बीजेपी-जेडीयू का ममता सरकार पर हमला, कहा- नहीं है कोई कानून व्यवस्था
नीतीश सरकार ने भरे 14 बच्चों के दिल के घाव.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के किशनगंज सीमा से सटे बंगाल में ग्वालपोखर थाना क्षेत्र के पंतापाड़ा गांव में बाइक चोरी के मामले में छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया। इस हमले में सदर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। इसे लेकर बिहार की सत्तारूढ़ पार्टियों बीजेपी और जेडीयू ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोला है और गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की है।
भाजपा सांसद रामकृपाल यादव ने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि ऐसा लगता नहीं है कि पश्चिम बंगाल में सरकार नाम की कोई चीज है। उन्होंने इस पूरे मामले में गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
वहीं जदयू एमएलसी गुलाम गौस ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि बिहार ने एक जाबांज अधिकारी खो दिया। उन्होंने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय से संज्ञान लेने को कहा है जिससे भविष्य में इस तरह की घटना न दोहराई जाए। बिहार पुलिस एसोसिएशन ने भी घटना पर नाराजगी जाहिर की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि बंगाल में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है।
बता दें कि सदर थाना क्षेत्र में बाइक चोरी की घटना घटित हुई थी। सूचना मिलने के बाद सदर थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार के नेतृत्व में एक टीम ढेकसारा के पास एक गांव पहुंची। वहां थानाध्यक्ष को यह कहा गया कि चोरी के आरोपी का घर बंगाल के पांतापाड़ा में है। इसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस के पहुंचते ही लोगों ने पुलिस टीम को घेर लिया। तभी आसपास के लोग भी वहां जमा हो गए। इतने में पुलिस टीम भी अपने आप को बचाने में जुट गई। लोगों ने ईंट पत्थर से हमला कर दिया। तभी थानाध्यक्ष जख्मी होकर गिर गए। जख्म इतना गहरा था कि मौके पर ही थानाध्यक्ष की मौत हो गई।
बिहार की नीतीश सरकार ने दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए बाल हृदय योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 14 बच्चे गुजरात से अपना इलाज करवाकर राज्य वापस लौट आए हैं। इन बच्चों का स्वागत खुद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने किया। उन्होंने बताया कि दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों के दूसरे बैच को जल्द ही गुजरात भेजा जाएगा।
दो अप्रैल को हुई थी बाल हृदय योजना की शुरुआत
बच्चों में होने वाली दिल की बीमारी को देखते हुए बिहार सरकार ने सात निश्चय योजना में बाल हृदय योजना को शामिल किया है। दो अप्रैल को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी शुरुआत की थी। इसी दिन 21 बच्चों के पहले बैच को इलाज के लिए हवाई जहाज से अहमदाबाद भेजा गया था। इन बच्चों के लिए सरकार ने अहमदाबाद के प्रशांति मेडिकल सर्विसेज रिसर्च फाउंडेशन के साथ करार किया है।
14 बच्चे लौटे वापस
पांच दिनों में इलाज करवाकर 14 बच्चे अहमदाबाद से सकुशल वापस लौट आए हैं। डाक्टरों ने एहतियात के तौर पर एक बच्चे को अस्पताल में रोक लिया है। वहीं छह बच्चों का फिलहाल इलाज जारी है।
परिजनों ने मुख्यमंत्री को कहा- शुक्रिया
बच्ची का इलाज करवाकर लौटे सीवान के गणेश कुमार ने बताया कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है जैसे वो कोई जंग जीतकर आए हैं। उन्होंने कहा कि इलाज में चार से पांच लाख रुपये का खर्च आता जो उनके बस की बात नहीं थी। उन्हें सरकार की इस योजना से काफी लाभ हुआ है। वहीं जहानाबाद के मिथिलेश कुमार ने कहा कि बेटी के इलाज के बाद उनका डर खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमें हवाई जहाज से भेजा, अस्पताल में हमारा अच्छी तरह से ख्याल रखा। कुमार ने इसके लिए नीतीश कुमार को शुक्रिया कहा है।