ऐप पर पढ़ें
Blue Hole: वैज्ञानिकों ने दुनिया के दूसरे सबसे गहरे ‘ब्लू होल’ की खोज की है। इस विशाल होल को मेक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप में समुद्र तट के पास पाया गया। समुद्र के नीचे इस विशाल होल का क्षेत्रफल 1 लाख 47 हजार वर्ग फुट है। लाइवसाइंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चेतुमल खाड़ी के तट पर इस ब्लू होल की खोज की गई है।
कैसे बना ब्लू होल?
संयोग से इस विशाल ‘सिंक होल’ की खोज 2021 में हुई थी। हालांकि, हाल ही में इस होल के बारे में विस्तृत जानकारी समुद्री विज्ञान में पब्लिश हुई है। समुद्र में इतना बड़ा होल कैसे बना? Discovery.com की रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में चूना पत्थर का प्रतिशत अधिक है। समुद्र के नीचे चूना पत्थर भी है। जल के संपर्क में आने पर चट्टान के क्षरण के कारण इसने धीरे-धीरे एक बड़े होल का रूप ले लिया। इस होल का पानी गहरे नीले और काले रंग का है। मुख्य रूप से एक प्रकार के बैक्टीरिया के कारण पानी का रंग बहुत गहरा होता है। आसमान से देखने पर यह गड्ढे के तरह नजर आता है।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के एक तटीय भूविज्ञानी क्रिस्टोफर जी स्मिथ ने कहा कि यह काफी हद तक सही से नहीं समझे गए हैं। क्रिस्टोफर जी स्मिथ ने अन्य समुद्री होल के बारे में अध्ययन किया है लेकिन वो लेटेस्ट रिसर्च में शामिल नहीं थे।
नहीं पहुंच पाती सूर्य की रोशनी
इस विशाल होल को स्थानीय भाषा में ‘तम जा’ कहा जाता है। जिसका अर्थ है ‘गहरा पानी’। इस होल में ऑक्सीजन नहीं है। इसके अलावा, पानी का रंग इतना गहरा है कि सूरज की रोशनी पानी में प्रवेश नहीं कर पाती है और होल की गहराई तक नहीं पहुंच पाती है। वैज्ञानिक इस बात की जांच कर रहे हैं कि इस ऑक्सीजन रहित होल के नीचे कोई जीवन है या नहीं। ऐसा ही एक विशालकाय ‘ब्लू होल’ दक्षिण चीन सागर में मौजूद है। जिसकी गहराई 980 फीट है। इस गड्ढे को ‘ड्रैगन होल’ कहा जाता है।