दाहा नदी संरक्षण के रोड मैप पर मंथन
दाहा नदी संरक्षण अभियान द्वारा विद्या भवन महाविद्यालय में संगोष्ठी का हुआ आयोजन
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
बुधवार को विद्याभवन महाविद्यालय में दाहा नदी संरक्षण अभियान के तत्वाधान में दाहा नदी संरक्षण के रोड मैप पर प्रबुद्धजनों ने मंथन किया। प्राचार्या डॉक्टर रीता कुमारी के नेतृत्व में मंथन पर इस बात पर प्रबुद्धजनों ने आम सहमति थी कि दाहा नदी संरक्षण के लिए संसाधन से अधिक आवश्यकता संकल्पशक्ति की है। संगोष्ठी के उपरांत टड़वा मठिया जाकर दाहा नदी के किनारे घाट का अवलोकन किया गया और वहां के युवाओं और बच्चों को दाहा नदी के महत्व के बारे में बताया गया।
मंथन में विद्याभवन की प्राचार्या डॉक्टर रीता कुमारी ने कहा कि दाहा नदी का संरक्षण भू जल स्तर, जलीय जैव विविधता के संरक्षण के संदर्भ में बेहद जरूरी है। इसके संरक्षण के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ना है। प्रत्येक सप्ताह हम श्रमदान और अन्य तरीकों से लोगों को जागरूक करते रहेंगे। लोगों को नदी में कचरा डालने से रोकने के लिए समझाना होगा। प्रोफेसर रवींद्र पाठक ने कहा कि दाहा नदी संरक्षण के लिए प्रयास में निरंतरता बेहद आवश्यक है। जनसहभागिता से इस नदी को स्वच्छ किया जा सकता है।
संगोष्ठी में शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक ने कहा कि दाहा नदी के संरक्षण में सबसे पहला काम लोगों को दाहा नदी के महत्व को बताकर उन्हें संरक्षण अभियान से जोड़ना होगा। नियमित गतिविधियों के माध्यम से अभियान को लंबे स्तर पर चलाना होगा। नदी किनारे वृक्षारोपण अभियान के भी बेहद सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
संगोष्ठी में इतिहासकार कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि दाहा नदी से रामायण के प्रसंग जुड़ने की बात आ रही है। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के जीवन के कुछ प्रसंग भी इस नदी से जुड़े रहे है। इस नदी से जुड़े प्रसंगों को उद्घाटित कर इस नदी के प्रति श्रद्धा और आस्था को बढ़ाना आवश्यक है।
युवा चित्रकार रजनीश मौर्य ने कहा कि दाहा नदी पर स्थित पुलों पर जाली लगाना बेहद आवश्यक है। अनमोल कुमार ने कहा कि दाहा नदी के किनारे रिवर फ्रंट का निर्माण तथा सौंदर्यीकरण भी आवश्यक है। संगोष्ठी में सूरज कुमार, शिवम अभिमन्यु आदि उपस्थित रहे।
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