सारण में कालाजार उन्मूलन को लेकर बीएमजीएफ की टीम ने किया दौरा
• दरियापुर और परसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का किया निरीक्षण
• कालाजार के मरीजों का इलाज और पहचान की प्रक्रिया के बारे में ली जानकारी
• ग्रामीण चिकित्सक से भी टीम के सदस्यों ने किया संवाद
श्रीनारद मीडिया, छपरा (बिहार):
सारण में कालाजार उन्मूलन दिशा में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में कालाजार उन्मूलन को लेकर बिल गेट्स एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) की नेशनल टीम ने सारण जिले के विभिन्न गांवों का दौरा किया। दरियापुर और परसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में केंद्रीय टीम द्वारा कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों का गहन निरीक्षण किया गया। इस दौरान बीएमजीएफ से डॉ. विशाल डोगरा और पिरामल फाउंडेशन से आनंद कश्यप ने जिले के स्वास्थ्य कार्यों की समीक्षा की। कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन के लिए किए जा रहे कार्यों पर विस्तृत चर्चा की गई। कालाजार उन्मूलन और फाइलेरिया उन्मूलन से संबंधित किये जा रहे प्रयासों, मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं और उपलब्ध संसाधनों के बारे में जानकारी ली गयी। पिरामल टीम के डिविजनल लीड कुमार अभिषेक ने केंद्रीय टीम के साथ कालाजार के दस्तावेजों का सघन निरीक्षण किया और प्रयोगशाला में जाकर LAMB दवा के रखरखाव और आरके-39 किट की गुणवत्ता का जायजा लिया।
कालाजार के संदिग्ध मरीजों की पहचानने और इलाज के प्रक्रिया की ली जानकारी:
केंद्रीय टीम ने कालाजार के संदिग्ध मरीजों की पहचान करने और इलाज की प्रक्रिया को लेकर भी जानकारी ली। उन्होंने दरियापुर प्रखंड में कालाजार मरीजों के फॉलो-अप की प्रक्रिया का निरीक्षण किया और इस पर चर्चा की। इसके अलावा, टीम ने नाथ छपरा पंचायत के छोटका बनिया गांव का दौरा किया, जहां पंचायती राज, जीविका के सदस्य, आंगनवाड़ी सेविकाओं और आशा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इन सभी से कालाजार और फाइलेरिया के उन्मूलन में उनकी भूमिका और योगदान पर चर्चा की गई।
टीम ने ग्रामीण चिकित्सक सुरेंद्र राम से कालाजार के संदिग्ध मरीजों की पहचान और इलाज के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही, टीम ने समुदाय के लोगों से घर के अंदरूनी छिड़काव की गुणवत्ता और प्रभाव पर भी संवाद किया।
छिड़काव कार्य का किया जांच:
बीएमजीएफ की टीम ने फिरोजपुर गांव (परसा ब्लॉक) में कालाजार उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे छिड़काव कार्यों की गुणवत्ता का भी मूल्यांकन किया। परसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर कालाजार उन्मूलन के लिए किए जा रहे दस्तावेज़ीकरण की प्रक्रिया पर भी चर्चा की गई। डॉ. विशाल डोगरा ने निर्देश दिया कि डोजियर प्रिपरेशन के दस्तावेज़ को अच्छे से तैयार किया जाए ताकि भविष्य में कालाजार उन्मूलन के लिए सर्टिफिकेशन प्राप्त किया जा सके।
सारण जिले में कालाजार उन्मूलन के प्रयास लगातार जारी हैं। सारण जिले के सभी प्रखंडों में प्रति दस हजार जनसंख्या पर एक से अधिक मरीज नहीं होना चाहिए, और यह सुनिश्चित किया गया है कि इसे तीन साल तक सस्टेन भी किया जाए। वर्तमान में, सारण जिले के सभी प्रखंडों में एन्डमिसिटी रेट 0.5% से नीचे है, जो कालाजार उन्मूलन की दिशा में सकारात्मक संकेत है। इस प्रयास से सारण जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर किए जा रहे प्रयासों की सफलता की संभावना और बढ़ गई है, और उम्मीद की जा रही है कि इस अभियान को अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में पिरामल स्वास्थ्य की जिला टीम के सदस्य अरविंद कुमार पाठक, कुमार पीयूष, तेज नारायण गुप्ता, पंकज कुमार शर्मा, रवीश कुमार, ध्रुव कुमार, सपना कुमारी, घनश्याम यादव, मारुति करुणाकर सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
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