बिहार का दूसरा एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज भोजपुर जिले में बनेगा
श्रीनारद मीडिया, कृष्ण कुमार रंजन, भोजपुर, (बिहार):
भोजपुर का पहला और बिहार का दूसरा एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज भोजपुर जिले में बनेगा। इसमें कृषि विभाग की पहली प्राथमिकता पर आरा का जापानी फॉर्म है। हालांकि कृषि विभाग के पास जिले में और कई जगहों पर भी जमीन उपलब्ध है। बतौर कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह के अनुसार विभाग इसका प्रस्ताव तैयार कर चुका है और मंजूरी के लिए कैबिनेट को भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि भोजपुर समेत आसपास के कई जिलों को कृषि के क्षेत्र में तेजी से विकास करने के लिए यहां पर एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज को खोलने का फैसला लिया गया है। इसके लिए जरूरी आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि बिहार के समस्तीपुर जिले के पूसा में एकमात्र इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित है। उसके बाद आरा में खुलने वाला एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज राज्य का दूसरा एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज होगा।
आरा में एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज खुलने से जहां एक तरफ नए-नए कृषि यंत्रों का तेजी से विकास होगा वही इन यंत्रों का प्रयोग भी किया जाएगा। इससे किसानों को नए-नए यंत्र सबसे पहले चलाने का अवसर मिलेगा। इस कारण खेती करने में किसानों को इसका सीधा लाभ पहुंचेगा ।वही नए-नए यंत्रों और कृषि के उपकरणों का प्रशिक्षण भी लोगों को यहां दिया जाएगा।
प्रशिक्षण लेकर हजारों लोग कृषि से जुड़े व्यवसाय का रोजगार से जुड़ जाएंगे। इससे पटना शाहाबाद समेत आसपास के कई जिलों का तेजी से कृषि क्षेत्र में विकास होने लगेगा।
एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने में करोड़ों रुपए की लागत आएगी । इसके लिए कम से कम 20 से 25 एकड़ जमीन की भी आवश्यकता होगी। इस संबंध में कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बिहार कैबिनेट से एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने का प्रस्ताव पास हो जाने के बाद पैसे और जमीन की कमी नहीं होने दी जाएगी इसके लिए सभी जरूरी संसाधन मुहैया कराए जाएंगे।
गौरतलब है कि बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह बिहार के आरा से विधायक हैं और उनके इस पद पर जाने से जिले को यह सौगात प्राप्त हुआ है।
आरा के अलावे भोजपुर में इन स्थानों पर भी है विभाग की है नजर- भोजपुर जिले में खुलने वाला एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए विभाग सबसे पहले आरा की जमीन को प्राथमिकता दे रहा है शहर के कृषि विज्ञान केंद्र में सबसे ज्यादा जमीन होने के कारण पहले वहीं पर कॉलेज खोलने का विचार आया है किसी कारण बस इस जमीन पर सहमति यदि नहीं बन पाती है तो कृषि विभाग का बीज गुणन प्रक्षेत्र सात प्रखंड में है इनमें शहर से सटे सबसे नजदीक कोईलवर ,संदेस ,बड़हरा आदि शामिल है।
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