बंगाल में छापेमारी करने गई बिहार पुलिस के इंस्पेक्टर को भीड़ ने मार डाला, बवाल.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के किशनगंज सीमा से सटे बंगाल में ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पंतापाड़ा गांव में बाइक चोरी के मामले में छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया। इस हमले में सदर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। घटना शनिवार की अहले सुबह 3 बजे के करीब घटी। मृतक थानाध्यक्ष के शव को पोस्टमार्टम के लिए इस्लामपुर अस्पताल लाया गया।
घटना की सूचना मिलते ही पूर्णिया प्रक्षेत्र के आईजी सुरेश कुमार चौधरी, किशनगंज एसपी कुमार आशीष, इस्लामपुर, इस्लामपुर एसपी सचिन मक्कड़ सहित वरीय पुलिस अधिकारी इस्लामपुर अस्पताल पहुंचे। मृत थानाध्यक्ष पूर्णिया के जानकीनगर के रहनेवाले थे। इधर घटना के बाद पुलिस ने घटनास्थल को चारों ओर से घेर लिया। पुलिस छापेमारी कर रही है। मामले में पुलिस ने बंगाल के तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। किशनगंज पुलिस उन्हें लेकर किशनगंज पहुँच रही है।
बता दें कि सदर थाना क्षेत्र में बाइक चोरी की घटना घटित हुई थी। सूचना मिलने के बाद सदर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार के नेतृत्व में एक टीम ढेकसारा के पास एक गांव पहुंची। वहां थानाध्यक्ष को यह कहा गया कि चोरी के आरोपी का घर बंगाल के पांतापाड़ा में है। इसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस के पहुंचते ही लोगों ने पुलिस टीम को घेर लिया। तभी आसपास के लोग भी वहां जमा हो गए। इतने में पुलिस टीम भी अपने को बचाने में जुट गई। लोगों ने ईंट पत्थर से हमला कर दिया। तभी थानाध्यक्ष जख्मी होकर गिर गए। जख्म इतना गहरा था कि मौके पर ही थानाध्यक्ष की मौत हो गई।
लोगों ने थानाध्यक्ष का सरकारी और निजी मोबाइल भी छीन लिया। वहीं अन्य पुलिस कर्मी किसी तरह से जान बचाकर वहां से निकल गए। पूर्णिया प्रक्षेत्र के आईजी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि बाइक चोरी के मामले में सदर पुलिस की टीम पंतापाड़ा पहुंची थी। वहां वे मॉब लिंचिंग का शिकार हो गये। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बंगाल पुलिस के सहयोग से छापेमारी की जा रही है। टाउन थानाध्यक्ष का शव पोस्टमॉर्टम के लिए इस्लामपुर अस्पताल लाया गया है जहां वरीय अधिकारियों की मौजूदगी में शव का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है।
सीतामढ़ी में शराब तस्करों ने दारोगा की गोली मारकर की थी हत्या
बता दें कि बिहार के पुलिस अधिकारी की हत्या का ये नया मामला नहीं है। इससे पहले भी छापेमारी के दौरान कई पुलिस अधिकारियों की हत्या हो चुकी है। अभी हाल ही बीते 24 फरवरी को बिहार के सीतामढ़ी में शराब तस्करी होने और शराब की खेप उतरने की गुप्त सूचना पर मेजरगंज के दारोगा दिनेश राम ने पुलिस फोर्स के साथ रेड की थी।
इस दौरान तस्करों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने दारोगा दिनेश राम हत्याकांड में तीन नामजद और अन्य अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस केस में दो नामजद पकड़े गए थे, जबकि एक रंजन सिंह की लाश घटनास्थल से तीन-चार किलोमीटर की दूरी पर बरामद हुई थी। मामले में मेजरगंज थाना में कांड संख्या 34/21 दर्ज किया गया। इसमें रंजन सिंह, मुकुल सिंह, अभिषेक सिंह और अन्य अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुआ था। पुलिस के मुताबिक इन तीनों का विस्तृत आपराधिक इतिहास है। पुलिस के मुताबिक मामले में सभी नामजद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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