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इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल के 16वें सीजन की शुरुआत 31 मार्च से हो रही है। फैंस में इस टूर्नामेंट को लेकर क्रेज है। एक बार फिर से आईपीएल का आयोजन भारत के अलग-अलग शहरों में होगा। आमतौर पर आईपीएल के दौरान इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेली जाती है, लेकिन कुछ देश ऐसे हैं, जो अप्रैल के पहले वीक तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेलेंगे। इन पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी सख्ती लगाने जा रहा है।
दरअसल, बांग्लादेश और श्रीलंका की टीम के खिलाड़ी, जो अलग-अलग आईपीएल फ्रेंचाइजियों का हिस्सा हैं, वे देर से अपनी टीमों के साथ जुड़ेंगे। बीसीसीआई इस बात से नाखुश है और वह इन दो देशों के खिलाड़ियों को आईपीएल खेलने से रोक भी सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि श्रीलंका और बांग्लादेश के खिलाड़ियों को आगे चलकर आईपीएल में खेलने से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
इसके पीछे का कारण ये है कि बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) ने राष्ट्रीय टीम के खेलों के कार्यक्रम के साथ अपना शेड्यूल बनाया हुआ है। ऐसा पिछले कई साल से चला आ रहा है। यही कारण है कि शाकिब अल हसन, लिटन दास और मुशफिकुर रहीम को 9 अप्रैल से 5 मई और उसके बाद 15 मई से खेलने की अनुमति मिली है। टुकड़ों में खिलाड़ियों की उपलब्धता से बीसीसीआई नाखुश है।
वहीं, श्रीलंका की बात करें तो वानिंदु हसरंगा, मथीशा पथिराना, भानुका राजपक्षे और महीश थीक्षणा टूर्नामेंट के पहले सप्ताह के बाद अपनी-अपनी टीमों से जुड़ेंगे। ऐसा इसलिए है, क्योंकि श्रीलंका की टीम इस समय न्यूजीलैंड के दौरे पर है। वहीं, न्यूजीलैंड के आईपीएल बाउंड खिलाड़ी खुद आईपीएल खेलने आ जाएंगे। बीसीबी के चेयरमैन नजमुल हसन ने भी ये साफ कर दिया था कि नेशनल ड्यूटी के चलते खिलाड़ी आईपीएल में उपलब्ध नहीं होंगे।
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इनसाइडस्पोर्ट को बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया, “कुछ देशों के खिलाड़ियों को चुनने के बारे में फ्रेंचाइजी को संदेह होगा अगर वे टूर्नामेंट में आंशिक रूप से खेलने के लिए यहां हैं।” BCCI ही नहीं, बल्कि आईपीएल फ्रेंचाइजी भी इस बात से नाखुश हैं कि उनके खिलाड़ी उपलब्ध नहीं हैं। एक फ्रेंचाइजी ने कहा, “बीसीसीआई अन्य बोर्डों के साथ बात करती है, लेकिन हमें यह देखना होता है कि हम किसे चुन रहे हैं। अगर वे नहीं चाहते कि उनके खिलाड़ी यहां खेलें तो रजिस्ट्रेशन मत कराओ।”