बिहार STF  ने जहानाबाद के टॉप 10 अपराधियों में शुमार साला-बहनोई को किया गिरफ्तार

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कई मामलों में पुलिस को थी तलाश

श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

बिहार एसटीएफ टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ की टीम ने जहानाबाद में टॉप टेन मोस्ट वांटेड कुख्यातों में शामिल दो अपराधियों को वैशाली से गिरफ्तार किया है,गिरफ्तार होने वाले अपराधी का नाम रोहन तिवारी और राजा तिवारी है। दोनों आपस में साला-बहनोई हैं,विदित है कि गिरफ्तार होने वाले अपराधियों ने 10 अप्रैल 2024 को शहर में 6 लाख रुपये की लूट को अंजाम दिया था।

 

सीसीटीवी की फुटेज के आधार पर इन्हें पहचाना गया था,जहानाबाद नगर थाना लाने के बाद इन्हें सीसीटीवी फुटेज से मिलान किया गया और उनकी पहचान और सत्यापन कराया गया। पूरी तरह से जांच पड़ताल के बाद इन्हें एसटीएफ की टीम ने जहानाबाद पुलिस को सौंप दिया, जिसके बाद इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।जहानाबाद एसडीपीओ राजीव कुमार ने बताया कि इन अपराधियों का लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है। इनका गिरोह कई अंतर्राज्यीय कांड में भी शामिल रहा है। इनके कई अपराध यूपी में भी दर्ज हैं और इनका पूरा परिवार अपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है।

 

उन्होंने बताया कि बिहार में इनके छह मामले दर्ज हैं। इससे पहले इनके परिवार के तीन अन्य अपराधियों को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें इनके माता पिता भी हैं, जो फिलहाल अभी न्यायिक हिरासत में हैं।इन्हें भी अब न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक ये लोग वैशाली जिला के रहने वाले हैं और उनके परिवार के सभी लोग इस गिरोह में काम करते हैं। इन सब का घटना को अंजाम देने का तरीका है कि यह किसी भी जगह पर दो साल से ज्यादा नहीं टिकते हैं। उनके परिवार की महिलाएं साड़ी बेचने का कारोबार करती हैं और इस दौरान यह रेकी करते हैं कि घर में लूट को अंजाम कैसे दिया जाए।

 

जिस घर में रोजाना पैसों की लेनदेन होती है, उन्हें वह टारगेट करते हैं और इसके बाद ये अपराधी बैंक में रेकी कर उनलोगों पर नजर रखते हैं,पुलिस को सबसे पहले इनका चेहरा रेकी करते समय हीं सीसीटीवी फुटेज में दिखा था। पुलिस अधिकारियों को जब सबसे पहले इनके अपराधों की सूचना मिली थी तब ये समस्तीपुर में थे, लेकिन उसके बाद ये सभी वैशाली आ गए। ये अपराधी किसी भी जगह पर दो साल से ज्यादा नहीं टिकते हैं। पुलिस को भनक लगे, इससे पहले वे वहां से अपनी सारी चीज बेचकर दूसरी जगह जाकर अपना काम शुरू कर देते हैं।

 

इस गिरोह का नाम तिवारी गिरोह है और यह बिहार सहित यूपी में भी कई लूट की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।बिहार एसटीएफ टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ की टीम ने जहानाबाद में टॉप टेन मोस्ट वांटेड कुख्यातों में शामिल दो अपराधियों को वैशाली से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार होने वाले अपराधी का नाम रोहन तिवारी और राजा तिवारी है। दोनों आपस में साला-बहनोई हैं।विदित है कि गिरफ्तार होने वाले अपराधियों ने 10 अप्रैल 2024 को शहर में 6 लाख रुपये की लूट को अंजाम दिया था। सीसीटीवी की फुटेज के आधार पर इन्हें पहचाना गया था। जहानाबाद नगर थाना लाने के बाद इन्हें सीसीटीवी फुटेज से मिलान किया गया और उनकी पहचान और सत्यापन कराया गया।

 

पूरी तरह से जांच पड़ताल के बाद इन्हें एसटीएफ की टीम ने जहानाबाद पुलिस को सौंप दिया, जिसके बाद इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।जहानाबाद एसडीपीओ राजीव कुमार ने बताया कि इन अपराधियों का लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है। इनका गिरोह कई अंतर्राज्यीय कांड में भी शामिल रहा है। इनके कई अपराध यूपी में भी दर्ज हैं और इनका पूरा परिवार अपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार में इनके छह मामले दर्ज हैं।

 

इससे पहले इनके परिवार के तीन अन्य अपराधियों को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें इनके माता पिता भी हैं, जो फिलहाल अभी न्यायिक हिरासत में हैं।इन्हें भी अब न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक ये लोग वैशाली जिला के रहने वाले हैं और उनके परिवार के सभी लोग इस गिरोह में काम करते हैं। इन सब का घटना को अंजाम देने का तरीका है कि यह किसी भी जगह पर दो साल से ज्यादा नहीं टिकते हैं। उनके परिवार की महिलाएं साड़ी बेचने का कारोबार करती हैं और इस दौरान यह रेकी करते हैं कि घर में लूट को अंजाम कैसे दिया जाए।

 

जिस घर में रोजाना पैसों की लेनदेन होती है, उन्हें वह टारगेट करते हैं और इसके बाद ये अपराधी बैंक में रेकी कर उनलोगों पर नजर रखते हैं।पुलिस को सबसे पहले इनका चेहरा रेकी करते समय हीं सीसीटीवी फुटेज में दिखा था। पुलिस अधिकारियों को जब सबसे पहले इनके अपराधों की सूचना मिली थी तब ये समस्तीपुर में थे, लेकिन उसके बाद ये सभी वैशाली आ गए।

 

ये अपराधी किसी भी जगह पर दो साल से ज्यादा नहीं टिकते हैं। पुलिस को भनक लगे, इससे पहले वे वहां से अपनी सारी चीज बेचकर दूसरी जगह जाकर अपना काम शुरू कर देते हैं। इस गिरोह का नाम तिवारी गिरोह है और यह बिहार सहित यूपी में भी कई लूट की घटनाओं को अंजाम

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