गोपालगंज के दो कवियों की पुस्तकों का हुआ विमोचन, पुस्तकों की हुई विवेचना
श्रीनारद मीडिया, सीवान/गोपालगंज (बिहार):
गोपलगंज जिला के थावे के अलफा इंटरनेशनल स्कूल थावे के मीटिंग हॉल में गोपलगंज जिला के दो कवियों (शायरों) की पुस्तकों का विमोचन किया गया। मशहूर शायर रज़ी अहमद फैज़ी का काव्य संग्रह,’ नैरंग-ए- तमन्ना ‘ और शायर मेराजुद्दीन तश्ना का काव्य संग्रह ‘ तश्ना लबी ‘ के विमोचन कार्यक्रम में जिले के तमाम साहित्यकारों, गणमान्य नागरिकों एवं साहित्य प्रेमियों का जमावड़ा हुआ।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मशहूर शायर फ़हीम जोगापुरी ने की। जबकि मुख्य अतिथि के रूप में बेतिया के शायर एवं नामचीन साहित्यकार डॉ नसीम अहमद नसीम की उपस्थिति रही। मंच का संचालन हिंदी के सुविख्यात कवि सुनील कुमार तंग इनायत पुरी ने किया।
प्रोग्राम की शुरूआत में दास्तान-ए-उर्दू गोपालगंज के अध्यक्ष शर्फुद्दीन ‘शर्फ’ ने इस कामयाब साहित्यिक आयोजन पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि नयी पीढ़ी साहित्य से दूर होती जा रही है। उन्हें साहित्य का चस्का लगे और वे साहित्य में रुचि लें,इसके लिए ऐसे कार्यक्रमों की सख्त आवश्यकता है। किसी न किसी बहाने ऐसे अदबी आयोजन होते रहने चाहिए। तत्पश्चात स्थानीय शायर-कवियों, अतिथि शायर-कवियों एवं उपस्थित साहित्य प्रेमियों ने अपने हाथों में पुस्तक की एक- एक प्रतियां लेकर विमोचन कार्यक्रम को सफल बनाया। पुस्तक विमोचन के उपरांत दोनों कवियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। साथ ही, दोनों शायरों की रचनाओं की विवेचनाएं प्रस्तुत की गईं।
विवेचना की शुरुआत करते हुए डॉ समी बहुआरवी ने कहा कि गोपालगंज का साहित्यिक इतिहास बहुत पुराना है। इस धरती ने ऐसे ऐसे लाल पैदा किए हैं जिनकी चमक आज तक साहित्य जगत को जगमगा रही है।शायर रज़ी अहमद फैज़ी और शायर मेराजुद्दीन तश्ना साहित्यिक सफर को न केवल दूर तक ले जाने की कोशिशों में लगे हैं,बल्कि अपनी साहित्य साधना से साहित्यिक जगत को प्रकाशमान कर रहे हैं।
सारण जिला के इलेक्शन अफसर जावेद इकबाल ने रज़ी अहमद फैज़ी की पुस्तक पर बेहतरीन विवेचना प्रस्तुत किया। उन्होंने शायर रजी अहमद फैजी के काव्य संग्रह ‘नैरंग-ए-तमन्ना’ की नज्म ‘इंतजार’ का जिक्र करते कहा कि इस नज्म में कशमकश भी है, छटपटाहट भी है,उम्मीदों की मजबूत डोर भी है और मिलन की बेचैनी भी। ऐसे तो इनकी कविताओं का कैनवास व्यापक है। ढेर सारे तथ्यों को समेटती उनकी कविताओं में छीजते रिश्तों को लेकर बेचैनी स्पष्ट नजर आती है। मानवीय संवेदनाओं को सहेजने की कोशिश और सामाजिक मूल्यों की रक्षा की छटपटाहट भी है। हिंसा और नफरत भरी दुनिया को प्यार का संदेश भी है। इन्होंने अपने जज्बातों, अरमानों आदि को शब्दों के रंगों में कुछ इस तरह रंगा है कि कविताएं मन को रंजित करती हुईं दिल में उतरती जाती हैं। साथ ही, उन्होंने दोनों कवियों से अपने गहरे संबंधो को भी शेयर किया। उन्होंने कहा कि भाषा एवं साहित्य के लिए मैं इन दोनों शायरों की मेहनत और लगन का कायल हूं।
शायर रज़ी अहमद फैज़ी की काव्य पुस्तक ‘ नैरंग ए तमन्ना ‘ पर डॉ इरशाद अहमद का लिखा विवेचन उनकी गैरमौजूदगी में उनकी ख्वाहिश के मद्देनजर रहमत आरा ने पेश किया। मुख्य अतिथि डॉ नसीम अहमद नसीम ने दोनों किताबों पर खुलकर चर्चा करते हुए कहा कि बिहार के जिन कवियों ने लोगों को अपनी रचनाओं के द्वारा प्रभावित किया है- उनमें मेराजुद्दीन तश्ना और रज़ी अहमद फैज़ी के नाम अहम हैं। दोनों में बुनियादी फर्क लहजे और तेवर का है।
वहीं अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में मारुफ व मशहूर शायर फ़हीम जोगापुरी के चेहरे पर दोनों कवियों के गुरु होने का गौरव स्पष्ट रूप से झलक रहा था। उन्होंने अपने शागिर्दों की कार्यकुशलता पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई और दुआएं दीं। अध्यक्ष के आदेश पर विमोचन कार्यक्रम कवि सम्मेलन सह मुशायरा में परिवर्तित हो गया।
इस अहम कार्यक्रम में जिले के तकरीबन सभी कवियों के साथ-साथ कुशीनगर की कवयित्री रुबी गुप्ता व सीवान से तृप्ति रक्षा ने भाग लिया। श्रोताओं में अलफा इंटरनेशनल मिशन स्कूल,थावे के डायरेक्टर खुर्शीद आलम, ईं मुख्तार आलम, नेशनल कालेज बरौली के सचिव अमर सिंह, प्रो सीताराम साह, प्रो रामानंद सिंह, प्रो पशुपति नाथ मिश्र,वीरेंद्र चौधरी,अल्लामा इक़बाल स्कूल के डायरेक्टर नज़रे हयात, माडर्न पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर फिरोज खान, नबीउल्लाह अहसन, सीनियर अधिवक्ता अबु शमीम, सीनियर अधिवक्ता मुश्ताक आजम, मधूसुदन तिवारी अधिवक्ता, अली इमाम अधिवक्ता, मौलाना जहीर अहमद नदवी, अकबर हुसैन,शिक्षक मो इमामुद्दीन,अलाउद्दीन, जफीर आलम, इलियास आलम, मुहम्मद ओवैस , नफीस आलम, गुफरान हैदर,एहसन अहमद, मुहम्मद फैसल,ईं वसी अहमद,ईं शोएब अख्तर, रेयाज अहमद, शफी अख्तर के अलावा शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे. प्रोग्राम के आखिर में स्कूल के डायरेक्टर खुर्शीद आलम ने सभी का शुक्रिया अदा किया।
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