बिहार में ऑनर किलिंग के तहत भाई ने बहन को गोलियों से भूना
वृद्ध मां-बाप के सामने उठी जवान बेटे की अर्थी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के नवादा में एक लड़की को लव मैरिज करने की कीमत अपनी जान से चुकानी पड़ी। उसके भाई ने शादी के 5 साल बाद लड़की को गोलियों से भून दिया। मौके पर ही मौत हो गई। घटना अकबरपुर थाना इलाके के गंज गांव की है। घटना के बाद से आरोपी और उसका परिवार फरार है । पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और छानबीन शुरू कर दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक नेमदारगंज निवासी छोटेलाल चौधरी की बेटी चांदनी ने 5 साल पहले द्वारका रविदास के पुत्र विपिन रविदास के साथ लव मैरिज कर लिया था। शादी के बाद से नहीं दोनों परिवारों के बीच तनातनी की स्थिति से डरकर चांदनी और विपिन बाहर भाग गए थे। दोनों रहकर नौकरी करते थे। दशहरा के अवसर पर दोनों अपने गांव आए थे। चांदनी अपने ससुराल में थी और दुर्गा पूजा के मौके पर मेला देखने के लिए बाहर निकली थी। चांदनी एक दुकान से कुछ सामान खरीद रही थी। इसी दौरान उसके भाई कुंदन चौधरी ने उस पर गोलियां बरसा दी।
चांदनी को तीन गोलियां लगी हैं जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। गोलियों की तरतराहट से बाजार में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों की सूचना पर अकबरपुर पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू कर दिया। थाना प्रभारी अजय कुमार ने कहा कि प्रेम प्रसंग का मामला है। गोली मारकर विवाहिता लड़की की हत्या की गई है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है ।
मृत चांदनी के ससुर द्वारिका रविदास ने बताया कि यह मामला ऑनर किलिंग का है। शादी के बाद से ही दूल्हा दुल्हन दोनों को मार देने की धमकी दी जा रही थी। उन लोगों ने बहू की हत्या कर दी हैं। वे काफी डरे हुए हैं क्योंकि बेटे की जान भी जा सकती है।
वृद्ध मां-बाप के सामने उठी जवान बेटे की अर्थी
नियति की भी अजीब विडंबना है, जो कभी कभी मानव जीवन को झकझोर कर रख देती है। वयोवृद्ध माता-पिता के सामने ही एक जवान बेटे की अर्थी निकलती है। इस हृदय विदारक दृष्य को देखकर बूढ़े मां-बाप की आंखें पथरा जाती है। घटना बिहार के पटना में किंजर बाजार निवासी रामाशीष सिंह (अमीन) के घर की है। मां बाप जीवन के अंतिम पड़ाव पर हैं, लेकिन इनके जीवन का एक मात्र सहारा, जवान बेटा करण कुमार उर्फ भूलटून कुमार जो पेशे से अपने क्षेत्र के बिजली वायरिंग मिस्त्री के नाम से चर्चित थे। इसी से वह अपने बूढ़े मां- बाप एक चार वर्षीय पुत्र एवं पत्नी का जीवन की नैया को खेव रहा था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर थ।
बीमार होते ही बुधवार को पटना के निजी अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया। लेकिन, एक ही दिन बाद बीमारी रूपी काल के गाल में समा गया। इस खबर को सुनते ही, आसपास एवं पूरे मुहल्ले में इस युवक के चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई। मां बाप दोनों बेसुध हो गए। अपने बुढ़ापे के बचे दिनों के लिए भगवान से दुआएं मांगने लगे। उनके मुंह से एक ही शब्द निकल रहा था, भगवान मुझे क्यों नहीं उठाया अब हम कैसे रह पाएंगे, कैसे उसके एक छोटे बच्चे का परवरिश होगी। इन्हीं शब्दों को रोते कलपते दुहराते हुए बार-बार बेसुध हो रह् थे।
नियति ने इस परिवार के साथ दो वर्ष पूर्व भी यही खेल खेला था जब इस परिवार के बड़े बेटे की भी मृत्यु मात्र 35 वर्ष में हो गयी थी। इस परिवार पर एक और दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, अब इस बूढ़े मां बाप पर दो बेवा बहुएं एवं दो छोटे पोते की भार पड़ गई है। वही किंजर पुनपुन नदी पर शुक्रवार को अहले सुबह इस नवयुवक की अंतिम संस्कार की गई। वही स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि सह समाजसेवी डॉ कमलेश कुमार ने कबीर अंत्येष्टि के तहत तीन हजार रूपये दिए एवं इस बूढ़े मां बाप तथा उसकी बेवा को ढांढ़स बंधाया।
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