BOOK Fair 2023:कोरोना के बाद पहली बार पुस्तक मेले का आयोजन होने जा रहा है!
नई शिक्षा नीति और आजादी का अमृत महोत्सव की होगी झलक
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कहा जाता है कि व्यक्ति का पुस्तक सबसे अच्छा और भरोसेमंद मित्र होता है. दिल्ली का यह चर्चित पुस्तक मेला अनेक मायनों में किताबों से लगाव रखने वालों के लिए खास है. बीते कुछ सालों से कोरोना महामारी की वजह से यह आयोजन जरूर प्रभावित हुआ.
दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित 25 फरवरी से 5 मार्च तक चलने वाले 9 दिवसीय विश्व पुस्तक मेला 2023 (World Book Fair 2023) को लेकर भव्य तैयारियां इस समय जोरों पर है. विशेष तौर पर यह पुस्तक प्रेमियों के लिए खास अवसर होता है. इस बार काफी लंबे इंतजार यानी कोरोना महामारी के बाद इसका आयोजन वृहद स्तर पर किया जा रहा है. प्रगति मैदान स्थित हाल में अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ-साथ साहित्य, विज्ञान, मनोरंजन व हर क्षेत्र से जुड़ी पुस्तकों का मेले के माध्यम आयोजन किया जाएगा. एक रिपोर्ट के अनुसार इस बार 40 अन्य देशों के प्रकाशक भी इस मेले में शामिल होंगे.
भारत इस बार जी-20 की मेजबानी कर रहा है. यह पूरे देशवासियों के लिए गौरवपूर्ण पल है. इससे जुड़े अनेक कार्यक्रम भी राजधानी दिल्ली में निर्धारित किए जा रहे हैं. वहीं, माना जा रहा है कि जी-20 देशों के पुस्तक प्रकाशक भी इस पुस्तक मेले में शामिल हो सकते हैं जिसको देखते हुए अलग से जी-20 पवेलियन बनाया गया है.
जिसमें उन देशों के प्रकाशक शामिल हो सके और उन्हें आसानी से नई पुस्तक पढ़ने और देखने को मिले. बच्चों युवावस्था व हर वर्ग के लिए ज्ञानवर्धक व जीवन को एक नई राह देने वाली इस पुस्तक मेले में उपलब्ध होंगी और इस बार बेहद अलग अंदाज में इस आयोजन को खास बनाने की तैयारी चल रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार इस बार 40 अन्य देशों के प्रकाशक भी इस मेले में शामिल होंगे.
आजादी के अमृत मोहत्सव के उपलक्ष्य में पुस्तक मेला की थीम अमृत महोत्सव पर होगी. इस दौरान देश की आजादी के प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सैनिकों, लेखकों आदि की गाथा और उनसे जुड़े साहित्य का प्रदर्शन किया जाएग. इस बार पुस्तक प्रेमियों को पुस्तक मेला में जी-20 पवेलियन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति पवेलियन, एजुकेशन टेक जोन, युवा लेखक कॉर्नर जैसे नए प्रयोगों से रू-ब-रू होने का मौका मिलेगा.
फ्रांस को मेले में अतिथि देश का दर्जा
चूंकि मेले में देसी-विदेशी दोनों ही साहित्य उपलब्ध होगा, तो अन्य देशों के प्रकाशक भी यहां हिस्सेदारी करेंगे।फ्रांस को मेले में अतिथि देश का दर्जा दिया गया है। ऐसे में फ्रांस का साहित्य भी खासतौर पर उपलब्ध होगा। वहां के 50 से अधिक लेखक, साहित्यकार, प्रकाशक और साहित्य प्रेमी भी मेले का हिस्सा बनेंगे। मेले के लिए प्रकाशकों द्वारा स्टाल बुकिंग अभी चल रही है, लेकिन यह संख्या भी सैकड़ों में रहने की संभावना है।
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