‘BJP के नेता नहीं देते थे तरजीह’–नीतीश कुमार
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में सियासी उलटफेर के बाद से सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है. राज्य में महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद बीते दिनों पटना में जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई. इस बीच नीतीश कुमार का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि 2013 में हम एनडीए से अलग हो गए थे. लेकिन गलती हुई थी.
जो फिर से साथ हो गए थे. बीजेपी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 के बाद बीजेपी के नेता हावी होने की कोशिश करने लगे थे. हमारी बात तक नहीं सुनते थे. बता दें आज सोमवार को नीतीश कुमार विपक्षी एकता को लेकर तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली गए हुए हैं.
‘सब बोल रहे हैं अलग होकर अच्छा किया’
नीतीश कुमार ने कहा कि 2013 में हम एनडीए से अलग हो गए थे. हमने जब काम करना शुरू कि. एक गलती फिर हुई. हम फिर वापस चले गए. उन्होंने आगे कहा कि ‘हम वापस एनडीए में चले गए तो कुछ राज्यों के लोग हमसे खफा होकर अलग हो गए थे. अब जब हम फिर से बीजेपी से अलग हुए हैं तो, तो कुछ लोग साथ आए हैं, सब बोल रहे हैं कि अच्छा किया.
‘बीजेपी के नेता नहीं सुनते थे बात’
नीतीश कुमार ने बीजेपी को लेकर आगे कहा कि जब हमने पहली बार महागठबंधन के साथ सरकार बनाई थी, तो इन लोगों (बीजेपी) ने बड़ी कोशिश की. हम चले गए. 2019 तक तो हमारी सभी बातों को सुना जाता था. लेकिन उसके बाद बीजेपी के लोग हमारी बातों को तव्वजों नहीं देते थे. उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग तो, हम शुरू से ही करते आ रहे हैं. लेकिन केंद्र से आज तक केवल आश्वासन ही मिला है.
सीएम ने 2019 के चुनावी घटना को किया याद
सीएम ने 2019 के चुनावी घटना को भी याद किया. नीतीश कुमार ने कहा कि 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद फोन आया था कि केंद्र सरकार में मंत्री बनाने के लिए दो नाम दीजिए, लेकिन हम जब दिल्ली पहुंचे तो कहा गए सिर्फ एक नाम चाहिए. जिसके बाद हम नहीं माने थे. उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि जदयू कोटे से केंद्र में कम से कम चार मंत्री हो. मुख्यमंत्री ने बगैर नाम लिए आरसीपी सिंह पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब मैं केंद्रीय रेल मंत्री बना, तो उन्हें अपना प्राइवेट सेक्रेटरी बनाया. वो नालंदा से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन हमने इसके लिए उन्हें मना किया था.
विपक्ष को गोलबंद करने नीतीश कुमार पहुंचे दिल्ली
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी नेताओं को गोलबंद करने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को दोपहर बाद दिल्ली पहुंचे. शाम छह बजे कांग्रेस नेता राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच करीब घंटे भर की बातचीत हुई. बताया जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ संपूर्ण विपक्ष की गोलबंदी को लेकर दोनों नेताओं ने रायशुमारी की.
लालू यादव से मुलाकात
दिल्ली रवाना होने के पूर्व उन्होंने पटना में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से पूर्व सीएम राबड़ी देवी के सरकारी आवास जाकर मुलाकात की. इस दौरान उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे. लालू प्रसाद के साथ मुख्यमंत्री ने विपक्षी नेताओं को एकजूट करने के मुहिम को लेकर चर्चा की. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार की यह पहली दिल्ली यात्रा है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करेंगे भेंट
दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री की राहुल गांधी के अलावा आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वाम नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. मुख्यमंत्री मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन जाकर भेंट करेंगे. इसके बाद उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात करेंगे. मुख्यमंत्री के साथ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री डा अशोक चौधरी और सूचना एवं जनसंपर्क व जल संसाधन मंत्री संजय कुमार भी हैं.
लालू जी और हम लोग एक ही विचारधारा के
दिल्ली रवानगी के समय लालू प्रसाद से मुलाकात को लेकर संवाददाताओं से मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग एक ही विचारधारा के हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली से लौटने के बाद वह पूरी बात विस्तार से साझा करेंगे. हम लोगों की आपस की राय एक ही है. आपस की बात हमेशा होती रही है. मुख्यमंत्री की कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमार स्वामी और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेख यादव से भी होगी मुलाकात.
विपक्षी एकता के लिए आगे बढ़ने को अधिकृत
एक दिन पूर्व जदयू की राष्ट्रीय परिषद की पटना में हुई बैठक में नीतीश कुमार को भाजपा के खिलाफ 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता के लिए आगे बढ़ने को अधिकृत किया गया था. विपक्ष की गोलबंदी के सिलसिले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पटना यात्रा को जोड़ कर देखा जा रहा है.
विपक्ष के सभी दलों से मुख्यमंत्री करेंगे मुलाकात : तेजस्वी
सीएम का दिल्ली दौरा है. वहां वे कई नेताओं से मुलाकात करेंगे. महागठबंधन के सभी साथी दल कांग्रेस, माकपा, भाकपा और भाकपा माले के नेताआें से वह मुलाकात करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अभी एक मात्र लक्ष्य जितने देश भर में सभी विपक्षी दल को एकजूट करना है.