बिहार हाईकोर्ट ने टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों में 451 लेक्चररों की बहाली निरस्त करने का आदेश दिया.
सड़क निर्माण करा रही एजेंसी से मांगी 20 लाख की रंगदारी.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग (बीएड) कॉलेजों में की गई 451 लेक्चररों की बहाली को पटना हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने रवि कुमार सहित कई अन्य की ओर से दायर तीन अलग-अलग रिट याचिकाओं को मंज़ूर करते हुए यह आदेश दिया।
आवेदकों की ओर से अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह तथा जोगेंद्र कुमार ने कोर्ट को बताया कि बीपीएससी ने वर्ष 2016 में सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों में 478 लेक्चररों की बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था। विज्ञापन में विकलांग छात्रों को ट्रेनिंग देने के लिए 38 समवेशित शिक्षा के लिए पद रखे गये तथा लेकिन इन पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति नहीं की गई। यहां तक कि प्रकाशित विज्ञापन में कोई बदलाव नहीं किया गया। कोर्ट ने इस मामले में बार-बार सरकार को जवाब दाखिल करने का मौका दिया, लेकिन अदालती आदेश के अलोक में जवाब दाखिल नहीं किया गया। अंत में कोर्ट ने पूरी बहाली को ही निरस्त कर दिया।
बिहार के बेगूसराय जिले के नीमाचांदपुरा थाना क्षेत्र के कुसमहौत गांव के समीप बाइक सवार बदमाशों ने सोमवार को तीन राउण्ड फायरिंग कर सड़क निर्माण करा रही एजेंसी से 20 लाख रुपये रंगदारी की मांग की। एक बाइक पर सवार तीन बदमाशों के द्वारा घटना को उस वक्त अंजाम दिया गया, जब आरडब्ल्यूडी के तहत भगवानपुर एनएच-31 से चांदपुरा मिडिल स्कूल तक सड़क निर्माण कार्य चल रहा था। जय माता दी कंस्ट्रक्शन कंपनी के जेई राजकुमार राय ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है।
प्राथमिकी में जेई ने कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान करने की भी मांग की है ताकि जान-माल की सुरक्षा भी हो सके व निर्धारित समय पर काम भी पूरा हो सके। फायरिंग व रंगदारी मांगने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल से एक खोखा बरामद किया है।
थानाध्यक्ष अमित कुमार कांत ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। सूचक के द्वारा बाइक का नंबर भी दिया गया है। इससे बदमाशों तक पुलिस जल्द ही पहुंचेगी व इसका खुलासा भी होगा। कुसमहौत में सड़क निर्माण होने तक पुलिस गश्ती बढ़ा दी गयी है।