नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, RJD कोटे के मंत्रियों के कामकाज की होगी समीक्षा
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
बिहार की महागठबंधन सरकार टूटने के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने पूर्व में सरकार में शामिल रहे राजद कोटे के कुछ मंत्रियों के विभागों के कामकाज की समीक्षा का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। सरकार ने फिलहाल जिन विभागों के कार्य और निर्णयों की समीक्षा का निर्णय लिया है उनमें से अधिकांश विभाग उक्त सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव के पास थे।
तेजस्वी यादव के अलावा दो अन्य मंत्रियों के विभागों के निर्णयों की समीक्षा होगी। जो विभाग उप मुख्यमंत्री के रूप में रूप में तेजस्वी के पास थे उनमें स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग शामिल हैं। तेजस्वी के पास के इन चार विभाग के अलावा राजद विधायक रामानंद यादव के पास रहे खान एवं भू-तत्व विभाग और ललित यादव के पास रहे लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) के कार्यों और निर्णयों की भी समीक्षा होगी।
मंत्रिमंडल सचिवालय ने संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व सचिवों को इस संबंध में जो पत्र भेजा है उसमें कहा गया है कि पहली अपै्रल 2023 के बाद संबंधित विभागों ने कार्य किए और जो निर्णय लिए उनकी समीक्षा की जाए। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यदि आवश्यक हो तो सक्षम प्राधिकार से अनुमोदन के बाद उन निर्णयों और आदेशों में संशोधन कर दिया जाए। पत्र में यह भी कहा गया है कि इस संबंध में विभागीय मंत्री को संबंधित आदेशों की जानकारी दी जाए एवं मंत्री से आवश्यक निर्देश भी प्राप्त किए जाए।
28 जनवरी को नीतीश ने छोड़ दिया था राजद का साथ
बता दें कि 10 अगस्त 2022 में बनी जदयू, राजद, कांग्रेस और वामदलों की महागठबंधन सरकार में अकेले राजद के कोटे से 16 जबकि कांग्रेस के कोटे से दो मंत्री थे। 28 जनवरी 2024 तक महागठबंधन चली। अब सरकार ने तीन मंत्रियों और उनके विभागों के काम और निर्णयों की समीक्षा का निर्णय लिया है।
बता दें कि महागठबंधन सरकार से अलग होने के बाद विधानसभा में नीतीश कुमार ने सरकार के शक्ति परीक्षण के दौरान कहा था कि उन्हें जानकारी मिल रही थी कि कई विभागों के कामकाज में गड़बड़ की जा रही थी। उन्होंने विधानसभा में एलान किया था कि यदि आवश्यकता पड़ी तो संबंधित विभागों के काम की जांच पड़ताल कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री के साथ ही उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी जांच कराए जाने की बात कही थी। सरकार के इसी एलान के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय ने राजद सरकार के कुछ मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा और पूर्व के निर्णयों में गड़बड़ होने की स्थिति में उसमें संशोधन का निर्णय लिया है।
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