यादव, राजा बर्मन, मुन्ना बर्मन, आदि ने मिलकर शानदार बुन्देली लोकगीत प्रस्तुत किये। नजदीकी गाँव गनियारी के लोक कलाकार श्री जुगराज सिंह ने अपने तानपुरे व लोक संगीत के माध्यम से पूरे दिन भर लोगों का मनोरंजन किया।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से आये पट-चित्रकार कुर्बान एवं बहारुन, जबलपुर के पड़ोसी जिले डिन्डोरी से पधारी गोदना कलाकार मंगला बाई मरावी, पड़ोसी जिले नरसिंहपुर से पधारे जैविक कृषक कृष्ण कुमार, गोदना कलाकार जबलपुर से पधारे स्केचिंग कलाकार विवेक साहू, पड़ोसी गाँव कालाडूमर के प्रसिद्ध सरोंता-कारीगर अनिल विश्वकर्मा, स्थानीय इंद्राना गाँव के मिट्टी कारीगर नरेश चक्रवर्ती, बाँस कारीगर रवि बर्मन एवं गोविंद बर्मन, आदि ने अपने-अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाईं। जीविका आश्रम की ओर से सभी कलाकारों, चित्रकारों व कारीगरों को अपनी पुरातन कला को बचाये रखने के लिए इस अवसर पर सम्मानित किया गया।
जीविका आश्रम, वर्ष 2017 से प्रतिवर्ष अपनी वास्तु-शान्ति दिवस यानि बसन्त-पञ्चमी के अवसर पर वार्षिक बसंतोत्सव एवं आश्रम मित्र-मिलन समारोह आयोजित करते आ रहा है।
बसंतोत्सव कार्यक्रम के साथ ही अगले तीन दिनों यानि 27-28-29 जनवरी 2023 को आश्रम परिसर में ही ‘भारतीय जीवनशैली विषयक’ तीन दिवसीय व्यवहारिक परिचय शिविर का भी आयोजन किया गया। इस आवासीय शिविर में उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, आदि राज्यों से आये लगभग 50 प्रतिभागी शामिल हुये। इनमें विभिन्न विषयों के विषय-विशेषज्ञ, शोधार्थी, कृषक बन्धु एवं अन्य सामान्य जन शामिल हुये।
शिविर में प्रतिभागियों के साथ भारतीय ग्रामीण जीवन के विभिन्न पहलूओं पर चर्चाओं, आदि के साथ-साथ ग्राम-भ्रमण, खेत-भ्रमण, नदी-भ्रमण, आदि गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं।
आश्रम परिसर में इस तरह की यह पहली शिविर/कार्यशाला थी, जिसे प्रतिभागियों द्वारा बहुत पसंद किया गया। स्थानीय ग्राम-वासियों को भी देशभर से आए विभिन्न लोगों से घर बैठे ही मिलने का, उनसे संवाद करने का अवसर प्राप्त हुआ।
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