दो टूक:जी-20 में हमारे रुख की हुई पुष्टि-रुचिरा कंबोज

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ग्लोबल साउथ भारतीय संस्कृति का हिस्सा

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में सतत विकास लक्ष्य को वार्ता के केंद्र में रखा गया। इसके क्रियान्वयन को लेकर भी प्रतिबद्धता दिखाई गई। रुचिरा ने कहा, भारत की सतत विकास लक्ष्य की यात्रा दृढ़ सकंल्प और सरलता का एक प्रेरक उदाहरण है।

सतत विकास लक्ष्य को लेकर भारत प्रतिबद्ध

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र से इतर शुक्रवार को ‘इंडिया राउंड टेबल: डिलीवरिंग डेवलपमेंट: जर्नीज, डायरेक्शंस एंड लाइटहाउसेज’ में अपने संबोधन के दौरान रुचिरा कंबोज ने कहा सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के कार्यान्वयन को लेकर भारत की प्रतिबद्धता एकदम स्पष्ट है। हम इस चुनौतीपूर्ण रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। सितंबर, 2023 में नई दिल्ली के शिखर सम्मेलन में हमारे सामूहिक संकल्प की फिर से पुष्टि हुई। इस कार्यक्रम का आयोजन आव्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन, यूनाइटेड नेशंस इंडिया और रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से किया था।

बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा के नीचे

रुचिरा कंबाज ने अपने संबोधन में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एसडीजी प्रगति रिपोर्ट से पता चलता है कि सतत विकास लक्ष्य का केवल 12 प्रतिशत लक्ष्य पटरी पर है, 50 प्रतिशत की प्रगति कमजोर और अपर्याप्त है और सबसे बुरी बात यह है कि दुनिया रुक गई है। रुचिरा ने कहा कि आज बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहे हैं, चार वर्ष पहले की अपेक्षा आज अधिक लोग गरीब हैं। माजूदा प्रगति को देखते हुए केवल 30 प्रतिशत देश ही 2030 तक ‘कोई गरीब नहीं’ का लक्ष्य हासिल कर पाएंगे। भारत ने इसमें सराहनीय काम किया है। हम 2030 तक बहुआयामी गरीबी को आधा करने में सफल होंगे।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने शनिवार को न्यूयॉर्क में इंडिया-यूएन फॉर ग्लोबल साउथ: डिलीवरिंग फॉर डेवलपमेंट कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ के साथ भारत का जुड़ाव नई दिल्ली की संस्कृति और दर्शन के ‘मूल ताने-बाने’ में रचा-बसा है।

न्यूयॉर्क में कंबोज ने कहा, ‘जहां तक भारत का सवाल है, ग्लोबल साउथ के साथ हमारा जुड़ाव सिर्फ नीति का मामला नहीं है, यह हमारी संस्कृति और दर्शन के मूल में समाहित है। इस महीने की शुरुआत में, जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा ने साथी विकासशील देशों के व्यापक विकास के लिए हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत किया।’

कोविड-19 महामारी के दौर को किया याद

कंबोज ने याद दिलाया कि भारत ने COVID-19 महामारी के दौरान लगभग 100 देशों को भारत में निर्मित टीके और 150 देशों को दवाओं की आपूर्ति करके मदद का हाथ बढ़ाया था। रुचिरा कंबोज ने कहा, ‘आपमें से कई लोगों को याद होगा कि पूरे कोविड ​​महामारी के दौरान, भारत ने लगभग 100 देशों को भारत में निर्मित टीके उपलब्ध कराकर और 150 देशों को दवाओं की आपूर्ति करके मदद का हाथ बढ़ाया था, जिससे हमें ‘द फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड’ उपनाम मिला।’

कंबोज ने कहा कि भारत की विकास साझेदारियों में काफी विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी कोष ने छह वर्षों में 56 विकासशील देशों में 75 परियोजनाओं का एक पोर्टफोलियो सफलतापूर्वक विकसित किया है। इस बीच कंबोज ने कहा, ‘हमारी विकास साझेदारी में भी काफी विस्तार हुआ है, जो विभिन्न क्षेत्रों में 78 देशों तक पहुंच गई है और हमने पिछले दशक में 600 परियोजनाएं शुरू की हैं जो हमारे दोस्तों के लिए हमारी सद्भावना के प्रमाण के रूप में खड़ी हैं।’

75 परियोजनाओं का एक पोर्टफोलियो सफलतापूर्वक विकसित

कंबोज ने आगे कहा कि क्षमता निर्माण भी हमारे विकास दर्शन के मूल में है और हमने अपने भागीदारों की जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए 160 से अधिक देशों के 200,000 लोगों को प्रशिक्षण की पेशकश की है। संयुक्त राष्ट्र में, भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी निधि, एक एकल देश दक्षिण-दक्षिण पहल ने केवल 6 वर्षों में 56 विकासशील देशों में 75 परियोजनाओं का एक पोर्टफोलियो सफलतापूर्वक विकसित किया है।

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