भारतीय मानक ब्यूरो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप मानक तैयार कर रहा है: अश्विनी चौबे
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में, भारतीय मानक ब्यूरो राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप मानक तैयार कर रहा है। इसने खाद्य, रसायन, इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य देखभाल उपकरणों, वस्त्रों एवं सेवाओँ जैसे विविध विषयों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे उच्च तकनीकी क्षेत्रों के लिए 21,000 से अधिक भारतीय मानक तैयार किए हैं।
वास्तव में इन मानकों को तकनीकी समितियों के नेटवर्क के माध्यम से सर्वसम्मति से तैयार किया गया है। जिनमें उद्योगों, अनुसंधान संस्थानों, सरकारी संगठनों, उपभोक्ताओं, परीक्षण प्रयोगशालाओं के स्टेकहोल्डर और विशेषज्ञ शामिल होते हैं जिससे यह सिद्ध होता है कि इन मानकों में सभी स्टेकहोल्डरों की मांगों और अपेक्षाओं को ध्यान में रखा जाता है।
केंद्रीय राज्य मंत्री श्री चौबे विश्व मानक दिवस पर भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
बीआईएस अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) और अंतर्राष्ट्रीय विद्युत-तकनीकी आयोग (आईईसी) की गतिविधियों में भी भाग लेता रहा है और इसने अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण गतिविधियों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। यह अंतर्राष्ट्रीय मानकों के विकास के विभिन्न चरणों में देश के हित को भी आगे रख रहा है। विश्व मानक दिवस समारोह का विषय “सतत विकास लक्ष्यों के लिए मानक (एसडीजी) – बेहतर विश्व हेतु साझा दृष्टिकोण” है जो कि समय की आवश्यकता है। वर्तमान में, सतत विकास लक्ष्य मानव जाति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह सामाजिक असंतुलन को दूर करता है और जिसका लक्ष्य दीर्घकालिक अर्थव्यवस्था विकसित करना है।
भारत, संपूर्ण मानवजाति के छठे हिस्से का निवास है और यह सतत विकास के 2030 के एजेंडा की सफलता की कुंजी है। जिसे संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने सर्वसम्मति से सितंबर 2015 में अपनाया था और जिसका मानवजाति की भलाई और प्रगति में बहुत महत्व होगा। भारत सरकार राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और जरूरतों के अनुरूप राष्ट्रीय स्तर पर परिभाषित संकेतकों के आधार पर इन 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है।
एसडीजी हमारे अपने प्रमुख विकास कार्यक्रमों का प्रतिबिंत है और मूल रूप से इसे प्राथमिकता देते हैं; और कई सरकारी कार्यक्रम एसडीजी एजेंडा को आगे बढ़ाने में योगदान देते हैं। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रतिपादित “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास”, भारत के राष्ट्रीय विकास एजेंडा का केंद्रबिंदु है।
अपने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी और विनिर्माण का केंद्र बनने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों से सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) की उपलब्धियों को सुसाध्य करने में मदद मिलेगी जो कि आर्थिक प्रगति और समावेशी विकास में सहायक होगा।
प्रधानमंत्री जन धन योजना, दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशन कार्यक्रम, स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना आदि एसडीजी की उपलब्धियों की महत्वपूर्ण प्रगति में सहायक रहे हैं।
उपराष्ट्रीय स्तर पर प्रगति के पैमानों के सूचक एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2020-21 से यह सामने आया है कि देश ने एक मजबूत एसडीजी स्थानीयकरण मॉडल विकसित किया है और एसडीजी पर 2030 का एजेंडा प्राप्त करने की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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