संस्कार भारती एवं सुर संगम कला संस्थान का संयुक्त आयोजन “सुर संगम २०२२” के ख़ूबसूरत पल.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सुर संगम कला संस्थान एवं संस्कार भारती के संयुक्त तत्त्वावधान में शुक्रवार को प्रेमचंद रंगशाला में ‘सुर संगम – 2022’ के सफल व भव्य आयोजन के लिए सभी गण्यमान्य अतिथियों, कलाकारों तथा समारोह से जुड़े सहयोगियों का ह्रदय से कोटि- कोटि आभार ! आपकी गरिमामई उपस्थित व भावात्मक सहयोग ने हम कलाकर्मियों को आह्लादित किया, नया आत्मविश्वास, नई ऊर्जा, तथा नवसृजन के लिए अभिप्रेरित किया।

समारोह का विधिवत उद्घाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री- द्वय तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी, उधोग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, कला – संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री डॉ० आलोक रंजन, गृह विभाग के विशेष सचिव आई. जी. विकास वैभव आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। ‘सुर संगम- 2022’ में रंगारंग सांस्कृतिक संध्या सह सम्मान समारोह के उद्घाटन के पश्चात अपने संबोधन में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने सुर संगम कला संस्थान तथा संस्कार भारती की कलात्मक उपलब्धियों को जमकर सराहा तथा कला के माध्यम से बेहतर राष्ट्र निर्माण की दिशा में इन संस्थाओं के अप्रतिम योगदान की भूरि- भूरि प्रशंसा की। उन्होंने ‘सुर संगम- 2022’ की परिकल्पनाकार चंपारण, बिहार व देश की अमूल्य कला धरोहर व सुर संगम कला संस्थान की अध्यक्ष डाॅ. नीतू कुमारी नूतन के ‘कलात्मक विजन’ की जमकर प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि कला के विविध रंगों को मंचीय प्रदर्शन द्वारा साकार कर डाॅ.नूतन ने अपनी अद्भुत प्रतिभा व कला क्षमता की मिशाल पेश की है। बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि कलाएँ हमारे जीवन में करुणा, संवेदनशीलता, मानवता व संस्कार का निर्माण करती हैं, जिनकी बदौलत हम एक बेहतर समाज व नवीन भारत का सपना देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के जिन मुल्कों ने अपनी विरासत व संस्कृति की हिफाजत की है, उन्होंने वास्तविक रुप में तरक्की की तथा दुनिया पर राज किया। उधोग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कला मनुष्य के सामाजिक जीवन में एकात्मकता व नयी चेतना लाती है। उन्होंने कहा कि कला के ऐसे विविध व रंगारंग प्रदर्शनों से सामाजिक जागृति पैदा होती है, युवाओं में राष्ट्रभक्ति का बोध होता है।

कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री डाॅ० आलोक रंजन ने कहा कि शास्त्रीय व लोक रंग से सराबोर ऐसी कलाओं का प्रदर्शन सांस्कृतिक प्रदूषण को खत्म कर युवाओं को सांस्कारित करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति मजबूत होगी , तब राष्ट्र मजबूत होगा। गृह विभाग के विशेष सचिव आई०जी० विकास वैभव ने कहा कि कलाएँ जीवन में उमंग- उत्साह का संचार कर मानव मन को परिष्कृत करती हैं, इन गुणों से सम्पन्न व्यक्ति हीं समाज व राष्ट्र के लिए समर्पित होता है।
आगत अतिथियों का स्वागत ख्यातिलब्ध गायिका व केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की सदस्य डाॅ० नीतू कुमारी नूतन ने किया, जबकि संपूर्ण समारोह का सफल संचालन सिमरन श्रुति एवं कमलेश कुमार ने किया।

‘सुर संगम- 2022’ का आगाज रंगारंग सांस्कृतिक सत्र से हुआ, जहाँ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की कला विभूतियों की मनभावन प्रस्तुतियाँ दर्शक- श्रोताओं की स्मृतियों में गहरी छाप छोड़ने में कामयाब रहीं। समारोह का शुभारंभ ख्यातिलब्ध शास्त्रीय गायक डॉ०ओमप्रकाश नारायण के गायन से हुआ। अपनी सधी हुई गायिकी से डॉ० नारायण ने शास्त्रीय संगीत के छंदानुशासन को एक लय में बाँध समारोह को आकाशीय भव्यता प्रदान की। फिर, सुर संगम कला संस्थान द्वारा प्रस्तुत गीत एवं नृत्य की नयनाभिराम प्रस्तुति राजीव रंजन, सुदीपा घोष एवं जितेंद्र चौरसिया तथा समूह दल द्वारा की गयी , खूबसूरत शब्दों में पिरोये गए गीत पर नर्तक- नर्तकियों की भावभागिमाएँ देखते बनती थीं।

अगली प्रस्तुति सुप्रसिद्ध नर्तकी सुदीपा घोष, जितेंद्र चौरसिया एवं संस्कार भारती समूह दल द्वारा ध्येय गीत-नृत्य की हुई। संगीत के साधकों द्वारा सुर संगम-2022 के मंच पर इस प्रस्तुति से संगीत की ऐसी रसधारा बही कि दर्शक- श्रोता भावविभोर हो गए। एक के बाद एक भव्य कलात्मक प्रस्तुतियों का साक्षी बन रहा प्रेमचंद रंगशाला का मंच तब परवान चढ़ा, जब प्रख्यात कला साधिका विदुषी डाॅ० नीतू कुमारी नूतन दर्शक- श्रोताओं से रुबरू हुईं। डाॅ० नूतन ने गज़ल , ठुमरी, दादरा की सधी प्रस्तुतियों के बाद पारंपरिक कजरी तथा विदेसिया के द्वारा लोक संगीत के प्राकृतिक मिठास का रस घोल समारोह को भव्यता की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।

डाॅ०अश्विन एम० दलवी का सुर बहार तथा चेतन जोशी की बाॅसुरी की ऐतिहासिक जुगलबंदी दो महान सुरों के संवाद और संगम का गवाह बना। दोनों वाद्ययंत्र से निकले लय-स्वर-ताल के साथ एकाकार हो परम ब्रह्म की ओर ले जा सूक्ष्म अनुभूतियों के अहसास के साथ दर्शक- श्रोताओं के मन के तारों को झंकृत कर गए। आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के साथ अंत में पचास नवोदित कलाकारों ने वंदेमातरम् गीत पर भावों की रस वर्षा से दर्शकों को सराबोर कर दिया। संगत कलाकार के रुप में क्रमश: अर्जुन चौधरी ने नाल, संतोष कुमार ने तबला, बिनोद कुशवाहा ने हारमोनियम पर अपनी बेजोड़ संगत से समारोह को भव्यता की आसमानीबुलंदियों तक पहुंचा दिया।
‘सुर संगम- 2022’ के दूसरे सत्र में कला- साहित्य की महान विभूतियों को अतिविशिष्ट उपलब्धियों व उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। प्रख्यात सुर बहार साधक डॉ०अश्विन एम० दलवी ( जयपुर) तथा सुविख्यात बाँसुरी वादक चेतन कुमार जोशी (दिल्ली) को डाॅ० नीतू कुमारी नूतन एवं वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट, वृंदावन से आए महान संतो द्वारा ‘ब्रह्मनाद सम्मान’ से सम्मानित किया गया। नालंदा ( बिहार) के वरिष्ठ शास्त्रीय गायक डॉ०ओमप्रकाश नारायण, गोपालगंज के युवा साहित्यकार सर्वेश तिवारी श्रीमुख, प्रसिद्ध कथक नर्तक राजीव रंजन ( पटना) तथा दरभंगा ( बिहार) के युवा लोक गायक कमलेश कुमार देव को मुख्य एवं विशिष्ट अतिथियों के कर कमलों द्वारा ‘सुरभारती सम्मान’ से नवाजा गया।

विशिष्ट अतिथि के रुप में डाॅ. विमल जैन, डॉ.आर.एन. सिंह, डाॅ.जितेंद्र सिंह, आदि की गरिमामयी उपस्थिति ने सुर संगम- 2022 को आकाशीय भव्यता तथा नयी ऊँचाइयाँ प्रदान कीं।
समारोह की सफलता में संस्कार भारती बिहार प्रदेश प्रचारक वेद प्रकाश, रौशन जी, निहाल राज, संजय चौधरी, भारतेंदु कुमार, सत्या, विनय कुमार आदि की अविश्वमरणीय भूमिका रही।
समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन संस्कार भारती ( बिहार) के प्रदेश अध्यक्ष पद्मश्री से सम्मानित प्रो० श्याम शर्मा ने किया।

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