वोट डालकर ही मरूंगा कहने वाले बुजुर्ग की बैलेट पर मोहर मारते ही थम गयी सांसें
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
यह संकल्प शक्ति थी या महज संयोग कि लंबी बीमारी से जूझ रहे एक बुजुर्ग का कहा वाक्य सौ फीसदी सच साबित हुआ। वह काफी दिनों से कहते आ रहे थे, ‘मैं तो वोट डालकर ही मरूंगा।’ गुरुवार को बैलेट पेपर पर मोहर लगाकर उन्होंने जैसे ही मतदानकर्मी को दिया, वह वहीं गिर पड़े और उनकी सांसें थम गईं।
मामला संभल के थाना बनियाठेर के गांव जनेटा का है। गांव के 77 वर्षीय दूल्हा खां ब्लड प्रेशर के मरीज थे। उन्हें गांव के छोटे-बड़े लोग अब्बा कहते थे। बुजुर्ग की पिछले साल बहुत तबियत खराब रही। लोग हंसी-मजाक में कह देते थे, अब्बा अब जाने वाले हो। तब बुजुर्ग यही जवाब देते, प्रधानी का वोट डालकर ही मरूंगा। गुरुवार सुबह भी जब मतदान शुरू हुआ तो लोग वोट डालने निकलने लगे। बुजुर्ग दूल्हा खां बूथ तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। इस पर एक पड़ोसी तंज कस दिया, ‘अब्बा तुम तो कहते थे कि वोट डाल डाल कर ही दम तोड़ोगे, अब वोट डालने क्यों नहीं जा रहे।’ युवक की बात से बुजुर्ग को ऐसा जोश आया कि वह अपने छोटे बेटे मुस्तकील के साथ ई-रिक्शा पर बैठ कर मतदान केंद्र जनेटा प्राथमिक विद्यालय के बूथ 67 कक्ष एक पर पहुंच गए।
बूथ पर बड़ी संख्या में मतदाता लाइन में लगे थे लेकिन दूल्हा खां को देख लोगों ने उन्हें मतदान के लिए आगे कर दिया। मतपत्र पर मोहर लगाने के बाद वह मतपेटी में बैलेट पेपर डालने को बढ़े लेकिन तबीयत ठीक न लगने पर उन्होंने पेपर मतदानकर्मी को दे दिया। इसके साथ ही वह बेहोश होकर गिर पड़े और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
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