अंधेरे में नहीं रहेगा बिहार, नीतीश कुमार.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि देश में पैदा हुए बिजली संकट का प्रभाव बिहार पर देखने को नहीं मिलेगा. राज्य सरकार बिजली उत्पादन में कमी को देखते हुए महंगे दामों पर अन्य राज्यों से बिजली खरीदने का फैसला किया है. हम हर हाल में बिहार में ब्लैक आउट नहीं होने देंगे. नीतीश कुमार ने राज्य के लोगों को आश्वासन दिया है कि बिहार में बिजली की कहीं कोई कमी नहीं होगी.
सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के समापन पर मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सच है कि बिहार में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी आपूर्ति नहीं हो पा रही है. पूरे देश में बिजली उत्पादन में कमी आयी है.
उसी के कारण समस्या हुई है. बिहार सरकार जहां ज्यादा दामों में बिजली बेची जा रही है, वहां से महँगी बिजली बिजली खरीदने जा रही है. विभाग के अधिकारी लगे हुए है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले 5 दिनों में लगभग 90 करोड़ खर्च कर 570 लाख यूनिट बिजली की खरीद की है.
नीतीश ने कहा कि कांटी और बरौनी पावरहाउस को हमने ही शुरू कराया था. बाद में उसे एनटीपीसी के हवाले कर दिया. हमने कई नये बिजली घरों का भी निर्माण कराया. मुख्यमंत्री ने कहा कि बरौनी पावर यूनिट अगले महीने चालू हो जायेगा. बिजली का रेट बहुत ज्यादा महंगा हो गया है, लेकिन सरकार आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है.
लखीमपुर खीरी मामले पर जब नीतीश कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जहां पर जो घटना होती है, वहां जांच होनी चाहिए और जांच के बाद ही कार्रवाई होती है.
जाति जनगणना पर नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना होगा और अच्छे ढंग से होगा. उन्होंने कहा कि उपचुनाव के बाद वो इस मामले में सर्वदलीय बैठक भी करेंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि जातीय जनगणना को लेकर कहा कि सभी दल एक साथ बैठकर इसपर निर्णय लेंगे। राज्य के अंदर इसको लेकर जो कराना होगा, वह सबकी सहमति से करेंगे। हम अपनी तरफ से अभी कोई ऐलान करना उचित नहीं समझते हैं। सर्वसम्मति रहेगी तो सब मिलकर लोगों को गाइड करेंगे। विधानसभा उपचुनाव के बाद बैठक करेंगे।
सीएम नीतीश ने कहा कि जातीय जनगणना बहुत ही अच्छे ढंग से की जाएगी, ताकि सही जानकारी मिले। किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहे। इसके लिए प्रशिक्षण भी देना होगा। मेहनत करके एक-एक चीज नोट करना होगा।
उन्होंने सवालिये लहजे में कहा कोई जाति है, जिसमें उपजातियां नहीं होती हैं? हर जाति की उपजातियों के साथ जानकारी लेनी होगी। तभी जान पाएंगे कि किनकी कितनी संख्या है। किनके लिए कितने अच्छे से काम किया जाये, जिससे सब तबकों का विकास हो। देश का भी विकास होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमलोगों ने देश में जातीय जनगणना कराने का आग्रह किया है, निर्णय लेना केंद्र का काम है।