बिहार नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी, 10 सितंबर से नामांकन शुरू
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने शुक्रवार को चुनाव के तारीखों की घोषणा की। पहले चरण के लिए 10 अक्टूबर को 156 नगरपालिका क्षेत्रों में मतदान होगा। इसमें कुल 37 जिलों में मतदान होगा। इसकी मतगणना 12 अक्टूबर को होगी। द्वितीय चरण में 16 अक्टूबर से नामांकन होगा और 20 अक्टूबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 22 अक्टूबर को होगी। इस बार 21 नवगठित नगरपालिका में भी चुनाव होंगे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने बताया कि पहले चरण के लिए नामांकन तिथि 10 सितंबर से 19 सितंबर है। नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 22 सितंबर से 24 सितंबर है। वहीं, दूसरे चरण के लिए नामांकन कि तिथि 16 सितंबर से 24 सितंबर है जबकि नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 27 सितंबर से 29 सितंबर है। नगर निकाय चुनाव का ऐलान होते ही आचार संहिता भी लागू हो गई है।
गुरुवार को ही राज्य निर्वाचन आयोग ने बिहार निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की अधिसूचना जारी की थी। मेयर और डेप्युटी मेयर पद के लिए सभी नगर निकायों का आरक्षण तय कर दिया है। पटना में मेयर पद अनारक्षित महिला के लिए तय हुआ है। वहीं पटना में डेप्युटी मेयर पद पिछड़े वर्ग की महिला के लिए तय हुआ है। राज्य निर्वाचन आयोग ने गुरुवार देर शाम नोटिफिकेशन जारी किया था। कुल 19 नगरपालिकाओं में से 9 में महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरपालिका चुनाव में प्रत्याशियों की चुनावी खर्च की सीमा भी निर्धारित कर दी है। आयोग के अनुसार, नगर पंचायत में वार्ड पार्षद अधिकतम 20 हजार रुपये तो नगर निगम क्षेत्र में अधिकतम 80 हजार रुपये खर्च कर सकेंगे। इसी तरह नगर परिषद के वार्ड पार्षद उम्मीदवार 40 हजार रुपये तक अधिकतम खर्च कर सकेंगे।
20 हजार की आबादी वाले वार्ड में खर्च कर सकेंगे 80 हजार रुपये
नगर निगम के वार्ड पार्षद पद के लिए आबादी के अनुसार खर्च की सीमा तय की गई है। नगर निगम क्षेत्र में चार से दस हजार आबादी वाले वार्ड में अधिकतम 60 हजार रुपये खर्च करने की अनुमति होगी, जबकि दस से बीस हजार की आबादी वाले वार्ड में 80 हजार रुपये तक चुनाव में खर्च किए जा सकेंगे।
दो से अधिक संतान होने पर चुनाव नहीं लड़ सकते
वहीं बिहार में नगर निकाय आम चुनाव 2022 में दो बच्चों के माता-पिता ही उम्मीदवार हो सकते हैं। दो से अधिक संतान होने पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। नियम में ये भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर किसी व्यक्ति के दो से अधिक संतान हैं और वे इनमें से किसी को गोद दे देते हैं, तो ऐसी स्थिति में भी उस बच्चे के जैविक पिता वही कहलाएंगे। जिस व्यक्ति ने गोद लिया है, वे उसके पिता नहीं माने जाएंगे।
बिहार में आगामी नगर निकाय आम चुनाव को लेकर खर्च की सीमा तय हो गई है। वार्ड पार्षद पद के उम्मीदवार नगर पंचायत में अधिकतम 20 हजार रुपये तो नगर निगम के निर्वाचन क्षेत्र में अधिकतम 80 हजार रुपये खर्च कर सकेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि नगरपालिका अधिनियम, 2007 के तहत निर्धारित चुनाव खर्च की सीमा के अनुसार ही कोई भी उम्मीदवार अपने-अपने चुनाव क्षेत्र में चुनाव के दौरान खर्च कर सकेंगे। इस अधिनियम के तहत नगर परिषद के वार्ड पार्षद उम्मीदवार 40 हजार रुपये अधिकतम खर्च कर सकेंगे।
सूत्रों ने बताया कि नगर निगम के वार्ड पार्षद पद के लिए आबादी के अनुसार चुनाव खर्च की सीमा तय है। 4 हजार से 10 हजार तक की आबादी वाले वार्ड में अधिकतम 60 हजार रुपये और 10 से 20 हजार की आबादी वाले वार्ड के लिए प्रत्याशी अधिकतम 80 हजार रुपये खर्च कर सकेंगे।
मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद के लिए भी नियम
आयोग सूत्रों के अनुसार मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद पद के लिए संबंधित नगर निकाय के लिए वार्डवार तय राशि उस निकाय के कुल वार्डों की संख्या के गुणक की आधी होगी। इसके लिए हर नगर निकाय के सभी वार्डों के अलग-अलग तय खर्च की सीमा के कुल वार्डों से गुना कर उसकी आधी राशि तय की जाएगी।
- यह भी पढ़े……….
- भारत ने अफगानिस्तान को 101 रनों से हराया, कोहली ने जड़ा शतक
- क्रिकेट में आसिफ ने जो किया वो मूर्खता की पराकाष्ठा थी–शफीक स्टैनिकजई
- अनंत चतुर्दशी आज : अनंत सूत्र से भगवान विष्णु की होगी पूजा
- आर्थराइटिस में की-होल सर्जरी से विशेष फायदा नहीं