चौपाल लगाकर परिवार नियोजन के प्रति लाभार्थियों को किया जायेगा जागरूक

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• ग्रीन चैनल के माध्यम से टीकाकरण स्थल पर शत-प्रतिशत परिवार नियोजन के साधनों को उपलब्ध कराया जायेगा
• परिवार नियोजन कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण को लेकर जिला समन्वय समिति की बैठक
• महिला नसबंदी के लिए फिक्स-डे सर्विसेज का कैलेंडर होगा तैयार

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):


छपरा  जिले में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक नई और व्यापक पहल की शुरुआत की है। यह पहल खासकर सुदूर ग्रामीण इलाकों में लोगों तक परिवार नियोजन के साधनों की पहुंच सुनिश्चित करने और जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य लोगों को परिवार नियोजन के लाभ, इसके सुरक्षित उपायों और समय पर परिवार नियोजन अपनाने की आवश्यकता के बारे में जानकारी देना है।इसको लेकर सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने निर्देश दिया है। जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में परिवार नियोजन कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण को लेकर जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गयी।

पीएसआई इंडिया के सहयोग से यह बैठक आयोजित किया गया। जिसमें सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि परिवार नियोजन के साधनों के प्रति जागरूकता के लिए चौपाल लगाया जायेगा। पंचायत भवन या आंगनबाड़ी केंद्रों और सर्वाजनिक स्थलों पर चौपाल लगाकर परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जायेगा। पिरामल संस्था के सहयोग से चौपाल आयोजित किया जायेगा।

जिसमें स्थाई साधन के लिए महिला बंध्याकरण एवं पुरुष नसबंदी के बारे में वृहद रूप से जानकारी दी जायेगी। अस्थाई साधन के लिए मला- एन, छाया, इजी पिल्स’ अंतरा आदि से गर्भवती होने इस समस्या कम की जा सकती है मुख्य रूप से नव दंपति को पहले 2 साल तक कोई बच्चा ना हो तथा दो बच्चों के बीच 3 साल का अंतर सही समय पर शादी तथा “बच्चे दो ही अच्छे “के बारे में जागरूक किया जायेगा।

इन चौपालों में विशेष रूप से नव दंपतियों को लक्षित किया जाएगा और उन्हें पहले दो साल तक कोई बच्चा न होने और दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतर रखने के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा, “बच्चे दो ही अच्छे” जैसे स्लोगन के जरिए लोगों को परिवार नियोजन के लाभ के बारे में समझाया जाएगा। इस मौके पर डीआईओ डॉ. सुमन कुमार , डीपीएम अरविन्द कुमार, डीपीसी रमेशचंद्र कुमार, डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह, डॉ. अश्वनी कुमार, डॉ. आकृति, यूनिसेफ एसएमसी आरती त्रिपाठी, एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार, पीएसआई इंडिया से राजीव कुमार, मुरलीधर, पिरामल से अभिमन्यु, मृणाल, सीफार डीपीसी गनपत आर्यन समेत अन्य मौजूद थे।

टीकाकरण स्थलों पर परिवार नियोजन साधनों की उपलब्धता
इस कार्यक्रम को और प्रभावी बनाने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने सुझाव दिया कि आउटरिच में आयोजित होने वाले टीकाकरण स्थलों पर भी परिवार नियोजन के साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके लिए ग्रीन चैनल का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि टीकाकरण केंद्रों पर शत-प्रतिशत परिवार नियोजन साधन उपलब्ध हों। यह कदम परिवार नियोजन के उपायों की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर उन स्थानों पर जहां दूर-दराज के लोग इकट्ठा होते हैं।

महिला बंध्याकरण के लिए फिक्स-डे सर्विसेज
इसके साथ ही, महिला बंध्याकरण की सेवाओं को बेहतर और सुदृढ़ बनाने के लिए फिक्स-डे सर्विसेज का कैलेंडर तैयार किया जाएगा। इस कैलेंडर के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महिला बंध्याकरण की प्रक्रिया किसी विशेष दिन पर एक निश्चित संस्थान में की जाए। इससे न सिर्फ प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कितने लाभार्थियों का बंध्याकरण हुआ और यह सेवाएं सभी तक समय पर पहुंच सकें। इस कैलेंडर के आधार पर स्वास्थ्य अधिकारी बंध्याकरण के आंकड़े और जरूरत के अनुसार सेवाएं भी बढ़ा सकेंगे।

 

पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि मुरलीधर और राजीव कुमार ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह है कि परिवार नियोजन के साधन हर किसी तक सही तरीके से पहुंचे, खासकर उन इलाकों में जहां जागरूकता की कमी हो सकती है। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करना कि परिवार नियोजन को एक सामान्य और सुरक्षित विकल्प के रूप में देखा जाए, ताकि लोग बिना किसी डर या हिचकिचाहट के इसका उपयोग कर सकें। स्वास्थ्य विभाग की यह कोशिश है कि लोग सही समय पर परिवार नियोजन अपनाएं और भविष्य में होने वाली अनावश्यक गर्भधारण की समस्या से बच सकें।

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