बिहार में जल्द दौड़ेगी बुलेट ट्रेन,कहाँ-कहाँ होंगे स्टेशन?
UP-बिहार में बनेंगे 5 नए स्टेशन
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
वाराणसी-पटना-हावड़ा हाई स्पीड बुलेट ट्रेन के लिए रूट चार्ट अब तैयार किया गया है. आँधी से भी तेज रफ्तार में बुलेट ट्रेन जल्द ही बिहार की पटरियों पर दौड़ने वाली है. कुल 799 किमी लंबा यह कॉरिडोर चार राज्यों यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 18 जिलों के 739 गांवों से गुजरेगा. बिहार की राजधानी पटना के 58 गांवों से 350 किलोमीटर की स्पीड से बुलेट ट्रेन गुजरेगी.
दो फेज में होगा काम
बुलेट ट्रेन का पूरा काम दो फेज में शुरू होगा. पहले फेज में बक्सर, पटना और गया जबकि दूसरे फेज में आरा और जहानाबाद में स्टेशन बनाए जाएंगे. सभी पांचों जिलों में जमीन का अधिग्रहण शुरू हो चुका है. पटना में 60 किमी से ज्यादा एलिवेटेड ट्रैक बनेगा और इसके लिए दानापुर, फुलवारी शरीफ, संपतचक, मसौढ़ी और विक्रम क्षेत्र में 135 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. ऐसे में अगर मुआवजे की बात करें तो ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल दर से 4 गुना और शहरी क्षेत्र में 2 गुना मुआवजा मिल सकता है. जमीन अधिग्रहण को लेकर डीएम बैठक कर चुके हैं.
रेलवे ने वाराणसी-पटना-हावड़ा बुलेट ट्रेन के लिए रूट चार्ट अब तैयार किया है, जिसमें ट्रेन 13 स्टेशनों से होकर गुजरेगी। यह हाई-स्पीड रेल उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगी। वाराणसी-पटना-हावड़ा हाई-स्पीड रेल (बीपीएचएचएसआर) कॉरिडोर परियोजना अभी अपने शुरुआती चरण में है। इस ट्रेन का पूरा काम दो फेज में होगा। पहले फेज में बक्सर, पटना और गया जबकि दूसरे फेज में आरा और जहानाबाद में स्टेशन बनाए जाएंगे। सभी पांचों जिलों में जमीन का अधिग्रहण शुरू हो चुका है.
भारतीय रेलवे के अनुसार, ट्रेन की अधिकतम स्पीड 350 किलोमीटर प्रति घंटा, परिचालन गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा और ऐवरेज गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की उम्मीद है।
बुलेट ट्रेन उत्तर प्रदेश के वाराणसी सहित प्रमुख स्टेशनों से होकर ये ट्रेन गुजरेगी। वहीं, बिहार में बक्सर, आरा, पटना, जहानाबाद और गया भी इसके रूट में शामिल है। झारखंड में कोडरमा और धनबाद और पश्चिम बंगाल में आसनसोल, दुर्गापुर, वर्धमान, दानकुनी और मैदान कोलकाता भी इस ट्रेन के रूट में है। इन जगहों पर स्टेशनों के अलावा, बिहार में बुलेट ट्रेन के लिए विशेष रूप से चार नए स्टेशन बनाने की योजना है। इसके लिए प्रभावित भूमि मालिकों को उचित मुआवजा देने की भी तैयारी की जा रही है और सुनिश्चित करने के लिए मिट्टी की जांच पूरी होने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।