भोजपुरी के लियोनार्दो द विंची हैं साहित्यकार मनोज भावुक
श्रीनारद मीडिया, गोपालगंज (बिहार):
मनोज भावुक भोजपुरी भाषा के सुप्रसिद्ध कवि हैं, स्थापित साहित्यकार हैं, यशस्वी संपादक हैं, टेलीविजन एंकर हैं, प्रोड्यूसर हैं, डायरेक्टर हैं, फ़िल्म गीतकार हैं, फ़िल्म समीक्षक हैं, भोजपुरी सिनेमा के इतिहासकार हैं, रंगकर्मी हैं, नाटककार हैं, भोजपुरी के ग्लोबल प्रोमोटर यानी अंतरराष्ट्रीय प्रचारक हैं,
हिंदी के बड़े मंचों पर भोजपुरी की पहचान हैं, साहित्य-सिनेमा-रंगमंच-पत्रिका-टेक्नोलॉजी-प्रवासी भोजपुरी- भोजपुरी की वास्तविक और आभासी दुनिया …सबके बीच एक कनेक्टिंग लिंक हैं, भोजपुरी की एनसाइक्लोपीडिया हैं, …साथ ही एक इंजीनियर, एक मोटिवेशनल स्पीकर, एक प्रवक्ता, एक प्राचार्य और एक चिंतक-विचारक हैं …और बड़ी बात यह कि सब कुछ अव्वल दर्जे का तो बड़ी गर्व और गुमान से यह कहने का मन होता है कि
मनोज भावुक भोजपुरी के लियोनार्डो द विंची हैं।
उक्त बातें हिंदी-भोजपुरी के प्रख्यात गीतकार डॉ. कमलेश राय ने 22 नवम्बर 2023 को भोजपुरी के धाम अमही मिश्र, भोरे, गोपालगंज, बिहार में जय भोजपुरी-जय भोजपुरिया द्वारा आयोजित साहित्यिक-सांस्कृतिक महोत्सव-6 में मनोज भावुक को प्रतिष्ठित ‘ अंजन ‘ सम्मान से सम्मानित किए जाने पर कही।
जभो जभो के उपाध्यक्ष कवि संगीत सुभाष ने बताया कि मनोज भावुक प्रख्यात साहित्यकार, संपादक, सुप्रसिद्ध कवि एवं टीवी पत्रकार हैं। विश्व भोजपुरी सम्मेलन की दिल्ली और इंग्लैंड इकाई के अध्यक्ष रहे हैं। आपने भोजपुरी के लिए यूरोप, अफ्रीका, दुबई, मॉरिशस, नेपाल अनेक देशों की यात्रा की है। आपको सिनेमा व साहित्य के बीच एक सेतु और भोजपुरी सिनेमा का इनसाइक्लोपीडिया भी कहा जाता है। हाल ही में आपको फिल्मफेयर व फेमिना द्वारा सम्मानित किया गया। बिहार के तत्कालीन राज्यपाल ने आपको राज्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया।
जभो जभो के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश त्रिपाठी ने कहा कि मनोज भावुक को सम्मानित कर जभो जभो खुद सम्मानित है।
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