भाजपा,मोदी के 7 साल के शासन में जनता कंगाल, कुछ लोग माला माल
किसान आंदोलन के 6माह होने को किसान संगठनों के आह्वान के समर्थन में भाकपा माले ने मनाया काला दिवस
श्रीनारद मीडिया, अमित कुमार,दरौली, सीवान (बिहार):
सबसे पहले किसान आंदोलन में शहीद किसानों तथा कोरोना से हुई मृतकों के प्रति 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई !
तीन कृषि बिल के खिलाफ देशभर में चल रहे किसानों के आंदोलन के छ: महीना पूरे होने पर काला पट्टी बांध तख्ती बेनर लेकर देशव्यापी काला दिवस मनाया
भाकपा माले प्रखंड सचिव बचा प्रसाद ने कहा कि
तीन कृषि बिल काला कानून वापस लेने , गेहूं एवं मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य गेहूं 1975 रुपये प्रति क्विंटल तथा मक्का 1850 रुपये प्रति क्विंटल पर अधिप्राप्ति करे
हम मांग करते हैं कि सरकार तीनो कृषि कानूनों को रद्द करें सार्वजनिक उपक्रमो के निजीकरण को बंद करे।
इनौस राज्य परिषद सदस्य जगजीतन शर्मा ने कहा कि दिहाड़ीदारो,घरेलू महिला,वर्करों, रेहड़ी,पटरी मजदूरों, निर्माण श्रमिकों, रिक्शा, ऑटो रिक्शा चालको खेत मजदूर आदि गरीबो परिवारों को 10000 दस हजार रुपया कोरोना भत्ता दे सरकार
26 मई को ही 2014 में मोदी सरकार ने अपना कार्यभार संभाला और फिर 30 मई को 2019 में फिर से शपथ ली. लेकिन जनता के लिए कार्य करने के बजाय सरकार पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है. सरकार निजीकरण पर उतारू है. दिन प्रतिदिन विभिन्न चीजों का निजीकरण किया जा रहा है. किसान आंदोलन भी पिछले 6 महीने से चल रहा है. किसानों की मांग अब तक पूरी नहीं की गई है.मौके पर लालबहादुर भगत शिवनाथ राम,बबन राजभर,जगजीतन शर्मा, बचा प्रसाद, राजेन्द्र यादव,कपिल साह, कृष्णकुमार पाण्डे, बिरेन्द्र राजभर,रामछबीला भगत,अखिलेश
आदि लोग थे।
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