ब्राह्मणों को एकजुट होकर उठानी होगी आवाज

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सीवान के पिपरा में धूमधाम से भगवान परशुराम की जयंती मनाई गई। जयंती समारोह में अलग अलग पार्टियों के ब्राह्मण नेताओं के साथ साथ अन्य लोगों ने भी हिस्सा लिया। बता दें कि भगवान परशुराम विष्णु के दशावतारों में से एक हैं। वे भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं। भगवान परशुराम महर्षि जमदग्नि और रेणुका के पुत्र हैं। भगवान परशुराम जी का जन्मोत्सव वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाया जाता है।

इसी दिन अक्षय तृतीया का पर्व भी मनाया जाता है। मान्यता है कि परशुराम जन्मोत्सव के दिन भगवान परशुराम जी की उपासना करने से साधक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इन्हीं मान्यता के अनुसार शनिवार को उक्त गांव में बड़े ही धूमधाम के साथ परशुराम जन्मोत्सव का आयोजन किया गया। अध्यक्षता अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ गठन के अध्यक्ष विनोद तिवारी ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि टुना जी पाण्डेय थे। उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान परशुराम ने अन्याय,अत्याचार व बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़ी आज समय है कि हम भी उसी तरह समाज की बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़े।

परशुराम एक विचाराधारा हैं
विनोद तिवारी ने कहा कि परशुराम एक विचारधारा है जिसे हमें अपनाने की जरूरत है परशुराम के विचारधारा से ओतप्रोत होकर समाज के लिए हर संभव प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम शस्त्र और शास्त्र के पुजारी हैं हमें अपने समाज कल्याण के लिए आवश्यकता के अनुसार कहीं शास्त्र तो कहीं शस्त्र उठाने से पीछे नहीं हटना है। मौके पर आशुतोष उपाध्याय, टूना जी पांडे, दीपक मिश्र, सोनू पाठक, कुंदन शाही, प्रिंस उपाध्याय, बुचा राय, सुधीर दुबे, अविनाश पांडे, धर्मेंद्र तिवारी, दिनेश पाठक, अवधेश मिश्र, गणेश चंद्र मिश्र, मोहन पाण्डेय सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

राजद नेत्री लीलावती गिरि ने ब्राह्मणों को एकजुट एवं विकास करने के लिए यह बहुत ही अच्छी पहल है। हमारी आने वाली पीढ़ियां भी यह कार्यक्रम आयोजित करती रहेंगी। शत्रुघ्न पांडे ने कहा कि जन्म से हर कोई शूद्र पैदा होता है हमारे कर्म एवं संस्कार ही हमें ब्राह्मण बनाते हैं स्वस्थ एवं शास्त्र का संपूर्ण आत्मसात करने वाले भगवान परशुराम हैं और हम सभी उनके वंशज हैं तो हमें उनका अनुकरण करते हुए उनके जैसा बनने का प्रयास करना चाहिए। ब्राम्हण दूसरों को आशीर्वाद देकर महान बना देता है, लेकिन अपने कर्मों के कारण ही स्वयं पिछड़ा हुआ रहता है।

सीवान के महाराजगंज में ब्राह्मण समाज के द्वारा भगवान परशुराम की जयंती समारोह पूर्वक आयोजित कर मनाई गई। विद्वान पंडितों के द्वारा मंत्रोच्चारण के बीच धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सभाओं में भगवान परशुराम का गुणगान किया गया। ब्राह्मणों ने भगवान परशुराम का विधिवत पूजा अर्चन कर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मिथलेश तिवारी ने कहा कि ब्राह्मण समाज को जोड़ने का काम करता है तोड़ने का नहीं।

उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज में हर काल और समय में कुछ न कुछ दिया। जब पूरे विश्व में बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार जोड़ो पर था तब 14 साल के आदि गुरु शंकराचार्य ने सनातन धर्म की रक्षा किया था। उन्होंने कहा कि वेद शास्त्रों के अनुसार भगवान परशुराम का जन्म वैशाख मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को हुआ था। इस दिन को अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है। अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण भगवान परशुराम की शक्ति की क्षति नहीं हुआ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ अशोक प्रिय वंदन ने कहा कि परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार थे. महर्षि वेदव्यास, राजा बलि, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य, ऋषि मार्कडेय सहित उन आठ अमर किरदारों में उनकी गिनती होती है जिन्हें कलियुग तक अमर माना जा रहा है।

 

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