बिहार: छापेमारी करने पहुंची पुलिस टीम पर तीर-धनुष से लैस आदिवासियों ने किया हमला
शादी समारोह में खलल डालने पर भड़के लोग
श्रीनारद मीडिया‚ स्टेट डेस्कः
बिहार में एक बार फिर अवैध शराब कारोबार के खिलाफ कार्रवाई करने गई उत्पाद विभाग की टीम पर जानलेवा हमला किया गया। टीम के सदस्यों को जान बचाकर भागना पड़ा। घटना में एक जमादार समेत उत्पाद विभाग के चार कर्मी जख्मी हो गए। शराब बनाने वाले आदिवासियों ने एक्साइज टीम धनुष से तीर की बौछार कर दी। थाने में मामले की एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
शराबबंदी वाले बिहार में घटना कोढ़ा पुलिस स्टेशन के कोलासी गांव की है। सूचना मिली थी कि ग्रामीण आदिवासी शराब बनाते हैं और इसका अवैध कारोबार करते हैं। इस सूचना पर उत्पाद विभाग की टीम गांव पहुंची और कार्रवाई शुरू कर दिया। कटिहार के उत्पाद अधीक्षक केशव झा ने बताया कि धंधेबाजों ने आदिवासियों के परंपरागत हथियारों से छापामार टीम पर हमला कर दिया। सभी धनुष बाण लेकर उत्पाद की टीम से भिड़ गए। और उन पर तीर्थ की बौछार कर दी। घटना में एक्साइज एएसआई अरविंद कुमार जख्मी हो गए। तीन अन्य जवान भी इस घटना में घायल हो गये उत्पाद अधीक्षक केशव झा ने बताया कि धंधेबाजों ने विभाग की गाड़ी पर हमला करके वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। सभी घायलों को कटिहार जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनका इलाज चल रहा है। उत्पाद पर हमला करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। कहा गया है कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
दूसरी तरफ गांव वालों ने भी मीडिया के सामने अपनी बात रखी गांव में एक शादी समारोह था। उत्पाद विभाग की टीम पहुंच गई और महिलाओं के साथ मारपीट शुरू कर दिया। इसके बाद गांव वालों ने उत्पादन पर हमला कर दिया।
यह भी पढ़े
प्राथमिक शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल सारण एमएलसी से मिला
बिहार में बढ़ रहा साइबर क्राइम: झांसा देकर साइबर अपराधियों ने 4 के खाते से की 11.35 लाख की निकासी
आरा: बीच सड़क मुखिया ने आवास सहायक की लाठी से किया जमकर पिटाई, वजह जान रह जाएंगे हैरान
बिहार के 12 जिलों में हो सकती है बारिश
Has Arjun Tendulkar ever gotten you out Sachin Tendulkar replied IPL 2023
क्या बिलावल भुट्टो की भारत यात्रा से दोनों देशों के संबंधों में सुधार होगा?
क्या राजनीति में अपराधियों को शरण देने चाहिए?
भारत-UAE खाद्य सुरक्षा: वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिये प्रमुख चुनौतियाँ क्या है?
पेंशन पाने लगें तो देश के शेष 139 करोड़ लोगों के लिए क्या बचेगा?