प्रवासी कामगारों के हित के लिए श्रम संसाधन विभाग की बड़ी पहल
मंत्री संतोष कुमार सिंह ने किया ‘बिहार प्रवासी कामगार ऐप’ का लोकार्पण
राज्य के बाहर काम करने वाले श्रमिकों का पंचायत स्तर पर तैयार होगा डाटाबेस
तीन माह के भीतर 10 लाख प्रवासी श्रमिकों के पंजीकरण का लक्ष्य
पंजीकृत श्रमिकों को श्रम संसाधन विभाग की ओर से मिलेंगी कई सुविधाएं
श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार):
बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग ने राज्य के प्रवासी श्रमिकों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए “बिहार प्रवासी कामगार ऐप” की शुरुआत की है । इस ऐप का लोकार्पण श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह के कर-कमलों से प्रतिबिंब सभागार, नियोजन भवन, आयकर चौराहा, पटना में संपन्न हुआ। इस अवसर पर विभाग के सचिव दीपक आनन्द और श्रमायुक्त राजेश भारती सहित कई गणमान्य अधिकारी मौजूद रहे।
इस अवसर पर मंत्री श्री सिंह ने कहा कि यह ऐप बिहार के उन लाखों प्रवासी मजदूरों के लिए वरदान साबित होगा जो रोजगार, कौशल विकास, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और सरकारी सेवाओं से जुड़ना चाहते हैं। बिहार सरकार के सात निश्चय-2 के अंतर्गत इस पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य से बाहर काम करने वाले श्रमिकों का पंचायत स्तर पर डेटाबेस तैयार करना है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस ऐप के माध्यम से करीब 20 लाख प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण का लक्ष्य रखा है। इसके तहत, तीन महीनों के भीतर कम से कम 10 लाख प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण पूरा करने की योजना बनाई गई है। प्रत्येक पंचायत में प्रति माह न्यूनतम 500 प्रवासी कामगारों का पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है।
श्री सिंह ने कहा कि ऐसे कामगार जो राज्य के बाहर रह रहे है वो स्वयं भी अपना डेटा भर सकते है। निबंधन के पश्चात कामगारों का 12 अंकों का निबंधन संख्या निर्गत होगा। इस एप में कामगारों से उनके नाम, पिता का नाम, वर्तमान एवं स्थायी पता, शैक्षणिक योग्यता, ठेकेदार के माध्यम से जाने कि स्थिति, मोबाइल नंबर, बैंक खाता संख्या आदि सूचनाओं को भविष्य के उपयोग के लिए संग्रहित किया जायेगा। बिहार राज्य के बाहर असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले कामगारों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना, 2008 को लागू कर रखा है। इस योजना में राज्य के बाहर अथवा विदेशों में कार्य कर रहे प्रवासी कामगारों या उनके आश्रितों को दुर्घटना मृत्यु के उपरान्त दो लाख तथा पूर्ण एवं आंषिक निःशक्तता की स्थिति में क्रमश: एक लाख और पचास हजार रूपये का अनुदान दिया जाता है। अब प्रवासी कामगारों का पंचायतवार डेटा संग्रहण से योजना के क्रियान्वयन में सहूलियत के साथ साथ इस डेटा का उपयोग प्रवासी श्रमिकों के कल्याणार्थ नीति निर्माण विकसित करने में भी किया जा सकेगा।
विभाग के सचिव दीपक आनन्द ने बताया कि सरकार “बिहार प्रवासी कामगार ऐप” को प्रवासी श्रमिकों तक पहुँचाने के लिए जिला एवं पंचायत स्तर पर विशेष अभियान चलाएगी। इसके तहत कई महत्वपूर्ण गतिविधियाँ संचालित की जाएँगी। इसके लिए विभाग द्वारा प्रेस विज्ञप्ति और प्रेस वार्ता के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से ऐप की जानकारी लोगों तक पहुँचाई जाएगी। विभिन्न विभागों और जनप्रतिनिधियों को जागरूक कर प्रखंड और पंचायत स्तर पर सरकारी कर्मियों, विकास मित्रों, पंचायत रोजगार सेवकों, आंगनबाड़ी कर्मियों, जीविका समूहों और टोला सेवकों को ऐप के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा ग्राम पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में प्रचार हेतु माइक, बैनर और पोस्टर के माध्यम से ऐप को लोकप्रिय बनाया जाएगा। प्रवासी श्रमिकों के पंजीकरण के लिए ग्राम पंचायतों, सरकारी कार्यालयों, रेलवे स्टेशनों और बस पड़ावों पर विशेष शिविर लगाए जाएँगे।
सचिव ने बताया कि श्रम अधीक्षक की अध्यक्षता में जिला स्तर पर पंचायती राज जनप्रतिनिधियों, श्रम संघों और एनजीओ के साथ बैठकें आयोजित की जाएँगी जिससे समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित हो। श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी प्रखंड स्तर पर अधिकारियों और कर्मियों के साथ बैठक कर माइक्रो प्लान तैयार करेंगे। शिविरों के दौरान पर्याप्त मात्रा में ऐप से संबंधित पंजीकरण फॉर्म उपलब्ध कराए जाएँगे। इस अभियान की सख्त निगरानी के लिए हर जिले में श्रम अधीक्षक को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी हर शाम अपने कार्यों का प्रतिवेदन श्रम अधीक्षक को देंगे। सहायक श्रमायुक्त हर दो दिन में और उप श्रमायुक्त साप्ताहिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभियान की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
मौके पर श्रमायुक्त राजेश भारती ने बताया कि सरकार ने इस विशेष अभियान में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पाँच श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों और एक श्रम अधीक्षक को पारितोषिक एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने की भी घोषणा की है। बिहार सरकार इस ऐप के माध्यम से प्रवासी कामगारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने और उनके सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। यह ऐप न केवल प्रवासी श्रमिकों को एक मजबूत मंच देगा बल्कि राज्य के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। तो यदि आप एक प्रवासी कामगार हैं, तो जल्द से जल्द ‘बिहार प्रवासी कामगार ऐप’ पर अपना पंजीकरण कराएँ और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएँ।
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