बिहार के कानून मंत्री कार्तिक सिंह अपहरण के आरोपित हैं,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार की महागठबंधन सरकार में कानून मंत्री बनाए गए आरजेडी के कार्तिक सिंह (Law Minister Kartik Singh) उर्फ मास्टर कार्तिक विवादों में फंस गए हैं। पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह के करीबी मास्टर कार्तिक वर्ष 2014 के अपहरण के एक मामले में वे आरोपित हैं। दानापुर कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए एक सितंबर तक के लिए राहत दे दी। इस मामले में कार्तिक सिंह ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। हलफनामा में सारी बातों की जानकारी दी गई है। वहीं सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है। हालांकि, इस मामले पर विपक्ष ने राजनीति शुरू कर दी है। प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी ने कहा है कि नई सरकार में जंगलराज की वापसी हो रही है। वहीं
2014 में हुए अपहरण से जुड़ा है मामला
आरोप है कि 2014 में बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह (Ex MLA Anant Singh) के साथ कार्तिक व अन्य बिहटा में राजू सिंह का अपहरण करने गए थे। उसी मामले में बिहटा थाने में एफआइआर की गई थी। उसमें कार्तिक भी आरोपित बनाए गए। घटना के दौरान अनंत सिंह के काफिले की एक गाड़ी गुस्साए लोगों ने फूंक दी थी। अपहरण के मामले में कार्तिक सिंह के खिलाफ वारंट निकला था। उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना था। इसी क्रम में 10 अगस्त को महागठबंधन की सरकार बन गई। दो दिन बाद 12 अगस्त को कोर्ट ने उनको एक सितंबर तक के लिए राहत दे दी। इसके बाद 16 अगस्त को कार्तिक ने मंत्री पद की शपथ ली। उन्हें विधि मंत्री बनाया गया।
सरकार में बाहुबलियों की है भरमार
मामला सामने आने के बाद विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया है। भाजपा ने कहा है कि नई सरकार में जंगलराज की वापसी हो रही है। सुशील मोदी के अनुसार महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल में बाहुबलियों की भरमार कर नीतीश कुमार ने बिहार में डरावने दिनों की वापसी सुनिश्चित कर दी है। सुरेन्द्र यादव, ललित यादव, रमाकांत यादव और कार्तिक जैसे विधायक मंत्री बनाये गए, जिनके नाम से इलाके में लोग कांपते हैं। इनपर आर्म्स ऐक्ट, यौन शोषण, हत्या के प्रयास और अपहरण जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं।
अनंत सिंह के करीबी हैं कार्तिकेय
बता दें कि कार्तिक सिंह उर्फ मास्टर कार्तिक स्थानीय प्राधिकार से विधान परिषद सदस्य चुने गए थे। बाहुबली अनंत सिंह के काफी करीबी माने जाने वाले मास्टर कार्तिक ने स्नातक तक की शिक्षा ग्रहण की है। रुद्रावती हाईस्कूल मोकामा से 1980 में मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने इंटर किया और 1985 में आरआरएस कालेज मोकामा से कला विषय में स्नातक किया।
सिवनार गांव के रहने वाले मास्टर कार्तिक खेती, व्यवसाय के साथ ही समाज सेवा से जुड़े हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान राजद में आए। 2022 में विधान परिषद चुने गए और नीतीश कैबिनेट में मंत्री भी बन गए। मास्टर कार्तिक के खिलाफ पटना के कोतवाली समेत मोकामा और बिहटा में मामले दर्ज हैं।
मंत्री के खिलाफ है कोर्ट का वारंटः आपको बता दें कि राजीव रंजन की 2014 में किडनैपिंग हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था. राजीव रंजन की किडनैपिंग मामले में एक आरोपी बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह भी हैं. बिहटा थाना में उनके खिलाफ मामला दर्ज है. जिनके खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया हुआ है. धारा 164 के तहत बयान में नाम आया है. कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. कल यानी 16 अगस्त को इनको कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.
इस बीच दानापुर कोर्ट के आदेश की कॉपी सामने आई है, जिसमें मोकामा के थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है कि कार्तिकेय सिंह के खिलाफ एक सितंबर तक किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई न की जाए. अदालत का ये आदेश 12 अगस्त का है.
“मेरे ऊपर लगे आरोप अभी साबित नहीं हुए हैं. सभी आरोप राजनीति से प्रेरित है. जो भी कानून सम्मत होगी, वही होगा. वैसे भी चुनावी हलफनामे में सारी जानकारी दी गई है”- कार्तिकेय सिंह, कानून मंत्री, बिहार सरकार
अनंत सिंह के हैं चुनावी रणनीतिकारः आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार को बाहुबली अनंत सिंह के समर्थक ‘कार्तिक मास्टर’ के नाम से जानते हैं. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह में दोस्ती काफी आगे बढ़ी थी. अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. जानकारी है कि अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं.
इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद वे हैं. सबसे बड़े विश्वासी हैं. अनंत सिंह कार्तिकेय कुमार को खुद ‘मास्टर साहब’ कहकर पुकारते हैं. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहनेवाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिक मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.
एमएलसी चुनाव में दी थी जेडीयू उम्मीदवार को मातः आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार ने जदयू के उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह को पटना में 2022 के एमएलसी चुनाव में मात दी और विधान परिषद का चुनाव जीता. कार्तिकेय सिंह आरजेडी के विधान पार्षद हैं. जिस समय जदयू में वाल्मीकि सिंह को विधान परिषद का टिकट देने की बात चल रही थी तभी अनंत सिंह ने तेजस्वी यादव से कहा था कि कार्तिक सिंह की जीत की गारंटी वे लेते हैं.
लालू प्रसाद ने बतौर एमएलसी उम्मीदवार कार्तिक कुमार के नाम की घोषणा खुद से की थी. कहा जाता है कि जेल में रहकर भी अनंत ने कार्तिक को जितवा दिया. मोकामा के रहने वाले कार्तिकेय सिंह शिक्षक भी रह चुके हैं. बताया जाता है कि अनंत सिंह के जेल में रहने पर कार्तिकेय मास्टर ही मोकामा से लेकर पटना तक उनके सारे काम को देखते हैं.
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