शत-प्रतिशत कोविड टीकाकरण का प्रयास कर रहे हैं बीएचएम अजय कुमार
मजबूत इरादों से संक्रमण को मात देकर दोबारा अपनी ड्यूटी पर लौटे:
कोरोना वायरस की रोकथाम पर जगा रहे हैं अलख:
श्रीनारद मीडिया, किशनगंज, (बिहार):
वर्तमान समय में कोरोना से बचाव को लेकर टीकाकरण अभियान चल रहा है। चुनौतियों से भरे इस दौर में कुछ कर्मी जनसेवा व समर्पण की मिसाल बन कर सामने आये हैं। जिले के किशनगंज प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वस्थ प्रबन्धक अजय कुमार साह प्रखंड के सभी गांवों में टीकाकरण सत्र स्थलों पर लोगों को कोविड टीका लेने के प्रति जागरूक कर रहे हैं। साथ ही कोरोना वायरस से बचाव सम्बंधित तथा कोरोना वायरस फैलने के कारण लक्षणों एवं बचाव सम्बन्धी सावधानियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
सही जानकारी लोगों को टीकाकरण में लाया आगे:
जिले के किशनगंज प्रखंड एक अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र है। यहां के ज्यादातर लोग अशिक्षित हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए सरकार द्वारा चलाए गए टीकाकरण अभियान शुरुआत में लोगों को राजनीतिक प्रोपोगेंडा लग रहा था। इसके अलावा भी उन क्षेत्रों में टीकाकरण के प्रति अन्य तरह के बहुत से अफवाहों ने अपनी जगह बना ली थी। उसी समय अजय कुमार साह को प्रखंड स्वास्थ्य प्रबन्धक के रूप में नियुक्त किया गया और उन्हें लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई। अजय कुमार ने बताया प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं पंचायत के मुखिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से संपर्क स्थापित कर लोगों के बीच जागरूकता अभियान के संचालन का उन्होंने निर्णय लिया। उन्हें पता था कि सरकार द्वारा लोगों को लगाए जा रहे टीके लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है जो लोगों को संक्रमण से लड़ने में सहायक होता है। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में टीकाकरण के बारे में लोगों की कुछ अलग ही राय थी। लोगों का मानना था कि टीका लगाने से लोग बीमार हो जाएंगे और 6 महीने या साल भर बाद लोगों की मृत्यु हो जाएगी। कुछ लोग यह भी सोचते थे कि कोविड-19 टीका सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के लिए लगवाया जा रहा है और टीका लगाने से लोगों की पौरुषता समाप्त हो जाएगी। लोगों में फैली इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए ग्रामीण स्तर पर जागरूकता संबंधी बैठकें व चौपाल आयोजित किये गये। उन्होंने कहा- क्षेत्र में लगातार जागरूकता संबंधी बैठक का आयोजन ही नहीं किया बल्कि एएनएम एवं आंगनबाडी सेविका के साथ मिलकर गृह भ्रमण के दौरान भी उन्होंने लोगों को जागरूक करने का प्रयास नहीं छोड़ा। कुछ ही दिनों में इसका सकारात्मक परिणाम दिखने लगा। पहले जो लोग टीकाकरण के विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे थे। जागरूकता अभियान से जुड़ कर वे भी अब लोगों को टीकाकरण के लिये प्रेरित करने की मुहिम में जुट गये। कुछ लोगों को टीका लगाने के बाद कुछ समस्या हुई लेकिन एएनएम द्वारा दी गई दवाई के साथ वह जल्द स्वास्थ्य हो गए। इससे लोगों का टीका पर विश्वास बढ़ा और वह अपने आसपास के लोगों को भी टीका लगवाने के लिए जागरूक करने लगे।
मजबूत इरादों से संक्रमण को मात देकर दोबारा अपनी ड्यूटी पर लौटे:
अपने जिम्मेदारियों के निवर्हन के क्रम में अजय कुमार दुसरे लहर के अप्रैल माह में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गये थे। अजय बताते है कि संक्रमित होने के बावजूद वे ठीक होकर प्रखंड में एएनएमएवं आशा कार्यकर्त्ता के साथ जागरूकता एवं जांच के कार्य में उनका संकल्प कहीं से भी प्रभावित नहीं हुआ। मजबूत हौसले के दम पर संक्रमण से जुड़ी चुनौतियों को मात देकर अजय कुमार दोबारा अपनी ड्यूटी पर लौटे और स्वास्थ्य संबंधी अपने कार्य में जुट गये। अजय बताते हैं कि कोरोना से जारी जंग में टीकाकरण सभी लोगों के लिए जरूरी है। छह माह में छह करोड़ टीकाकरण के लिए ग्राम वार्ता के तहत महाटीकाकरण अभियान को लेकर लोगों को जागरूक कर ही सफलता हासिल की जा सकती है। लोगों को समझाने तथा टीका लेने के लिए प्रेरित करना होगा। लिहाजा टीकाकरण के लिये आने वाले लोगों को आपस में पर्याप्त दूरी बनाये रखने, मास्क का उपयोग करने के लिये भी वे लोगों को लगातार प्रेरित करते रहे हैं। संक्रमण के खुद के बचाव को लेकर मास्क का उपयोग उनकी अपनी प्राथमिकताओं में भी शुमार रहा है।
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