SDO के बॉडीगार्ड ने की आत्महत्या, खुद को गोली मारकर दे दी जान.
बेरहमी से मारा पर हत्यारों ने छोड़ा बड़ा सबूत
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
छपरा में सदर अनुमंडल पदाधिकारी अरुण कुमार की सुरक्षा में कार्यरत एक पुलिसकर्मी ने सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. यह घटना अनुमंडल पदाधिकारी के आवासीय परिसर स्थित बैरक की है. जहां सदर SDO अरुण कुमार के बॉडीगार्ड प्रवीण चौधरी ने खुद को गोली मार ली जिसके बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
अस्पताल में हुई मौत
मृत बाडीगार्ड बेगूसराय जिले के तेघरा गांव का निवासी प्रवीण चौधरी बताया जाता है. SDO आवास परिसर में मंगलवार को अचानक गोली चलने की आवाज आई. गोली की आवाज सुनकर वहां तैनात अन्य जवान बैरक की ओर भागे जहां प्रवीण चौधरी खून से लथपथ होकर पड़ा हुआ था. जिसके बाद वहां पर उपस्थित कर्मियों द्वारा उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मामले की हो रही जांच
घटना के संबंध में पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने सदर अस्पताल में पत्रकारों को बताया कि आत्महत्या के मामले की गहनता से जांच की जा रही है, लेकिन प्रथम दृष्टया में यह घटना पारिवारिक विवाद का प्रतीत होता है. हालांकि पुलिस अभी सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है. जांच के बाद ही आत्महत्या के कारण का पता चल पाएगा. वहीं उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों को इसकी सूचना दे दी गई है फिलहाल शव को सदर अस्पताल में ही रखा गया है. परिजनों के आने के बाद ही पोस्मार्टम कराया जायेगा.
सदर अस्पताल में जानकारी लेने पुलिस के पधाधिकारी पहुंचे
सदर अस्पताल में जानकारी लेने के लिए पुलिस समेत अस्पताल के वरीय पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे थे सदर डीएसपी मुनेश्वर प्रसाद सिंह, धर्मेंद्र कुमार, एसआईटी के प्रभारी अरुण कुमार अकेला, भगवान बाजार थानाध्यक्ष रंजीत कुमार, नगर सह प्रभारी सुजीत कुमार समेत सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसडी सिंह व अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद भी मौजूद थे.
# बेरहमी से मारा पर हत्यारों ने छोड़ा बड़ा सबूत
भागलपुर के हबीबपुर थाना क्षेत्र के भैरोपुर गांव के कुर्बन रोड स्थित दिलीप मंडल के आम बगीचा में रविवार सुबह गंगटी निवासी 30 वर्षीय अजीत यादव की निर्मम हत्या कर दी गयी थी. इस हत्या की गुत्थी सुलझाने में पुलिस जुटी हुई है. 2 साल के मासूम के सामने ही अजीत की हत्या निर्ममता से कर दी गयी थी. मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा प्रतीत हो रहा है.
बेटे की जिद पर बाइक से घुमाने निकला
मामले को लेकर मृतक की मां मीरा देवी और छोटे भाई आकाश उर्फ छोटू ने बताया कि अजीत अपने बेटे को बाइक पर लेकर घुमाने के लिए कुर्बन रोड पर चला गया. जहां से करीब नौ बजे किसी ने घर पर पहुंच जानकारी दी कि अजीत का शव कुर्बन रोड स्थित दिलीप मंडल के बगीचे में पड़ा हुआ है.
बोले परिजन : कुर्बन रोड नहीं जाता था अजीत
मृतक के परिजनों और रिश्तेदारों ने बताया कि आम तौर अजीत कुर्बन रोड में नहीं जाता था. वहीं हत्या के बाद अजीत की बाइक दयानंद मंडल के फुलवारी के गेट पर लगी हुई मिली थी. जबकि अजीत पर पहला वार घने बगीचे के बीचो बीच किये जाने के साक्ष्य पुलिस को मिले हैं.
परिजनों की आशंका
परिजनों को आशंका है कि अजीत को किसी ने फोन कर उक्त स्थल पर बुलाया था. अगर ऐसा नहीं होता तो अजीत अपने छोटे बेटे को धूप में लेकर बाइक को घटनास्थल से आधा किलोमीटर पैदल क्यों लेकर जाता. पुलिस ने भी मामले में अजीत के मोबाइल नंबर का सीडीआर जांच निकालना शुरू कर दिया है.
घटनास्थल से मिले दो दो जोड़ी चप्पल, होगी जांच
अजीत हत्याकांड मामले में दो घटनास्थल बने हैं. पहला वहां जहां अजीत पर पहला वार किया गया. जहां अजीत का बेटा और झाड़ियों और जमीन पर खून के धब्बे मिले. उसी जगह पुलिस को दो अज्ञात लोगों के दो जोड़ी चप्पल भी मिले हैं. जोकि खून से लथपथ थे. पुलिस ने खोजी कुत्ते को उक्त चप्पलों को सूंघाया, जिसके बाद कुत्ता सूंघता हुआ भैरोपुर गांव के मोड़ पर जा पहुंचा. भैरोपुर मोड़ पर ही पुलिस को एक घर में कई सीसीटीवी कैमरे भी लगे मिले हैं. जिसकी जांच की जा रही है.
दयानंद की बहन ने एएसपी से कहा, उसके भाई ने अजीत को बचाने का किया प्रयास :
घटनास्थल की जांच-पड़ताल के दौरान एक लड़की पुलिस के पास पहुंची और उसने एएसपी सिटी से मिल कर जानकारी दी कि रविवार सुबह नौ बजे वह अपने भाई दयानंद मंडल जो फूल व्यापारी है उसके साथ फूल तोड़ने के लिये फुलवारी आयी थी. जिस जगह अजीत का शव मिला था वहां दयानंद ने कुछ लोगों को अजीत पर वार करता हुआ देखा तो दयानंद उसे बचाने के लिए चला गया. मगर वह अजीत को नहीं बचा सका. हालांकि पुलिस लड़की के बयान के सत्यापन की जांच भी कर रही है. दयानंद के पकड़े जाने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि अजीत हत्याकांड में दयानंद मिला हुआ है या फिर दयानंद पुलिस के सामने आकर हत्यारों का नाम बताएगा.
सुलतानगंज गनगनिया के रास्ते मुंगेर भागा, पुलिस ने लिया सहयोग :
जब पुलिस ने मामले में दयानंद की खोजबीन शुरू की तो तकनीकी जांच के क्रम में पुलिस को जानकारी मिली कि घटना के बाद से ही दयानंद घटनास्थल से फरार है. टॉवर लोकेशन जांच में दयानंद के सुलतानगंज गनगनियां के रास्ते मुंगेर की तरफ भागने के साक्ष्य मिले हैं. इसको लेकर पुलिस ने मुंगेर और बांका पुलिस दोनों का ही सहयोग लिया है.
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